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चिकित्सक जांच कर बताएं गर्भपात हो सकता है या नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

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Published : Jun 12, 2020, 8:22 PM IST

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गर्भपात मामले पर हाईकोर्ट का आदेश

दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई युवती के गर्भपात को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने जनाना अस्पताल, जयपुर के अधीक्षक को मेडिकल जांच करने को कहा है. साथ ही 15 जून तक रिपोर्ट पेश करके इस स्टेज पर गर्भपात हो सकता है या नहीं यह बताने को भी कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पड़ोसी की ओर से दुष्कर्म के चलते गर्भवती हुई युवती के गर्भपात को लेकर जनाना अस्पताल जयपुर के अधीक्षक को मेडिकल जांच करने को कहा है. अदालत ने अस्पताल अधीक्षक को 15 जून तक रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि गर्भावस्था की इस स्टेज पर गर्भपात हो सकता है या नहीं.

न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है. याचिका में कहा गया कि उसके पड़ोस में रहने वाले आरोपी ने याचिकाकर्ता की पुत्री के साथ दुष्कर्म किया था. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई थी. फिलहाल उसे करीब 22 सप्ताह का गर्भ है.

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साथ ही पीड़िता की उम्र और उसके स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अस्पताल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब करते हुए गर्भपात को लेकर वस्तु स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

हाईकोर्ट ने बिना अनुमति पेड़ काटने के मामले पर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर के केंद्रीय विद्यालय क्रम 1 में बिना अनुमति पेड़ काटने पर अजमेर कलेक्टर, वन विभाग और केंद्रीय विद्यालय प्रबंधक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश सत्यनारायण की जनहित याचिका पर दिए है.

जनहित याचिका में कहा गया कि नियमों के तहत हरे पेड़ काटने से पूर्व जिला कलेक्टर और वन विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है. यदि पूर्व अनुमति लिए बिना हरे पेड़ को काटा जाता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसके बावजूद अजमेर के केंद्रीय विद्यालय क्रम 1 के प्राचार्य ने बिना अनुमति लिए लॉकडाउन के दौरान स्कूल परिसर में लगे 35 पुराने पेड़ों को कटवा दिया गया.

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याचिका में कहा गया कि काटे गए पेड़ों के स्थान पर पुनः वृक्षारोपण कराया जाए और प्राचार्य के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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