ETV Bharat / city

थार बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना के लिए कवायद शुरु...चिंकारा और गिद्धों के साथ होगा लुप्तप्राय: प्रजातियों का संरक्षण

author img

By

Published : Aug 27, 2021, 5:31 PM IST

थार बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना
थार बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना

देश-दुनिया में इको सिस्टम (Eco system) को बचाये रखने के लिये संकटग्रस्त प्रजातियों को संरक्षित (protection of threatened species) करने के प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे हालात में लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Endangered Great Indian Bustard), लुप्तप्राय: मैक्वीन बस्टर्ड (Endangered McQueen Bustard), डेजर्ट कैट (desert cat), चिंकारा और कई लुप्तप्राय: गिद्धों (endangered vulture) की नस्ल समेत अन्य पक्षियों को राजस्थान में भी संरक्षित किये जाने पर विचार किया जा रहा है.

जयपुर. जयपुर में यूनेस्को (UNESCO) प्रतिनिधि के साथ बायोस्फीयर रिजर्व (Biosphere Reserve) स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई. बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना होने से अनोखी प्राकृतिक विशेषताओं वाले क्षेत्रों का संरक्षण होगा और इसके साथ ही लोगों की आजीविका भी सुदृढ़ हो सकेगी.

राजस्थान के पश्चिमी भाग में लंबे समय से प्रस्तावित थार बायोस्फीयर रिजर्व स्थापित करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श के लिए वन विभाग (Forest department) की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा (Shreya Guha) और यूनेस्को के कंट्री हेड एरिक फाल्ट (Eric Falt) के बीच शुक्रवार को बैठक हुई. इस अवसर पर वन विभाग के सचिव बी. प्रवीण (B. Praveen)भी मौजूद रहे.

थार बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना
बायोस्फीयर रिजर्व को लेकर वन विभाग की सचिव श्रेया गुहा से एरिक फाल्ट की मुलाकात

प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा की ओर से फाल्ट को जैव विविधता (Biodiversity) और क्षेत्र से जुड़े स्थानीय समुदायों सहित रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र (desert ecosystem) के संरक्षण के लिए थार परिदृश्य के महत्व से अवगत करवाया गया. वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा के मुताबिक भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में गर्म भारतीय रेगिस्तान (Thar Desert) अद्वितीय है. जो दक्षिण-पूर्व एशिया में अपनी तरह का एकमात्र प्राकृतिक संसाधन है.

पर्यावरण और वन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forests) ने थार बायोस्फीयर रिजर्व (Thar Biosphere Reserve) पर एक परियोजना दस्तावेज तैयार करने के लिए 1988 में एक कार्यदल का गठन किया था. वर्ष 2013 में फिर से केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) (Central Arid Zone Research Institute (CAZRI)) , जोधपुर द्वारा बायोस्फीयर रिजर्व के लिए दस्तावेज तैयार करने के लिए एमओईएफ और सीसी द्वारा निर्देश दिया गया. इसके बाद 2017 में बायोस्फीयर रिजर्व के लिए प्रस्ताव पेश किया गया.

पढ़ें- अलवर में पौधारोपण तो हुआ लेकिन एक खास 'वजह' से सरकार के घर-घर औषधीय योजना पर लगा ब्रेक!

श्रेया गुहा ने प्रस्तावित थार बायोस्फीयर रिजर्व की क्षेत्रीय योजना के बारे में चर्चा करते हुए दोहराया कि इससे क्षेत्र में लोगों की आजीविका और रहन सहन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. इसके साथ ही यूनेस्को-मैन एंड बायोस्फीयर (एम.ए.बी) कार्यक्रम के तहत समुदायों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होने की संभावना बढ़ सकती है.

थार मरुस्थल की जैव-विविधता पर विस्तृत प्रेजेंटेशन अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज ने दिया. भारद्वाज ने फाल्ट को राजस्थान की जैव विविधता पर आधारित अपनी पुस्तक 'डेजर्ट नेशनल पार्क' भी भेंट की. बैठक के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना के पूर्व स्थानीय समुदायों को संभावित लाभ और जैव विविधता संरक्षण के मध्य सामंजस्य बैठाने के संबंध में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करने के महत्व के बारे में अपने विचार व्यक्त किए.

पढ़ें- एएफडी के सहयोग से वन विभाग करेगा वन और वन्यजीवों का संरक्षण, जयपुर दौरे पर आई फ्रांस की फंडिंग एजेंसी टीम

उन्होंने कहा कि बायोस्फीयर रिजर्व के प्रत्येक लाभार्थी स्थानीय लोग और प्राकृतिक संसाधन हैं. इस पर व्यापक और समावेशी दृष्टि विकसित करना आवश्यक है. डॉ. दीप नारायण पाण्डेय के मुताबिक बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना का उद्देश्य रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के साथ-साथ लोगों की आजीविका में सुधार करते हुए सतत विकास सुनिश्चित करना होना चाहिए. साथ ही इसकी प्रजातियों और आनुवंशिक विविधताओं को शामिल करते हुए पारंपरिक संसाधन उपयोग प्रणाली को प्रोत्साहित करना चाहिए.

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर ने कहा कि थार बायोस्फीयर रिजर्व जैव विविधता और अनोखे प्राकृतिक विशेषताओं वाले क्षेत्रों का संरक्षण कर सकता है. लेकिन इसके लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है. यह माना जाता है कि इस प्रतिनिधि क्षेत्र में भू-परिदृश्य, पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता की अनूठी विशेषताएं भी हो सकती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.