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तेल के तिलिस्म में उलझी सियासत : वैट पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, गहलोत आए बैकफुट पर

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Published : Nov 9, 2021, 9:55 PM IST

तेल के तिलिस्म में उलझी सियासत
तेल के तिलिस्म में उलझी सियासत

पुरानी कहावत है- तेल देखो और तेल की धार देखो. मतलब तेल की ताकत ये है कि किसी के बाहुबल का अंदाजा इस तेल से जुड़ी कहावतों में अक्सर हासिल हो जाता है. इस मर्तबा राजस्थान के नजरिये से पेट्रोल-डीजल की कीमतों (petrol and diesel prices) में इस तेल को लेकर जारी राजनीति के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) खुद के उठाए सवालों से घिरने लगे हैं.

जयपुर. हाल में पेट्रोल और डीजल पर केन्द्र सरकार ने जैसे ही एक्साइज ड्यूटी (excise duty) घटाने का ऐलान किया, उसके साथ ही ये सवाल खड़ा हो गया कि राजस्थान में क्यों देश का सबसे महंगा ईंधन मिल रहा है ? इस मसले पर लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर भी सवाल खड़े हुए थे.

तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को पत्र लिखा और एक बार फिर आज मंगलवार को सीएम गहलोत ने पीएम मोदी के नाम से चिट्ठी लिखकर तेल की बढ़ती कीमतों पर विचार की मांग की है. इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी ने आक्रामक रुख दिखाते हुए सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर मोर्चा खोल दिया है.

तेल के तिलिस्म में उलझी सियासत
सीएम-पूनिया की चिट्ठी

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जोधपुर दौरे पर संकेत दिये हैं कि राजस्थान में रियायत देने का विचार किया जा रहा है. जाहिर है कि एक्साइज ड्यूटी होने के बाद कुछ राज्यों ने वैट (VAT) कम किया था. हरियाणा-पंजाब से राजस्थान 11 से 21 रुपये महंगा फ्यूल मिल रहा है. ऐसे में राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने CM से वैट में कटौती कर आमजन, किसानों और डीलर्स को राहत देने की मांग की है.

सबसे ज्यादा दाम राजस्थान में होने के कारण पेट्रोल-डीजल की बिक्री में निरंतर गिरावट का हवाला देकर डीलर्स ने कहा कि प्रदेश में अभी तक वैट कम नहीं होने से जनता परेशान हो रही है.

पढ़ें- जब सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल के भाव कम कर दिए तो हमें भी करना पड़ेगा : गहलोत

राजस्थान में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल

पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं होने से महंगाई का जिक्र चारों तरफ हो रहा है. खास तौर पर मसला ये उभर कर आया है कि पंजाब में एक तरफ सबसे सस्ते ईंधन का प्रचार कर कांग्रेस अपनी पीठ थपथपा रही है. दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस शासित राज्य होने के बावजूद देश में सबसे महंगी दरों पर डीजल-पेट्रोल मिल रहा है.

लिहाजा अशोक गहलोत सरकार को घेरने में विपक्ष कसर नहीं छोड़ रहा. अवल्ल मसला ये भी है कि कांग्रेस एक तरफ राजस्थान में महंगाई के खिलाफ बड़े प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी है. ऐसे में जनता का सामना मौजूदा परिस्थिति में कैसे किया जाये. इसी वजह से मंगलवार को सीएम गहलोत ने जोधपुर दौरे पर कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े होने से महंगाई बढ़ी हुई है.

उन्होंने इसी मसले पर दूसरी बार पीएम मोदी के नाम से पत्र लिखा और केन्द्र सरकार से मांग की है कि रोज दाम नहीं बढ़ें, इसलिए आप कम्पनियों को पाबंद करें, जितना कम वो करते हैं उतने अनुपात में प्रदेश को घाटा हो जाता हैं. अड़ोस-पड़ोस के राज्यों ने वैट कम किया, हम भी इस मामले में वैट कम करेंगे.

बीजेपी भी मोर्चे पर तैयार

पेट्रोल-डीजल पर वैट को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में खींचतान के बीच राजस्थान की बीजेपी ने भी चिट्ठी से चिट्ठी का जवाब दिया है. सुबह लिखी गई सीएम गहलोत की चिट्ठी के जवाब में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ना सिर्फ निशाना साधा. बल्कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जवाब में पूनिया ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें कम कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान इस संबंध में सीएम गहलोत को निर्देश भी दे.

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