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बेनीवाल और खान के क्षेत्र में पूनिया ठोकेंगे ताल, जानें गुणा भाग

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Published : Aug 27, 2022, 9:51 AM IST

Updated : Aug 27, 2022, 10:04 AM IST

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राजस्थान भाजपा के नेताओं में शह और मात का खेल जारी है. मिशन 2023 को लेकर सब अपने अंदाज में गोटियां सेट कर रहे हैं. भाजपा के अंदरखाने ऐसा बहुत कुछ चल रहा है जिसकी चुगली सतीश पूनिया का आगामी 4 सितम्बर को प्रस्तावित किसान सम्मेलन कर रहा है. सम्मेलन उसी नागौर में जिसे हनुमान बेनीवाल का गढ़ माना जाता है और यहीं वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार यूनुस खान जुड़े हैं.

जयपुर. राजस्थान भाजपा के नेताओं में शह और मात का खेल जारी है. मिशन 2023 फतह करने के लिए चल रहे भाजपा के सियासी कार्यक्रमों में अब पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने नागौर जिले को चुना है जिसमें आगामी चार सितंबर को भव्य किसान सम्मेलन के जरिए वे अपने प्रमुख विरोधियों ललकारेंगे. जिसमें वसुंधरा राजे के खास युनुस खान भी शामिल हैं. सम्मेलन नागौर के डीडवाना में होगा जो आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल और वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार यूनुस खान का गृहक्षेत्र है.

दरअसल, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश के हर संभाग में एक बड़ा किसान सम्मेलन कर रही है. इसी कड़ी में अजमेर संभाग के नागौर जिले में 4 सितम्बर को बड़ा किसान सम्मेलन किया जाएग. मोर्चा पदाधिकारी इसमें 30 से 35 हजार किसानों के जुटाने का दावा कर रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी के किसान मोर्चा और प्रदेश से जुड़े पदाधिकारियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. किसानों से जुड़े कार्यक्रम को डीडवाना जिले में कराने के पीछे सियासी मकसद है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में होने वाले इस सम्मेलन के जरिए आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के संसदीय क्षेत्र और पूर्व मंत्री यूनुस खान के विधानसभा क्षेत्र में अपना कद बताना और जताना चाह रहे हैं. या यूं कहें सीधे सीधे उनके खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. सम्मेलन में केंद्रीय से भी कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया जा सकता है.

पूनिया का नागौर में किसान सम्मेलन

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बेनीवाल से पुरानी अदावत: हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ भाजपा और एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था. पिछले लोकसभा चुनाव से पहले बेनीवाल वापस भाजपा से गठबंधन के जरिए जुड़े. लेकिन हकीकत ये भी है कि नए कृषि कानून के खिलाफ बेनीवाल न केवल केंद्र सरकार के खिलाफ हुए बल्कि उनके निशाने पर राजस्थान भाजपा के नेता भी रहे. बेनीवाल पूर्व में पूनिया के खिलाफ भी अपनी जुबान से जहर उगल चुके हैं. जानकार मानते हैं कि उसी का जवाब अब सतीश पूनिया बेनीवाल को उनके ही गृह जिले में किसान आंदोलन के जरिए देने की कोशिश में हैं. सतीश पूनिया और हनुमान बेनीवाल दोनों जाट समाज से आते हैं. ये आयोजन भी किसानों से जुड़ा है और अधिकतर किसान जाट समाज से ही आते हैं. ऐसे में हजारों किसानों को इस सम्मेलन में जुटाकर पूनिया हनुमान बेनीवाल को उनके गृह जिले में ही घेरने की कोशिश करेंगे (Poonia on Hanuman Beniwal turf).

यूनुस खान का इलाका क्यों?: नागौर में इस किसान महासम्मेलन के लिए भाजपा ने डीडवाना विधानसभा क्षेत्र को चुना. यहां से पूर्व में यूनुस खान विधायक रह चुके हैं. पिछली वसुंधरा राजे सरकार में नंबर दो की पोजीशन में थे यूनुस. कैबिनेट मंत्री रहे खान वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार माने जाते हैं (challenging Vasundhara Raje close Aide Yunus Khan). ऐसे में उनके विधानसभा क्षेत्र में सतीश पूनिया की अगुवाई में यह आयोजन काफी चर्चाओं में है. सियासत में ये बात भी किसी से नहीं छुपी कि सतीश पूनिया और यूनुस खान के बीच अच्छे संबंध नहीं हैं. पूर्व में नितिन गडकरी के एक पोस्टर को लेकर इन दोनों के बीच हुई बयान बाजी हुई थी जिसके बाद से संबंधों में भी खटास देखी गई. कहा जा रहा है कि अब इस कार्यक्रम में जुटने वाली भीड़ के जरिए सतीश पूनिया और उनके समर्थक विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे.

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पूनिया की हेल्थ: सतीश पूनिया फिलहाल कोरोना संक्रमित है लेकिन मौजूदा कोरोना के प्रकोप में रोगी 7 दिन में ही स्वस्थ्य हो रहे है. मौजूदा कोरोना का प्रभाव देखते हुए चिकित्सक भी अब 7 दिन ही क्वॉरेंटाइन रहने को कहते है. ऐसे में 4 सितंबर से पहले पूनिया के स्वस्थ होने की पूरी संभावना है. संभावना के बलबूते ही उम्मीद है कि राजस्थान में नई अफवाहों, कवायदों और कयासों को बल मिलेगा.

Last Updated :Aug 27, 2022, 10:04 AM IST
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