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अलवर में मानसून से पहले पौधारोपण की तैयारी शुरू, 500 हेक्टेयर में लगाए जाएंगे पौधे

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Published : Jun 5, 2020, 10:30 PM IST

अलवर वन विभाग, पौधारोपण की तैयारी, Plantation Preparation in alwar
पौधारोपण की तैयारी हुई शुरू

अलवर में वन विभाग की तरफ से मानसून से पहले पौधारोपण की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस बार वन विभाग की तरफ से 500 हेक्टेयर में डेढ़ लाख से अधिक पौधे लगाए जाएंगे. इसके लिए 50 हेक्टेयर के 10 क्लस्टर बनाए गए हैं. इनमें तारबंदी और गड्ढे खोदने का काम पूरा हो चुका है, इस बार वन विभाग पौधों की मॉनिटरिंग के लिए खास व्यवस्था की गई है.

अलवर. अलवर अपने जंगल के लिए विशेष पहचान रखता है. अलवर में सरिस्का नेशनल पार्क और अलवर बफर जोन सहित बड़े इलाके में वन क्षेत्र है, जहां वन्य जीव रहते हैं. लेकिन यहां तेजी से पेड़ काटे जा रहे हैं. ऐसे में जंगल की प्रसार क्षेत्र कम होता जा रहा है. हर साल वन विभाग की तरफ से लाखों पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन देख रेख और मॉनिटरिंग के अभाव में बड़ी संख्या में पौधे खराब हो जाते हैं. इन हालातों को देखते हुए इस बार अलवर में वन विभाग की तरफ से खास इंतजाम किए गए हैं. मानसून से पहले होने वाले पौधारोपण की तैयारी अलवर में शुरू हो चुकी है.

पौधारोपण की तैयारी हुई शुरू

बता दें कि, इस बार वन विभाग की तरफ से 500 हेक्टेयर में पौधे लगाए जाएंगे. 50 हेक्टेयर के 10 जगहों को चिन्हित किया गया हैं. सभी जगह तारबंदी और गड्ढा खोदने का काम हो चुका है. जुलाई माह में वन विभाग की तरफ से इन क्षेत्रों में पौधारोपण किया जाएगा. सभी क्षेत्र में करीब 1 लाख 70 हजार से अधिक पौधे लगाए जाएंगे. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार किशनगढ़ बास क्षेत्र में 10000 थानागाजी में तीन जगहों पर अलग-अलग 10 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे. जबकि थानागाजी में एक अन्य जगह पर 35 हजार पौधे लगाए जाएंगे. इसी तरह से लक्ष्मणगढ़ में 10000 और राजगढ़ में 85000 पौधे लगाए जाएंगे.

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वन विभाग की तरफ से नीम, पीपल, गूलर केशियास्याम, बोगनबेली, गुलाब, अर्जुन अशोक करंट गुलमोहर आम, नींबू के पौधे लगाए जाएंगे. वहीं वन विभाग के जिले में 13 नर्सरी हैं, उनमें भी आम लोगों की वितरण के लिए करीब 1 लाख पौधे तैयार किए गए हैं. इसमें सभी हाइट और अलग-अलग किस्म के पौधे और पेड़ शामिल है.

वन अधिकारी महेश कुमार शर्मा ने बताया कि, इस बार पौधों की मॉनिटरिंग के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. तारबंदी के साथ ही अधिकारियों की ड्यूटी भी देखरेख में मॉनिटरिंग में लगाई जाएगी. जिससे ज्यादा से ज्यादा पौधे पेड़ के रूप में बड़े हो सके. क्योंकि वैसे तो साल भर पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन उनमें खराब होने वाले पौधों की संख्या ज्यादा रहती है. इसलिए यह फैसला लिया गया है.

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