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लालच में मिलावटखोर कर रहे अलवर के मावे का नाम बदनाम, रोजाना मिलावटी मावा और दूध सप्लाई हो रहा NCR में

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Published : Oct 22, 2021, 6:57 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 9:06 PM IST

अलवर में मिलावटखोरी
अलवर में मिलावटखोरी

अलवर का नाम आते ही कलाकंद की याद आती है. कुछ साल से कलाकंद की मिठास फीकी पड़ रही है. मिलावटखोरों ने कलाकंद की मिठास को खराब कर दिया है. त्योहार के सीजन में प्रतिदिन लाखों लीटर दूध, हजारों टन मिठाई-मावा और कलाकंद एनसीआर के शहरों में सप्लाई होता है. डिमांड बढ़ने के कारण मिलावटखोर सक्रिय हैं. नकली दूध से मावा, कलाकंद, मिठाई, पनीर व अन्य खाद्य सामग्री बनाई जा रही है.

अलवर. अलवर का मावा देशभर में प्रसिद्ध है. लेकिन चन्द पैसों के लालच में मिलावटखोरों ने अलवर के मावे के नाम को बदनाम कर दिया है. जिले से रोजाना सैकड़ों किलो नकली मावा दिल्ली, गुड़गांव और जयपुर सप्लाई होता है.

बड़ी बात ये है कि मिलावटखोर पॉम आयल और सर्फ पाउडर का इस्तेमाल कर नकली दूध बना रहे हैं और इसी नकली दूध से पनीर और मावा तैयार कर रहे हैं. जिले में रोजाना करीब 200 किलो नकली मिल्क केक बन रहा है. यह मिल्क केक प्रदेश के अलावा दिल्ली, एनसीआर व मुंबई तक सप्लाई हो रहा है. मावे की मिठाई के नाम पर यह नकली कलाकंद लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है.

अलवर से एनसीआर सप्लाई हो रहा नकली मामला

बन रहा 1000 क्विंटल नकली कलाकंद

मिलावटी कलाकंद के गढ़ माने जाने वाले खैरथल, किशनगढ़बास में रोजाना एक हजार क्विंटल नकली कलाकंद बन रहा है. करीब 15 साल से चल रहे इस अवैध कारोबार पर प्रशासन रोक नहीं लगा पाया है. लगातार यह तेजी से फल-फूल रहा है. पाउडर, रिफाइंड, वनस्पति एसेंस को मिलाकर बना रहा मावा दिल्ली, गुजरात और मुंबई तक सप्लाई हो रहा है. जिस नकली कलाकंद की कीमत खैरथल किशनगढ़बास में 120 से 130 रुपए के किलो है, उसे दिल्ली और मुंबई में 400 से 500 रुपए किलो बेचा जा रहा है. जिले में मिलावट खोरो जाल फैला हुआ है. हाईवे पर अलवर दिल्ली के बीच कलाकंद से भरी पिकअप गाड़ी कई बार पकड़ी जा चुकी हैं.

अलवर में मिलावटखोरी
अलवर में मिलावटखोरी

मिलावटखोरों को राजनीतिक संरक्षण

स्थानीय प्रशासन के लिए नकली कलाकंद की फैक्ट्रियों पर अंकुश लगाना तो दूर, उन तक पहुंचना भी मुश्किल है. क्योंकि इन पर 10 साल से राजनीतिक संरक्षण बना हुआ है. नकली कलाकंद की बात निर्माताओं ने खुद स्वीकार कर चुके हैं. मिलावटखोरों की माने तो सैंपल पास होने की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि यह पाउडर में रिफाइंड मिलाकर बन रहा है. तभी मुनाफा कमाया जा सकता है. कुछ कलाकंद जो दूध का बना रहे हैं, उसका ही सैंपल पास होने की संभावना रहती है. ऐसे में जो लोग इमानदारी से काम कर रहे हैं वो लोग भी मिलावटखोरों के चक्कर में बदनाम हो रहे हैं.

अलवर में मिलावटखोरी
एनसीआर में सप्लाई हो रहा नकली मिल्क प्रोडक्ट

पढ़ें- शुद्ध के लिए युद्ध अभियान : स्वास्थ्य विभाग ने 1271 किलो ऑर्गेनिक मसाले किए सीज

जिले में चारों तरफ फैला है मिलावटखोरों का जाल

अलवर जिला मुख्यालय से बाहर निकलते ही चारों तरफ सिंथेटिक व नकली दूध, पनीर और मावे के अवैध कारखाने चल रहे हैं. कटोरीवाला तिबारा, छठी मील, चिकानी, डहरा शाहपुर, जिंदोली, ततारपुर, किशनगढ़बास, खैरथल, तिजारा, टपूकड़ा, भिवाड़ी, बहरोड़, लोहिया का तिबारा, रामगढ़, नौगांवा, बड़ौदामेव, गोविंदगढ़, खेरली, लक्ष्मणगढ़, दादर, कुशालगढ़, माधोगढ़, थानागाजी, राजगढ़ आदि इलाकों में दर्जनों कारखाने खुले हैं. जहां सिंथेटिक व मिलावटी दूध से पनीर और मावा आदि तैयार कर बेचा जा रहा है.

अलवर में मिलावटखोरी
रोजाना 1000 क्विंटल नकली मावा तैयार

कब-कब पकड़े गए मिलावटखोर

2018- साल 2018 में चंदवास-चिरखाना में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी करते हुए करीब 600 किलो दूध को ग्रामीणों की मौजूदगी में नष्ट कराया था. मिलावटी दूध से पनीर बनाने की शिकायत पर कार्रवाई की गई. टीम को देखकर कारोबारी भाग गए. पनीर बनाने के लिए बर्तनों में भरे करीब 600 लीटर दूषित व मिलावटी दूध को नष्ट कराया गया. टीम ने पापड़ी मोड़ पर एक डेयरी पर बिना फूड लाइसेंस के पनीर का बनाने का कार्य बंद कराया.

2019- अलवर के किशनगढ़बास थाना पुलिस और खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 6 दिसंबर 2019 को 1600 किलो नकली मिल्क केक के साथ दो मिलावटखोरों को गिरफ्तार किया था. पनीर और मिल्क केक बनाने वाली दो फेक्ट्रियों पर कार्यवाही करते हुए 1600 किलो से अधिक नकली मावा और पनीर को जप्त कर जेसीबी से गड्ढा खुदवा कर नष्ट करवाया गया था.

2020- 30 अक्टूबर 2020 को जिले में नकली और सिंथेटिक दूध का कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है. पुलिस ने किशनगढ़बास में बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दूध से भरा टैंकर और एक बाइक से दूध बेचने आये दूधिया से 500 लीटर दूध जप्त किया था. पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

अलवर में मिलावटखोरी
मिलावटखोरों से सावधान

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स्वास्थ्य विभाग की जांच में हो चुका है खुलासा

अलवर के खैरथल, किशनगढ़बास, बहादुरपुर, जिंदाेली, इस्माइलपुर और हरसाैली में 20 से 30 कढ़ाई के कारखानाें के मालिकाें ने सेंट्रल के लाइसेंस लेकर उसमें बने मिल्क केक काे दूध पाक, यम्मी केक व स्वीट केक नाम दे रखे हैं. वहीं नियमाें काे ताक पर रखकर अवैध तरीके से प्रदेश के फूड लाइसेंस भी ले रखे हैं. जबकि नियमानुसार दाेनाें में से एक फूड लाइसेंस ही मान्य है. यहां बने मिलावटी कलाकंद की 90 से 120 रुपए किलाे में जिले की ज्यादातर मिठाई की दुकानाें सहित दिल्ली में सप्लाई हाे रहा है. इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की खैरथल और बहादुरपुर में छापे की कार्रवाई के दाैरान जांच में हुआ था.

सैम्पल जांच के नाम पर होती है खानापूर्ति

त्योहार से पहले स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जाते हैं, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया केवल खानापूर्ति बनकर रह गई है. त्योहार से कुछ दिन पहले सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू होती है. सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए जाते हैं. इनकी रिपोर्ट एक माह में आती है, जब तक बाजार से सारा सामान बिक जाता है. इसके बाद इनकी रिपोर्ट आती है.

इतना ही नहीं, सैंपल फेल होने के बाद भी मिलावटखोरों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाए जाते. इसलिए लगातार मिलावट का खेल जारी है और मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं. अलवर में खाद्य विभाग ने 0144- 2340145 हेल्प लाइन नंबर जारी किये हैं. अगर अलवर में नकली मावा या दूध बनने की शिकायत है तो आमजन इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

Last Updated :Oct 22, 2021, 9:06 PM IST
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