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दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण, टेस्टिंग बढ़ाने व कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का निर्देश

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Published : Jun 17, 2022, 10:55 PM IST

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र में कोविड के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है और सभी राज्यों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कहा गया है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

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कोविड प्रोटोकॉल पालन करने का निर्देश

नई दिल्ली: दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को तीन राज्यों से टेस्टिंग में तेज लाने और कोविड-19 के उचित व्यवहार का पालन किए जाने की अपील की. भूषण ने इन तीनों राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सभी पात्र लोगों का कोविड-19 टीकाकरण कराए जाने का सुझाव भी दिया. बैठक के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोविड के मामलों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है. अधिकारी ने कहा, 'सभी राज्यों को संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कहा गया है.'

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 305 मामले बढ़े हैं, जबकि केरल में पिछले 24 घंटों में 1,255 मामले और महाराष्ट्र में 1,373 मामले दर्ज किए गए हैं. इन राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों तेजी देखी जा रही है. स्वास्थ्य सचिव ने तीनों राज्यों को कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता के संबंध में आश्वासन दिया है.

कोरोना के मामलों में वृद्धि पर बात करते हुए, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ तामोरिश कोले ने कहा कि संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज करने वाले राज्यों को कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है. डॉ कोले ने कहा, कोविड-19 अपने व्यवहार को बदलता रहता है. यह संभव है कि वायरस का नया स्वरूप और अधिक संक्रामक क्षमता वाला होगा. हालांकि, इस संक्रमण के साथ गंभीरता दर बहुत कम है.' उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत ने अपने टीकाकरण अभियान में तेजी लाई है, कोविड-19 वायरस से संक्रमित होने के बाद गंभीरता की संभावना कम है.

सभी जिलों में 'हेमोडायलिसिस' कार्यक्रम लागू करने का निर्देश
इसी बीच, एक अन्य बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए, सभी जिलों में हेमोडायलिसिस कार्यक्रम को लागू करने और पेरिटोनियल डायलिसिस को बढ़ावा देने के लिए कहा. उन्होंने इसके तहत निशुल्क डायलिसिस सेवाओं का लाभ उठाने वाले सभी लाभार्थियों का विवरण रिकॉर्ड करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएम-एनडीपी) पोर्टल के व्यापक उपयोग की सलाह दी.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रगति, आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी) -II, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और 15वें वित्त आयोग अनुदान की समीक्षा की गई. इसमें देशभर में राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के विस्तार के तरीकों पर भी चर्चा की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि कार्यक्रमों और पहलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, एनएचएम के तहत आवंटित सरकारी संसाधनों का कुशलतापूर्वक और शीघ्रता से उपयोग किया जाना चाहिए.

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हेमोडायलिसिस (एचडी) प्रक्रिया के तहत रक्त को एक मशीन के माध्यम से स्वच्छ/फिल्टर किया जाता है जो कृत्रिम किडनी की तरह कार्य करता है तथा रक्त को शरीर में वापस लौटा देता है. पेरिटोनियल डायलिसिस, डायलिसिस की वह प्रक्रिया है जिसमें प्रत्यक्ष रूप से पेट के निचले हिस्से में सर्जरी के माध्यम से एक नली डालकर बेकार पदार्थों को बाहर निकाला जाता है.

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