Datia News: रामानुज धाम के पीठाधीश्वर 135 वर्षीय देवनायकाचार्य महाराज ब्रह्मलीन, वेदमंत्रों के साथ दिलाई समाधि
दतिया। रामानुज धाम आश्रम के 135 वर्षीय श्री देवनायकाचर्य महाराज ने चातुर्मास के दौरान इस पंचभौतिक शरीर को ब्रह्मलीन करने के लिए दतिया की पावन धरा को चुना. महाराज जी वर्षों से फलाहारी थे. महाराज जी ने खुद को ब्रह्म में विलीन किया. इसके बाद महाराज जी की पवित्र देह को रामानुज धाम आश्रम के प्रांगण में पूरे विधिविधान के साथ समाधिस्थ किया गया. इस अवसर पर हिंदुस्तान के कोने-कोने से साधु-संत पहुंचे. पावन धूमेश्वर धाम के महंत अनिरुद्धवन महाराज एवं तमाम साधु-संतों की मौजूदगी में महाराज जी को वेदमंत्रों के साथ समाधि दिलाई गई. बता दें कि महाराज जी ने मंगलवार की शाम को अपने प्राण ब्रह्म में लीन कर दिए थे. महाराज जी के सेवक आत्माराम दुबे का कहना है उन्होंने एक शताब्दी से अन्न ग्रहण नहीं किया. वह केवल फलाहार करते थे. साथ उन्होंने 108 एकादशी के व्रत निर्जला किए.