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MP Vidisha News: सरकारी 'आरे' ने सैंकड़ों बगुलों के घरौंदे तोड़े, प​क्षियों और उनके बच्चों की गई जान, अंडे भी फूटे

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Published : Aug 10, 2023, 1:19 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 1:53 PM IST

Ruined nest of birds in Vidisha
विदिशा में पक्षियों के उजड़ा घोसला

विदिशा से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां पशु पालन विभाग के अ​धिकारियों ने सैकड़ों पक्षियों के आशियाने उजाड़ दिए और पेड़ों की कटाई करवा दी, जिसमें कई पक्षियों की मौत हो गई.

विदिशा में सैंकड़ों बगुलों के घरौंदे तोड़ने का मामला

विदिशा। विदिशा में बगुलों के बैठने और रहने से पशु पालन विभाग के अ​धिकारियों को दुर्गंध आती थी. इसलिए बगुलों के घोंसलों, अंडाें और बच्चों का ​ठिकाना छीन लिया गया. करीब 30 से ज्यादा बगुलों और उनके नन्हे बच्चों ने पेड़ कटने के साथ ही नीचे गिरकर दम तोड़ दिया. पेड़ कटने के बाद भी कई बगुले अपना आशियाना छोड़ने को तैयार नहीं थे और वे काटी हुई शाखाओं पर ही काफी देर तक मायूस बैठे रहे. पशु पालन और उनके जीवन रक्षा का दायित्व निभाने वाले विभाग के परिसर में ही ये बगुले और उनके ​शिशु तड़पते रहे, दम तोड़ते रहे लेकिन इस सबके बीच पेड़ों को काटकर बगुलों की बलि ले ली गई.

क्यों छीन लिया गया अशियाना: घटना उपसंचालक पशु पालन विभाग कार्यालय के परिसर की है. मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे आरे से उन पेड़ों को काट दिया गया, जिन पर सैंकड़ों बगुलों का आ​शियाना था. उनके अंडे और छोटे-छोटे बच्चे थे. पेड़ों के बड़े हिस्से कटकर गिरने के साथ ही उनमें बने घोंसले, घोंसलों में रखे अंडे और नन्हे बच्चे भी जमीन पर गिरते गए. कई बच्चे ऐसे थे जिनके अभी सफेद रोम भी नहीं आए थे, वे गिरकर तड़पते हुए दम तोड़ते रहे. कई बड़े बगुले आसपास बैठकर अपने घरोंदों को खत्म होते और बच्चों को मरते हुए देखते रहे. कई ने ऐसे संकट में भी अपने घर को नहीं छोड़ा. वे कटी हुई शाखाओं पर ही बैठे रहे, जैसे कह रहे हों, हमें मत निकालो यहां से, यह हमारा घर है, पेड़ काट दोगे तो हम और हमारे बच्चे कहां जाएंगे? लेकिन किसी को इन पर तरस नहीं आया.

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पक्षियों की चली गई जान: अ​​धिकारियों के आदेश पर आरा चलता रहा और बच्चे, अंडे और बगुले जमीन पर गिरकर दम तोड़ते रहे. बाद में ये लकड़िया ट्राली में भरकर कहीं ​भिजवा दी गईं. लेकिन काफी देर तक जमीन पर गिरे पड़े बगुले ठीक उसी तरह तड़पते रहे, जैसे कोई इंसान अपना घर उजड़ जाने के बाद बेहोश होकर सुध-बुध खो देता है. लेकिन जमीन पर गिरकर कई बगुलों और उनके परिवार की मौत हो चुकी थी. परिसर में करीब 25 बड़े बगुले और कई सारे छोटे बच्चे मर चुके है. अंडे फूटकर नष्ट हो चुके थे, बचे हुए बगुले देर शाम तक यहां-वहां भटकते हुए बार बार वहीं देख रहे थे, जहां उनके घरोंदे तोडे़े गए थे.

पेड़ काटने की परमिशन नगरपालिका ने दी थी: वहीं, सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि "21 जुलाई 2023 को उप संचालक ने नगरपालिका के सीएमओ को आवेदन दिया गया था. जिसमें 28 अगस्त 2023 को पेड़ काटने के परमिशन मिली. काटे गए पेड़ की लकड़ी विश्राम घात पहुंचाई गई. पांच या छह पेड़ कटे हैं. बबूल के पेड़ में जो पक्षी थे गिरने के बाद वह दब गए इसलिए उनकी मौत हो गई. हमारा मकसद उनको मरना नहीं था. हमलोग पशु पक्षियों का इलाज करते हैं."

वन विभाग कर रही है जांच: उप वन क्षेत्रपाल के उड़न दस्ता प्रभारी इस्माइल खान ने बताया कि "उप वन क्षेत्रपाल वन विभाग के डीएमओ को सूचना मिली थी. जिनके निर्देश पर हमारी टीम यहां पहुंची और पेड़ कटाई को देखा. उसके बाद कट हुए लकड़ी की माप ली और सूची तैयार कर ली है. कटी हुई लकड़ी को श्मशान घाट गया है.'' उन्होंने बताया कि ''नगरपालिका ने पेड़ कटाई की परमिशन दी थी. हमलोग जांच कर रहे हैं."

Last Updated :Aug 10, 2023, 1:53 PM IST
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