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बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेजः स्थापना के 12 साल बाद भी सुपरस्पेशलिटी सेवाओं का अभाव

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Published : Oct 4, 2021, 7:52 AM IST

सागर संभाग के करीब 6 जिलों के गंभीर मरीजों का दबाव होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की कमी बड़ी समस्या है. दूसरी तरफ मेडिसन और सर्जरी जैसे विभाग की पीजी कक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में कैप स्लैब और ब्लड बैंक की भी व्यवस्था नहीं है.

Bundelkhand Medical College
बुंदेलखंड मेडिकल कालेज

सागर। बुंदेलखंड इलाके का एकमात्र मेडिकल कॉलेज अपनी स्थापना के 12 साल बाद भी सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव से जूझ रहा है. सागर संभाग के करीब 6 जिलों के गंभीर मरीजों का दबाव होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की कमी बड़ी समस्या है. दूसरी तरफ मेडिसन और सर्जरी जैसे विभाग की पीजी कक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में कैप स्लैब और ब्लड बैंक की भी व्यवस्था नहीं है. इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सिर्फ नाम का मेडिकल कॉलेज रह गया है. जहां तक मेडिकल की सीटों का सवाल है, तो सिर्फ 100 सीटें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हैं.

मेडिकल कॉलेज में नहीं हैं सुपरस्पेशलिटी सेवाएं
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव के कारण मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में मरीजों को भोपाल, जबलपुर और नागपुर जैसे शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता है. सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव के कारण मेडिकल कॉलेज डॉक्टर्स की कमी से भी जूझ रहा है. विधिवत तरीके से ब्लड बैंक भी आज तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि मेडिकल कॉलेज की स्थापना 2009 में की गई थी.

इन किल्लतों से जूझ रहा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज

  • बीएमसी में कार्डियोलॉजी, कार्डियो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रोलॉजी, गैस्ट्रो सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी नहीं हैं.
  • बीएमसी में कैथ लैब की स्थापना नहीं हो सकी है. इसके अलावा ब्लड बैंक भी विधिवत तरीके से शुरू नहीं हुआ.
  • बीएमसी में मेडिसन और सर्जरी विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की मान्यता भी नहीं मिली है. इसका कारण 4-4 असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी बताया जा रहा है. नेत्र रोग विभाग और रेडियोलॉजी की भी पीजी क्लासेज भी शुरू नहीं हो सकी हैं.

वर्ष 2009 में हुई थी मेडिकल कॉलेज की स्थापना
2009 में स्थापना के समय बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश संख्या 250 निर्धारित की गई थी. अभी भी यह संख्या 100 पर ही रुकी हुई है. इन समस्याओं को लेकर सागर विधायक शैलेंद्र जैन विधानसभा में भी जोर शोर से उठाते रहे हैं. विधानसभा के सत्र में चिकित्सा शिक्षा मंत्री जल्द कैथ लैब प्रारंभ करने और विधिवत तरीके से ब्लड बैंक के स्थापित करने का आश्वासन भी दे चुके हैं, लेकिन अभी भी हाल यथावत हैं.

मेडिसन और सर्जरी में पीजी की नहीं है मान्यता
विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को लेकर उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी. उन्हें बताया था कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मेडिसन और सर्जरी में पीजी की कक्षाएं शुरू किया जाना बहुत जरूरी है.

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4-4 असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी के कारण मेडिसन और सर्जरी में पीजी शुरू करने की मान्यता नहीं मिल पा रही है. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था. उन्होंने बताया कि कैथ लैब और विधिवत ब्लड बैंक स्थापित किए जाने का काम चल रहा है. आगामी सत्र से मेडिकल कॉलेज में ढाई सौ छात्रों को प्रवेश मिलने लगेगा. अभी तक सिर्फ 100 छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा था, जबकि स्थापना के समय सीटों की संख्या 250 निर्धारित की गई थी.

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