ETV Bharat / state

विद्युत आपूर्ति नहीं होने से बढ़ी किसानों की परेशान

author img

By

Published : Dec 30, 2020, 11:39 AM IST

सरकरा किसानों को 24 घंटे बिलजी सप्लाई करने का दावा करती है. लेकिन धरातल की सच्चाई कुछ और ही. किसान रबी की फसल बो चुके हैं. लेकिन बिजली नहीं मिली ने से फसलों की सिचांई नहीं हो पा रही. ऐसे में फसल के खराब होने की चिंता किसानों की माथे पर साफ दिखाई देने लगी है.
Farmers' trouble again
फिर बढ़ी किसानों की परेशानी

रीवा। जिले में इन दिनों बिजली की समस्या किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी बनकर सामने आ रही है. जिसके कारण किसानों को रवि की फसल पकने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान अपने खेतों में समय पर पानी नहीं दे पा रहे हैं. बिजली की समस्या को लेकर किसानों ने कई बार अपनी आवाज भी बुलंद कर चके है, लेकिन प्रशासन के द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गया है. ऐसे में फसल के खराब होने की चिंता किसानों की माथे पर साफ दिखाई देने लगी है.

फिर बढ़ी किसानों की परेशानी
अटल ज्योति योजना के तहत मिलनी थी 24 घंटे बिजली
प्रदेश में सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी किसानों को लेकर हर सरकार के द्वारा बड़े बड़े दावे और वादे किए जाते हैं. लेकिन उन दावों की प्रतिशत भर भी सफलता धरातल में देखने को नहीं मिलती. मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा वर्ष 2013 में अटल ज्योति योजना का शुभारंभ किया गया था. जिसके अंतर्गत ग्रामीणों को 24 घंटे विद्युत सप्लाई दी जा सके. लेकिन आज भी किसानों को बिजली की समस्या से लगातार जूझना पड़ रहा है. बिजली की आपूर्ति उनके लिए पर्याप्त मात्रा में नहीं की जा रही है. जिसकी वजह से खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा और किसान की फसलें खराब हो जाती हैं. रीवा जिले में ताजा हालात कुछ ऐसे ही तस्वीरें बयां करते हुए देखे गए है. जहां पर सरकार के 24 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. रीवा जिले के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ग्रामीणों को बिजली केवल 8 से 10 घंटे तक ही मिल रही है. जिसके कारण उन्हें अपने खेत की सिंचाई तक के लिए पर्याप्त पानी भी नहीं मिल पाता.


बिजली ट्रिपिंग बनी किसानों की समस्या

रीवा जिले के ग्राम पंचायत भोलगढ़ और ग्राम पंचायत टिकुरी की बात की जाए तो यहां किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पाता. जिसके कारण उनके द्वारा बोई गई फसल खराब होने की स्थिति में है. ग्राम पंचायत भोलगढ़ और ग्राम पंचायत टिकुरी के किसानों का कहना है की समूचे गांव में 24 घंटे की जगह मात्र 7 से 8 घंटे ही बिजली मिल पाती है. हर दो घंटे में बिजली की ट्रिपिंग होनी की समस्या भी लगातार बनी रहती है. बिजली के ट्रिपिंग होने से मोटर के जलने का खतरा भी बना रहता है. गांव में दूर दूर तक न तो कोई नहर है और न ही कोई नदी है. यहां के किसानों को खेती के लिए बोर पर ही निर्भर रहने पड़ता है. किसानों ने बताया की बिजली की कटौती और ट्रिपिंग की आमस्या के चलते वे रात भर जाग कर खेतो में सिंचाई के लिए बिजली के आने का इंतजार करते है. लेकिन बिजली की आपूर्ति न होने के कारण उन्हें समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. रवि के सीजन की बात की जाए तो खेतों में किसानों के द्वारा चना, उडद, मसूर और गेंहू की फसल बोई गई थी. इन फसलों के लिए करीब 5 से 6 बार की पानी की आवश्यकता होती है. लेकिन बिजली की आपूर्ति न होने के कारण किसान अब तक खेतो में सिर्फ 1 से 2 बार पानी की सिंचाई ही कर पाए है. किसानों का कहना है की एक रात में लगभग एक एकड़ के खेत में बोई गई फसल की सिंचाई होनी चाहिए. मगर बिजली विभाग के बार बार ट्रिपिंग होने के कारण मात्र 15 डिसमिल ही सिंचाई हो पाती है और सही समय में पर्याप्त मात्रा पानी न मिल पाने उनकी फसल प्रभावित हो रही है. बिजली की समस्या को लेकर कई बार किसान विद्युत विभाग गए लेकिन अब तक उनकी समस्या का निदान नही हो पाया.

विद्युत विभाग का दावा पर्याप्त मात्रा में हो रही बिजली आपूर्ति

जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति के बार में कर विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता ओपी द्विवेदी का कहना है कि शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू फीडर में 24 घंटे बिजली सप्लाई की जा रही है. कृषि फीडर की बात की जाए तो उसमे 10 घंटे बिजली सप्लाई दी जा रही है. वहीं बिजली ट्रिपिंग की समस्या को लेकर कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही बिजली ट्रिपिंग समस्या में सुधार लाने के लिए उसका मेंटिनेंस का कार्य किया जा रहा है. आगे और भी किया जाएगा जिससे बिजली ट्रिपिंग की समस्या को दूर किया जा सके.

कृषि वैज्ञानिक का क्या है कहना
वहीं रवि के सीजन में बोई गई फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी न मिलने से फसलों के होने वाले नुकसान के बारे में कृषि वैज्ञानिक ओपी जोशी ने बताया की रवि की प्रमुख फसलों में चना, जवा, जौ, राई, गेंहू के अलावा और भी तिलहनी फैसले है. रवि की फसलों में पानी की उपादियता फसल के अनुसार अलग अलग होती है और जरूरत के अनुसार उन्हें पानी मिलना आवश्यक भी है. रवि की प्रमुख फसलें चना और गेहूं है और अगर गेहूं की बात की जाए तो वह दो प्रकार के होते है. पहला सिंचित और दूसरा असिंचित. सिंचित गेहूं में कम से कम 6 बार पानी की आवश्यकता होती है. जबकि अन्य किस्मों पर 4 से 6 बार पानी की आवश्यकता होती है. कृषि वैज्ञानिक आरपी जोशी ने बताया की फसल को पर्याप्त मात्रा में अगर पानी नहीं मिलेगा तो फसल में कल्ले कम निकलेंगे और दानों की संख्या कम होगी. वहीं प्रति दाने का वजन भी कम निकलेगा और इस वजह से फसल के पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके लिए हमें क्रांतिक अवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का प्रबंध करना आवश्यक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.