मुरैना। जिले में खाद की किल्लत के चलते किसानों के समर्थन में किसान कांग्रेस सोमवार को सड़कों पर उतरी. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के नेतृत्व में कृषि उपजमंडी में किसान कांग्रेस ने प्रदर्शन कर किसानों की समस्याओं को सुना. उसके बाद कार्यकर्ताओं ने रैली निकालते हुए कलेक्टर के नाम एसडीएम भूपेंद्र कुशवाह को एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में उन्होंने किसानों की मांगों का जिक्र करते हुए जल्द पूरी करने की बात कही है. मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
किसानों के समय और पैसे दोनों की हो रही बर्बादीः किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने कहा कि, "देश की 130 करोड़ जनता का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खाद के लिए कितना परेशान हो रहा है. किसान कड़ी मेहनत से खेत में अन्न पैदा करता है. इससे पहले बोवनी के लिए उसे खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है. खाद लेने के लिए दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाएं परेशान होकर बाजार आती हैं और यहां पर घंटों लाइन में लगने के बाद जब खाद नहीं मिलती है तो हताश होकर वापस लौट जाती हैं. इस प्रकार से किसानों के समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है".
किसानों की मांग पूरी न होने पर कांग्रेस करेगी आंदोलनः प्रदेश अध्यक्ष ने किसानों की मांग रखते हुए कहा कि, ''किसानों की सुविधा के लिए खाद खरीदी केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए, मंडी में फसल बेचने के लिए आने वाले किसानों के लिए ठंडा पानी और रात्रि विश्राम की उचित व्यवस्था कराई जाए, मांग पूरी नहीं होने पर कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी.''
पर्याप्त मात्रा में किसानों को नहीं मिल रहा है खाद-बीजः किसानों ने बताया कि, ''खाद-बीज लेने के लिए रात-रात भर घंटों लाइनों में लगना पड़ता है, तब कहीं जाकर टोकन मिलता है. उसके बावजूद भी किसानों को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज नहीं मिलता है, जिसके कारण किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.'' साथ में उन्होंने बताया कि, ''कुछ दलाल टोकन की रसीद को 200-200 रुपये में ब्लैक में देते हैं, किसान खेतों में दिन-रात मेहनत करके गेंहू, सरसों, बाजरा और प्याज की खेती करता है और समय आने पर जब किसान गेहूं, सरसों, बाजरा एवं प्याज की फसल को अनाज मंडी में बेचने के लिए जाता है, तो किसानों को फसल का न तो उचित दाम मिलता है और न ही फसल को सही ढंग से तौला जाता है, जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है."