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मेघनगर नगर परिषद पर करोड़ों का पानी बिल बकाया, औद्योगिक विकास केंद्र ले रहा उधारी में पानी

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Published : Jan 23, 2020, 6:08 PM IST

झाबुआ की मेघनगर नगर परिषद नगर में लोगों को औद्योगिक विकास केंद्र निगम से पानी उधार लेकर सप्लाई कर रही है. वहीं औद्योगिक विकास केंद्र निगम को पानी का भुगतान न करने के कारण अब मेघनगर नगर परिषद पर एक करोड़ पांच लाख रुपए का बिल हो गया है.

Bill of crores outstanding on Meghnagar city council
मेघनगर नगर परिषद पर करोड़ों का बिल बकाया

झाबुआ। जिले की मेघनगर से औद्योगिक विकास केंद्र निगम ने एक करोड़ पांच लाख की राशि की मांग की है. ये पैसा किसी उद्योग के लिए ली गई भूमि के लिए नहीं बल्कि निगम द्वारा परिषद को दिए गए पानी के लिए है. नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम से रोजाना दो लाख लीटर पानी लेता है, जिसे वे शहरभर में सप्लाई करता है. लंबे समय से नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम को पानी का भुगतान नहीं कर रहा. जिसके चलते ये राशि बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो गई है.

मेघनगर नगर परिषद पर करोड़ों का बिल बकाया
बीते पांच सालों में नगर परिषद पेयजल आपूर्ति के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं कर सका है. जिसके चलते नगर परिषद को औद्योगिक विकास केंद्र निगम से पानी लेना पड़ता है .नगर परिषद को साल भर में पेयजल से सात लाख की आय होती है, जबकि जबकि इस पर खर्च 50 लाख से ज्यादा होता है.शहर में नगर परिषद के 1200 से ज्यादा नल कनेक्शन है, जिससे प्रतिमाह ₹50 प्रति नल से वसूली करती है. पानी के लिए सरकार ने परिषद को 32 करोड़ की पेयजल योजना भी स्वीकृत की है लेकिन तय समय पर काम पूरा ना होने के चलते लगातार वित्तीय भार जनता पर बढ़ता जा रहा है.
Intro:झाबुआ : झाबुआ जिले की नगर परिषद मेघनगर से औद्योगिक विकास केंद्र निगम 1 करोड़ 5 लाख की राशि मांग रहा है ,यह पैसा किसी उद्योग के लिए ली गई भूमि के लिए नहीं बल्कि निगम द्वारा परिषद को दिए गए पानी का है. नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम से हर रोज 2 लाख लीटर पानी लेता है जिसे वह शहर में सप्लाई करता है, लंबे समय से नगर परिषद एकेवीएन को पानी का भुगतान नहीं कर रहा जिसके चलते यह राशि बढ़कर 1 करोड़ से ज्यादा हो गई है.


Body:बीते 5 सालों में नगर परिषद पेयजल आपूर्ति के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं कर सका. जिसके चलते नगर परिषद को औद्योगिक विकास केंद्र निगम से पानी लेना पड़ता है .नगर परिषद को साल भर में पेयजल से 7 लाख की वसूली (आय) होती है जबकि जबकि इस पर खर्च 50 लाख से अधिक होता है.


Conclusion:शहर में नगर परिषद के 12 सौ से ज्यादा नल कनेक्शन है जिससे प्रतिमाह ₹50 के मान से वसूली करती है. पानी के लिए सरकार ने परिषद को 32 करोड़ की पेयजल योजना भी स्वीकृत की मगर तय समय पर काम पुरा ना होने के चलते लगातार वित्तीय भार जनता पर बढ़ता जा रहा है.
बाइट : पी सिंह ,जेई ,एकेवीएन
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