झाबुआ। जिले की मेघनगर से औद्योगिक विकास केंद्र निगम ने एक करोड़ पांच लाख की राशि की मांग की है. ये पैसा किसी उद्योग के लिए ली गई भूमि के लिए नहीं बल्कि निगम द्वारा परिषद को दिए गए पानी के लिए है. नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम से रोजाना दो लाख लीटर पानी लेता है, जिसे वे शहरभर में सप्लाई करता है. लंबे समय से नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम को पानी का भुगतान नहीं कर रहा. जिसके चलते ये राशि बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो गई है.
मेघनगर नगर परिषद पर करोड़ों का पानी बिल बकाया, औद्योगिक विकास केंद्र ले रहा उधारी में पानी
झाबुआ की मेघनगर नगर परिषद नगर में लोगों को औद्योगिक विकास केंद्र निगम से पानी उधार लेकर सप्लाई कर रही है. वहीं औद्योगिक विकास केंद्र निगम को पानी का भुगतान न करने के कारण अब मेघनगर नगर परिषद पर एक करोड़ पांच लाख रुपए का बिल हो गया है.
झाबुआ। जिले की मेघनगर से औद्योगिक विकास केंद्र निगम ने एक करोड़ पांच लाख की राशि की मांग की है. ये पैसा किसी उद्योग के लिए ली गई भूमि के लिए नहीं बल्कि निगम द्वारा परिषद को दिए गए पानी के लिए है. नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम से रोजाना दो लाख लीटर पानी लेता है, जिसे वे शहरभर में सप्लाई करता है. लंबे समय से नगर परिषद औद्योगिक विकास केंद्र निगम को पानी का भुगतान नहीं कर रहा. जिसके चलते ये राशि बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो गई है.
Body:बीते 5 सालों में नगर परिषद पेयजल आपूर्ति के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं कर सका. जिसके चलते नगर परिषद को औद्योगिक विकास केंद्र निगम से पानी लेना पड़ता है .नगर परिषद को साल भर में पेयजल से 7 लाख की वसूली (आय) होती है जबकि जबकि इस पर खर्च 50 लाख से अधिक होता है.
Conclusion:शहर में नगर परिषद के 12 सौ से ज्यादा नल कनेक्शन है जिससे प्रतिमाह ₹50 के मान से वसूली करती है. पानी के लिए सरकार ने परिषद को 32 करोड़ की पेयजल योजना भी स्वीकृत की मगर तय समय पर काम पुरा ना होने के चलते लगातार वित्तीय भार जनता पर बढ़ता जा रहा है.
बाइट : पी सिंह ,जेई ,एकेवीएन
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