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बीजेपी में अध्यक्ष के लिए 3 तो उपाध्यक्ष के लिए भी इतने ही दावेदार, भाजपा पर्यवेक्षक ने बंद कमरे में दावेदारों से चर्चा

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Published : Oct 14, 2022, 8:13 PM IST

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भाजपा पर्यवेक्षक ने बंद कमरे में दावेदारों से चर्चा

झाबुआ नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है. वहीं तारीख सामने आने के बाद दावेदारों की भी लाइन लग गई है. बीजेपी में अध्यक्ष पद के लिए तीन तो उपाध्यक्ष के लिए कई दावेदारों के नाम सामने आए हैं. भाजपा पर्यवेक्षक झाबुआ पहुंचे, जहां उन्होंने बंद कमरे में पार्षदों से चर्चा की. jhabua political news, jhabua municipality president election, observer discussed with bjp contenders

झाबुआ। नगर पालिका अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद नामों को लेकर चर्चा का दौर चल पड़ा है. झाबुआ में भाजपा के 9 पार्षद हैं तो कांग्रेस के पार्षदों की संख्या 7 है. दो पार्षद निर्दलीय हैं. संख्याबल के लिहाज से भाजपा का पलड़ा भारी है. ऐसे में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए नामों को लेकर खासी खींचतान मची हुई है. शुक्रवार को भाजपा द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक नागर सिंह चौहान भी रायशुमारी के लिए झाबुआ पहुंचे. उन्होंने लक्ष्मी नगर स्थित पार्टी कार्यालय पर भाजपा के सभी 9 पार्षदों से वन टू वन चर्चा की. सभी पार्षदों ने एक ही बात कही कि संगठन जो नाम तय करेगा, वही हमारे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होंगे. jhabua political news, jhabua municipality president election, observer discussed with bjp contenders

पर्यवेक्षक नागरसिंह चौहान दोपहर करीब एक बजे पार्टी कार्यालय पहुंच गए थे. उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक के साथ कोर ग्रुप के सदस्य भी मौजूद थे. पर्यवेक्षक ने एक-एक पार्षद को बुलाकर उनसे राय जानी कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में उनकी पसंद कौन है. हालांकि सभी ने अपनी तरफ से कुछ भी कहने की बजाए बेहद चतुराई से गेंद संगठन के पाले में ही डाल दी. दो घंटे से अधिक समय तक रायशुमारी चलती रही, लेकिन अभी तक कोई सर्वमान्य नाम तय नहीं हो पाया है.

ऐसे समझिए पूरा गणित: अध्यक्ष पद झाबुआ नगर पालिका में भाजपा के खाते में 9 सीट है. बहुमत के लिए सिर्फ एक पार्षद के समर्थन की आवश्यकता है. चूंकि दो निर्दलीय निर्वाचित पार्षद भाजपा के ही बागी हैं तो ऐसे में एक का समर्थन आसानी से भाजपा को मिल जाएगा. चूंकि अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है तो भाजपा के पास तीन विकल्प बनते हैं. इसमें पहला नाम पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर्वत मकवाना का है. वे वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक अध्यक्ष रहे हैं. दूसरा नाम आता है पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया की पत्नी बसंती बारिया का. धनसिंह ने 2012 से 2017 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.

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युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने में लगी बीजेपी: वहीं 2017 में अध्यक्ष पद अजजा महिला के लिए आरक्षित होने से धनसिंह की पत्नी अध्यक्ष का चुनाव लड़ी थी. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बावजूद वे इस बार अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं. दोनों ही अध्यक्ष पद के लिए अपने अपने स्तर पर लॉबिंग करने में लग गए हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक निर्मला भूरिया भी समय आने पर उनके पक्ष में ही खड़ी रहेंगी. दूसरी तरफ बसंती बारिया के लिए राजगढ़ नाका ग्रुप पूरी ताकत लगाएगा. इसमें पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे के साथ ही राजगढ़ नाके के आधार स्तंभ ओम शर्मा चाहेंगे कि बसंती ही अध्यक्ष बने. इसके लिए ओम शर्मा संघ और भाजपा में अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि इन दोनों में पेंच फंसता है तो फिर हो सकता है कि भाजपा संगठन कोई अप्रत्याशित निर्णय लेते हुए एक दम नए चेहरे के रूप में कविता सिंगार के नाम को आगे कर दे, क्योंकि कविता ने इस चुनाव में 631 मतों से जीत हासिल की है. वे युवाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं और भाजपा भी इन दिनों युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने में लगी है.

उपाध्यक्ष पद: उपाध्यक्ष पद के लिए भी भाजपा से तीन नाम उभरकर सामने आए हैं. इसमें पहला नाम वार्ड क्रमांक नौ के पार्षद लाखन सिंह सोलंकी का है. लाखन चुनाव जीतने के बाद ही उपाध्यक्ष पद के लिए लॉबिंग में लग गए. वे सभी भाजपा पार्षदों से वन टू वन चर्चा भी कर चुके हैं. इसके अलावा लाखन को भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक का भी समर्थन मिलना तय है. वे उनके करीबी माने जाते हैं. उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से दूसरा नाम वार्ड क्रमांक आठ के पार्षद विजय चौहान का है. वे पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष रहे हैं. जिस तरह से वे संघ के कोटे से पार्षद का टिकट लेकर आए थे, उससे पूरी संभावना है कि उपाध्यक्ष पद के लिए भी वे अपने पूरे प्रयास करेंगे. वहीं इस सूची में तीसरा नाम वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद पंडित महेंद्र तिवारी का है. उनकी निर्विवादित छवि और संगठन के लिए सतत कार्य करने की वजह से वे उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं. सर्वमान्य नाम तय किया जाएगा. संगठन की और से पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है. सभी से रायशुमारी करने के बाद ही अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए सर्वमान्य प्रत्याशी का नाम तय किया जाएगा.

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कांग्रेस की संभावना: कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं. इसके बावजूद कांग्रेस भाजपा को वॉक ओवर देने के मूड में नहीं है. इसलिए खानापूर्ति के लिए ही सही पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए प्रत्याशी जरूर खड़े करेगी. यदि वरिष्ठता के आधार पर देखें तो कांग्रेस की तरफ से वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद धूम सिंह डामोर और वार्ड क्रमांक 17 से पार्षद मालू डोडियार अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं. वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस रशीद कुरैशी, शीला मकवाना या विनय भाबर को मैदान में उतार सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी की जीत तभी संभव है जब दोनों निर्दलीय पार्षदों का वोट उन्हें मिल जाए और भाजपा में आपसी खींचतान के चलते क्रॉस वोटिंग हो जाए. ऐसे में कांग्रेस की लॉटरी लग सकती है.

हमारे प्रत्याशी भी उतारेंगे: शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव सक्सेना का कहना है कि झाबुआ संख्या बल में भले ही हम पीछे हैं, लेकिन अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी जरूर उतारेंगे. भाजपा की अंदरूनी लड़ाई का हमें लाभ मिलेगा. (jhabua political news) (jhabua municipality president election) (observer discussed with bjp contenders)

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