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'प्रदेश में फर्जी तरीके से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज...', अब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 8:26 PM IST

Updated : Sep 20, 2023, 8:32 PM IST

HC Order CBI Investigation: एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही तीन महीने में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी कोर्ट की तरफ से दिए गए हैं. प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेज को लेकर कोर्ट की तरफ से ये आदेश दिए गए हैं.

HC Order CBI Investigation in fake nursing College
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेज की सीबीआई जांच कराने के आदेश जारी किए हैं. युगलपीठ ने सीबीआई को तीन महीने में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने उस याचिका के आधार पर सीबीआई जांच के आदेश जारी किए हैं, जिसमें कहा गया था कि 55 फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं.

आइए समझते हैं पूरा केस: याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका में फर्जी तरीके से नर्सिंग कालेज संचालित होने को चुनौती दी गई थी. याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई. वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं. अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं है. कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है. बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है.

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याचिका में हाईकोर्ट को दी ये जानकारी: याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया- "एक ही व्यक्ति कई नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल हैं. फैक्टली भी अगल-अलग कॉलेज में कार्यरत है. जिस कॉलेज में वो काम कर रही हैं, उनकी दूरी भी सैकड़ों किलोमीटर दूर है. इसके अलावा माइग्रेट और डुप्लीकेट फैक्लटी का मामला भी याचिकाकर्ता की तरफ से उठाया गया."

इसमें कहा गया कि पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मप्र नर्सिंग राजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्टार को तत्काल निलंबित कर प्रशासक नियुक्त करने के आदेश जारी किए थे. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि आदेश के बाद भी सरकार ने प्रशासक को हटाकर रजिस्टार को नियुक्त कर दिया. इसके अलावा पूर्व रजिस्टार के खिलाफ सिर्फ दिखावटी कार्रवाई की गई. इसके बाद युगलपीठ ने डीएमई को तलब किया था.

इधर, डीएमई अरुण श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर माफी मांगी. पूर्व रजिस्टार के खिलाफ उचित कार्रवाई से जुड़ा शपथ पत्र प्रस्तुत किया. युगलपीठ ने ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में लंबित नर्सिंग कॉलेज संबंधित याचिकाओं को मुख्यपीठ में ट्रांसफर करने के आदेश दे दिए.

संयुक्त कार्रवाई में कॉलेजों ने क्या बताया?: याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई के दौरान अनावेदक कॉलेज की तरफ से बताया गया- "ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश के 650 मेडिकल कॉलेजों में से 364 कॉलेजों की सीबीआई के आदेश जारी किये थे. सीबीआई जांच में जिन कॉलेजों को क्लीन चीट प्रदान की गई है. उनके एग्जाम करवाए जाने के अनुमति प्रदान की जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क किया गया कि फैक्टरी के संबंध में सीबीआई ने जांच नहीं की है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए."

Last Updated :Sep 20, 2023, 8:32 PM IST
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