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इंदौर के आंख फोड़ कांड में नया खुलासा, संक्रमण के कारण गई मरीजों के आंखों की रोशनी

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Published : Aug 17, 2019, 10:39 PM IST

इंदौर आई हॉस्पिटल

इंदौर के आंख फोड़ कांड में नया खुलासा हुआ है. जिन डाक्टरों ने मरीजों का इलाज किया था उन्होंने बताया किस्यूडोमोनास एरुगिनोसा नामक एक घातक बैक्टीरिया के कारण मरीजों के आंखों की रोशनी जा रही है.

इंदौर। इंदौर आई हॉस्पिटल के डाक्टरों ने खुलासा किया है कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की आखों की रोशनी जाने की वजह एक संक्रमण है. स्यूडोमोनास एरुगिनोसा नामक एक घातक बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो रहा है और इस बैक्टीरिया पर कोई भी दवाई असर नहीं कर पा रही है. यह खुलासा करने वाले डाक्टरों ने ही इंदौर के आंख फोड़ कांड में 11 मरीजों का ऑपरेशन किया था.

संक्रमण के कारण गई मरीजों के आंखों की रोशनी

ईटीवी भारत द्वारा की गई पड़ताल में खुलासा हुआ है आंख फोड़ कांड में जिन 11 मरीजों की आंखों की रोशनी गई है, उनकी आखों में संक्रमण को रोकने में इंदौर के सभी नेत्र रोग विशेषज्ञ और मेडिकल कॉलेज की टीमें नाकाम रही हैं. मामले के उजागर होने के बाद डॉक्टरों को जब इस संक्रमण को रोकने का कोई तरीका नहीं सूझा तो उन्होंने इंटरनेट पर दवाई सर्च के बाद इन मरीजों को कोलस्टीन नामक एंटीबायोटिक दवाई दी. जिससे मरीजों को थोड़ी राहत मिली है.

इलाज के लिए चेन्नई से बुलाए गए विशेषज्ञ

सभी मरीजों को चोइथराम नेत्रालय में शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि अब सभी मरीजों का इलाज चेन्नई के संकरा आई हॉस्पिटल के दो नेत्र रोग विशेषज्ञों से कराए जाने की तैयारी है. जो जल्द ही इंदौर पहुंच जायेंगे. इंदौर के डॉक्टरों को भी इन 11 मरीजों के सफल इलाज के बाद इस घातक बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को रोकने का भी रास्ता मिल सकेगा.

धार में डॉक्टरों की कमी के चलते नहीं होते हैं मोतियाबिंद के ऑपरेशन

आंख फोड़ कांड के बाद पता चला है की धार में मोतियाबिंद के ऑपरेशन डॉक्टरों की कमी के कारण नहीं हो पा रहे हैं. इसीलिए धार के स्वास्थ्य अमले ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन की जिम्मेदारी इंदौर आई हॉस्पिटल को सौंप रखी है. जहां डॉ सुधीर महाशब्दे डॉ सुभाष बांडे रोहिणी पोरे, डॉ अनसुईया चौहान और डॉ वनिंदर कौर ने इन 14 मरीजों का ऑपरेशन किया था.

Intro:इंदौर, आंखों के जिस संक्रमण के कारण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दर्जनों मरीज मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद अपनी आंखों की रोशनी हो चुके हैं उस संक्रमण की वजह दरअसल syudomonas eroginesa नामक एक घातक बैक्टीरिया है मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों की रोशनी छीन रहे इस बैक्टीरिया पर कोई भी दवाई असर नहीं कर पा रही है इस बात का खुलासा इंदौर आई हॉस्पिटल के उन्हीं डॉक्टरों ने किया है जिन के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने की आशंका बनी हुई है l




Body:ईटीवी भारत द्वारा की गई पड़ताल के बाद यह भी खुलासा हुआ है कि 14 में से 3 मरीज ऐसे हैं जिन्हें इस बैक्टीरिया का संक्रमण नहीं हुआ है और उन्हें अपनी आंखों से स्पष्ट नजर आ रहा है जबकि 11 मरीजों के संक्रमण को इंदौर के सभी नेत्र रोग विशेषज्ञ और मेडिकल कॉलेज की टीम रोकने में नाकाम रही है इस मामले के उजागर होने के बाद डॉक्टरों को जब इस संक्रमण को रोकने का कोई तरीका नहीं सूझा तो उन्होंने इंटरनेट पर दवाई सर्च के बाद इन मरीजों को कोलस्टीन नामक एंटीबायोटिक दवाई दी जिससे मरीजों को राहत मिली है अब जबकि सभी मरीजों को चोइथराम नेत्रालय में शिफ्ट कर दिया है हालांकि अब सभी मरीजों का इलाज चेन्नई के संकरा आई हॉस्पिटल के दो नेत्र रोग विशेषज्ञों से कराए जाने की तैयारी है जो आज इंदौर पहुंच रहे हैं नतीजतन अब उम्मीद की जा रही है की इंदौर के डॉक्टरों को भी इन 11 मरीजों के इलाज के सफल इलाज बाद इस घातक बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को रोकने का भी रास्ता मिल सकेगाl

इन डॉक्टरों ने किया था मरीजों का ऑपरेशन

इंदौर के इस आंख फोड़ कांड के बाद पता चला है की धार में मोतियाबिंद के ऑपरेशन डॉक्टरों की कमी के कारण नहीं हो पा रहे हैं इसलिए धार के स्वास्थ्य अमले ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन की जिम्मेदारी इंदौर आई हॉस्पिटल को सौंप रखी है जहां डॉ सुधीर महाशब्दे डॉ सुभाष बांडे रोहिणी पोरे, डॉ अनसुईया चौहान डॉ वनिंदर कौर ने इन 14 मरीजों का ऑपरेशन किया था

यह है आंख फोड़वा कांड के मरीज

इस मामले में जिन 11 मरीजों की नेत्र ज्योति खोने की आशंका है उनमें धार के मनोहर पिता रामकिशन सुशीला पति भगवतीलाल राधेश्याम पिता चुन्नीलाल शांताबाई पति भागीरथ रामबाई पिता तुलाराम मोहन पिता पुणे कली बाई पति जुबान सिंह गेंदालाल पिता नानुराम तुलसी बाई पति बिहारीलाल कैलाश पिता भगवान दास गुलाब बाई पति ओमकार द्रोपती पति सत्यनारायण कला बाई पति कैलाश दास और हर पाल दास पति पहलाद है जिन्हें आज राज्य शासन के निर्देश पर प्रति मरीज ₹50000 का मुआवजा दिया गया है साथ ही इनके उपचार की तमाम जिम्मेदारी अब मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार उठाने जा रही है


Conclusion:बाइट डॉ सुधीर महाशब्दे, मेडिकल डायरेक्टर इंदौर आई हॉस्पिटल
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