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MP Seat Scan Seoni Malwa: नर्मदापुरम की सिवनी मालवा कभी 'सरताज' का गढ़ रही, अब क्या हाल हैं, जानिए विधानसभा का सीट स्कैन

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 2, 2023, 7:41 PM IST

Updated : Nov 15, 2023, 9:14 AM IST

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधानसभा सीट के बारे में. यह सीट सरताज सिंह का गढ़ रही है. पढ़िए सिवनी मालवा सीट का समीकरण

Specialty of Seoni Malwa Assembly
सिवनी मालवा के सियासी समीकरण

नर्मदापुरम। सिवनी मालवा सीट पर अब तक 10 चुनाव हुए हैं, इसमें से 6 बार कांग्रेस जीती, तो वहीं 4 बार भाजपा को जीती. पिछले 3 चुनावों से बीजेपी ही जीतती आ रही है. प्रेम शंकर वर्मा से पहले बीजेपी के ही सरताज सिंह विधायक थे. उन्होंने 2008 और 2013 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. सरताज सिंह शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. 2018 में उम्र क्राइटेरिया के चलते बीजेपी ने इनका टिकट काट दिया था. बागी होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. 2018 के चुनाव में सरताज यहां से चुनाव नही लड़े थे. बीजेपी के प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा सिवनी मालवा से जीते.

भाजपा-कांग्रेस में मुख्य मुकाबला: नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा से 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है. भाजपा ने प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने अजय बलराम सिंह पटेल को मैदान में उतारा है. दोनों प्रत्याशियों को बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.

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सिवनी मालवा में मतदाताओं की संख्या

सरताज सिंह की बगावत का असर बेअसर: सरताज सिंह ने कांग्रेस में आकर चुनाव लड़ा और हार गए. बाद में उन्होंने घर वापसी करते हुए फिर बीजेपी की सदस्यता ले ली. सरताज सिंह भाजपा से 5 बार सांसद, 2 बार विधायक रह चुके हैं. वे केंद्र में एक बार स्वास्थ्य मंत्री तथा प्रदेश में वन व लोक निर्माण मंत्री रह चुके हैं. होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से 1989 से 1996 तक की अवधि में तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रामेश्वर नीखर को लगातार हराया. 1998 में लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह को हराया. 1999 में लोक सभा चुनाव नहीं लड़ा, 2004 में फिर लोक सभा चुनाव में जीते. 2008 में नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा विधान सभा से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के हजारी लाल रघुवंशी को हराया. लेकिन 2018 में वे सीतासरन शर्मा से हार गए.

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सिवनी मालवा विधानसभा की खासियत

सिवनी मालवा का जातिगत ताना बाना: सिवनी मालवा में जातीय समीकरण पर नजर डालें तो विधानसभा क्षेत्र में अब चार तहसील हैं. ये सिवनी मालवा, शिवपुर, डोलरिया और केसला हैं. जातिगत वोटो में यहां सबसे ज्यादा आदिवासी समाज के वोट हैं. ये ही चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. फिर यहां लोवंशी, रघुवंशी, राजपूत और गौर समाज के करीब 65 से 70 फीसदी मतदाता हैं. यहां आदिवासी, ब्राह्मण, मुस्लिम, एससी/ एसटी मिलाकर 31 फीसदी मतदाता हैं.

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सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे: एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन प्लांट सिवनी मालवा में है जो कि अभी बंद है. किसानों को खाद-बीज और पानी समय पर न मिलने से खेती का काम प्रभावित हो रहा है. इलाके में खराब सड़कें भी एक बड़ी समस्या हैं.

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2018 चुनाव का रिजल्ट

ऐतिहासिक शहर है सिवनी मालवा: सिवनी मालवा ऐतिहासिक धरोहरों से भरा शहर है. यहां कई प्राचीन मंदिर हैं. यहां 1300 साल पुराना शिव गणेश का अद्भुत मंदिर है. यहां राम जानकी मंदिर भी है जो 200 साल पुराना है.

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सिवनी मालवा विधानसभा सीट

सिवनी मालवा में कांग्रेस सक्रिय: भाजपा सरकार और विधायक के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. पहले की तुलना में कांग्रेस की ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है. बड़े नेताओं के मंचों पर कांग्रेस एकजुट नजर आई है तो कार्यक्रमों में भीड़ भी काफी है. क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अफसरशाही में निरंकुशता, रेत का अवैध उत्खनन जैसे मुद्दों पर कांग्रेस मुखर है. वहीं बीजेपी विकास के नाम पर वोट मांग रही है.

Last Updated :Nov 15, 2023, 9:14 AM IST
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