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JAH का रियलिटी चेक: डॉक्टरों के लिए घंटों इंतजार कर रहे मरीज, नहीं मिल रहा इलाज

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Published : Jun 5, 2021, 2:10 PM IST

जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं. इस बीच जयारोग्य अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल के सपोर्ट में आ गए हैं. ऐसे में अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

Jayarogya Hospital
JAH का रियलिटी चेक

ग्वालियर। ग्वालियर समेत पूरे प्रदेश में जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं, जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के कुल 300 से अधिक जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को सामूहिक इस्तीफा भी सौंप दिया है. साथ ही जयारोग्य अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल के सपोर्ट में आ गए हैं. उन्होंने भी काम बंद करने की चेतावनी दी है. ऐसे में जयरोग्य अस्पताल में हालात बहुत खराब हो गए हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण मरीज दर-दर भटक रहे हैं.

JAH का रियलिटी चेक

गंभीर मरीजों को नहीं मिल रह इलाज
जयारोग्य अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काम करना बंद कर दिया है. यही वजह है कि यहां पर आने वाले मरीज बेहद परेशान हैं. दूर से आने वाले गंभीर मरीजों को इलाज और जांच के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. कई मरीज तो ऐसे हैं जो बिना इलाज कराए ही लौट रहे हैं. वहीं, अस्पताल की जनरल ओपीडी वार्ड में मरीजों का जमावड़ा लगा हुआ है. यहां सुबह 10 बजे से मरीज बैठे हैं, लेकिन डॉक्टर 2 घंटे के इंतजार के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं.

सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल के समर्थन में
बता दें कि जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. जिसमें 300 से अधिक जूनियर डॉक्टर ग्वालियर के है. इस वजह से जयरोग्य अस्पताल में मरीजों को सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. साथ ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काम बंद कर दिया है. इस वजह से मरीजों को और अधिक परेशानी होने लगी है. मरीज इलाज और जांच के लिए दर-दर भटक रहे हैं. जनरल ओपीडी में दो या तीन डॉक्टर ही बैठ रहे हैं. मरीज सुबह से लेकर दोपहर तक डॉक्टरों का इंतजार करते हैं, लेकिन मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है.


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दर-दर भटक रहे हैं मरीज
चंबल अंचल इलाके का जयारोग्य अस्पताल सबसे बड़ा है. यहां पर ग्वालियर चंबल अंचल के आसपास टीकमगढ़, छतरपुर, अनूपपुर, झांसी के मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन इस समय डॉक्टर उपलब्ध ना होने के कारण यह मरीज घंटों इंतजार के बाद वापस लौट रहे हैं. इनमें कई गंभीर मरीज तो ऐसे हैं जिन्हें डॉक्टर की अति आवश्यकता है, लेकिन न मिलने के कारण वह प्राइवेट अस्पतालों में दर-दर भटक रहे हैं. मरीजों का कहना है कि न तो डॉक्टर मिल रहे हैं और न ही दवाइयां मिल रही है. साथ ही जांच के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है.

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