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MP High Court: कातिलाना हमले के आरोपी को सशर्त जमानत, एक माह में लगाने होंगे 25 पौधे,देखभाल भी करनी होगी

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Published : May 18, 2023, 7:47 AM IST

ग्वालियर हाईकोर्ट ने दलित उत्पीड़न और हत्या के प्रयास के आरोपी विजय भान सिंह को पेड़ लगाने की शर्त पर जेल से रिहा करने के निर्देश दिए हैं. उसे एक माह 25 पौधे लगाने होंगे. साथ ही पौधों की देखभाल की गांरटी भी उसी की होगी.

MP High Court Conditional bail accused
MP High Court: कातिलाना हमले के आरोपी को सशर्त जमानत

ग्वालियर। दलित पर हमला करने के आरोपी विजय भान सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपने मुवक्किल की ओर से जनसेवा करने की भावना जताई थी. इस पर कोर्ट ने उसे 25 पौधे लगाने की शर्त पर जमानत दी है. आरोपी विजय भान सिंह को ये पौधे एक महीने के भीतर लगाने होंगे और खुद ही उसे पौधों की देखभाल भी करनी होगी. इसके साथ ही अधीनस्थ न्यायालय को इन पौधों की निगरानी के लिए निर्देशित किया गया है. याचिकाकर्ता को हर 3 महीने के पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश कोर्ट ने दिए हैं.

जिला अदालत में आवेदन खारिज : शिवपुरी जिले के भौंती थाने में एक दलित पर जानलेवा हमला करने और उत्पीड़न की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपी को इसी साल 6 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. शिवपुरी के जिला न्यायालय में आरोपी विजय भान सिंह का जमानत आवेदन खारिज होने के बाद उसने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की. खास बात ये है कि न्यायमूर्ति आनंद पाठक पूर्व में भी आरोपियों को जनसेवा के कार्य में जोड़े रखने के लिए सशर्त यानी पेड़ लगाने, अस्पताल में साफ-सफाई और अन्य सामाजिक कार्यों की शर्त पर जमानत देते रहे हैं. कुछ समय पहले उनका स्थानांतरण जबलपुर हो गया था. अब वे ग्वालियर खंडपीठ में फिर से कुछ समय के लिए सुनवाई के लिए आए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि आरोपी विजय भान सिंह हाईकोर्ट के निर्देशों की अनदेखी करता है तो उसकी जमानत स्वत: ही निरस्त मानी जाएगी. ये जानकारी शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने दी है.

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जेल मे बंद कैदी की पत्नी ने पुलिस से मांगी मदद : ग्वालियर सेंट्रल जेल में मर्डर केस में बंद एक कैदी को जेल से पैरोल पर बाहर निकालने की अर्जी पिता सहित उसकी पत्नी ने शिवपुरी जिले के पुलिस अधीक्षक से लगाई है. कैदी की पत्नी ने कहा है कि कुछ दिनों के लिए मेरे पति को पैरोल पर घर भेज दो ताकि घर में खुशियां आ जाएं और मुझे संतान का सुख मिल जाए. परिजनों का कहना है कि ग्वालियर की सेंट्रल जेल से बेटे की पैरोल वाली फ़ायल शिवपुरी भेजी जा चुकी है. अगर पुलिस अधीक्षक उस फाइल पर अनुशंसा कर दें तो उसका बेटा कुछ दिनों के लिए जेल से बाहर आ सकता है.

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