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सियासत के चलते राजपरिवारों में पड़ी दरार! दिग्गी बोले- गद्दारों के साथ देने पर भतीजे को आनी चाहिए शर्म..

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 15, 2023, 1:44 PM IST

Updated : Nov 15, 2023, 1:49 PM IST

Diggi Angry With Nephew for Supporting Scindia
सियासत के चलते राजपरिवारों में पड़ी दरार

Diggi Angry on Rudra Dev Singh: दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार बताते हुए अपने भतीजे रुद्रदेव सिंह पर बयान दिया है. आइए जानते हैं दिग्गी ने क्या कहा-

सियासत के चलते राजपरिवारों में पड़ी दरार

Digvijay Singh Rebel nephew: राजनीति में चाचा और भतीजे की जोड़ी हमेशा ही चर्चा का विषय रही है, फिर चाहे वह महाराष्ट्र के चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार हों, यूपी के चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव हों या फिर एमपी के चाचा दिग्विजय सिंह और भतीजे रुद्रदेव सिंह की हों. हालांकि ये भी सही बात है कि राजनीति के सुपरहिट चाचा-भतीजे कभी घुल-मिलकर नहीं रह पाए, हमेशा ही उनमें तकरार बनी रही. फिलहाल कुछ टाइम से दिग्गी और उनके भतीजे रुद्रदेव को भी किसी की नजर लग गई है या ये कह सकते हैं कि राजपरिवार में सियासी तलवारें खिंची साफ नजर आ रही हैं.

दरअसल छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के प्रचार के लिए दिग्विजय सिंह मधुसूदनगढ़ के खेराड़ में चुनावी सभा करने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भतीजे पर निशाना साधते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक बार फिर गद्दार करार दिया. इसके अलावा दिग्गी ने सिंधिया को कायर बताते हुए कहा कि "वे(सिंधिया) विचारधारा से समझौता करने वाले लोगों में से हैं."

गद्दारों के साथ देने पर भतीजे को आनी चाहिए शर्म: दिग्गी का भाषण उस वक्त चर्चा का विषय बन गया, जब उन्होंने मंच से अपने ही भतीजे को लेकर कहा कि "मेरे भतीजे ने भी गद्दारों (ज्योतिरादित्य सिंधिया) का साथ दिया. आखिर क्या नहीं किया मैंने इस परिवार के लिए? लेकिन उसके बाद भी उसने गद्दारी की और अब वह गद्दारों के साथ मिलकर हमारा विरोध करता है. शर्म आनी चाहिए."

सिंधिया ने रुद्रदेव को दिया सम्मान: दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के सदस्य व दिग्विजय सिंह के भतीजे रुद्रदेव सिंह ने कहा कि "2004 में लक्ष्मण सिंह ने भी गद्दारी की थी, जब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का हाथ थामा था. बात रही मेरी तो मैं केवल सम्मान चाहता हूं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुझे दिया है.

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सियासत के चलते राजपरिवारों में पड़ी दरार: 2020 में जब एमपी में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ रुद्रदेव सिंह भी शामिल थे. तभी रुद्रदेव ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा की शरण ले ली थी. हालांकि मधुसूदनगढ़ राजपरिवार के और राघौगढ़ राजपरिवार के आपसी संबंध काफी अच्छे हैं, लेकिन राजनीति के आगे किसकी चली है. फिलहाल तो राजनीति के चलते दोनों परिवारों में दरार पड़ती दिखाई दे रही हैं.

Last Updated :Nov 15, 2023, 1:49 PM IST
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