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कालीचरण को नहीं मिली बेल, जेल में मनेगा नया साल, 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए

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Published : Dec 30, 2021, 9:06 AM IST

Updated : Dec 31, 2021, 6:10 PM IST

कालीचरण महाराज को रायपुर कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने उनकी बेल केंसिल करते हुए उन्हें 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रायपुर के टिकरापारा में उनपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने के मामले में उन्हें गुरूवार सुबह 4 बजे छतपरपुर जिले के खजुराहो से (Kalicharan Maharaj arrested from Khajuraho) गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया गया. यहां से उन्हें 2 दिन की पुलिस रिमांड दी गई थी.

Kalicharan Maharaj arrested from Khajuraho
बापू का अपमान करने वाला कालीचरण महाराज गिरफ्तार

छतरपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी कालीचरण महाराज 13 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे. शुक्रवार को जेएमएफसी कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे पहले गुरूवार को उन्हें जिला कोर्ट में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट चेतना ठाकुर की कोर्ट में उनकी पेश किया गया था. जहां से उन्हें 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था. पुलिस को उन्हें 1 जनवरी को कोर्ट में पेश करना था, लेकिन उनकी बेल एप्लीकेशन पर कोर्ट ने शुक्रवार को ही खारिज कर दी.

Kalicharan Maharaj arrested from Khajuraho
बापू का अपमान करने वाला कालीचरण महाराज गिरफ्तार

एमपी के खजुराहों से हुए थे अरेस्ट

कालीचरण को गुरूवार सुबह खजुराहो से छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार (Kalicharan Maharaj arrested from Khajuraho) किया था. कालीचरण खजुराहो के एक होटल में ठहरा था, जहां से पुलिस ने उसे दबोच लिया है. कालीचरण के खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने में महात्मा गांधी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में केस दर्ज किया गया है. उन्हें कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान बड़ी संख्या में कालीचरण महाराज के समर्थक कोर्ट परिसर में मौजूद रहे. समर्थकों ने कोर्ट परिसर में कालीचरण के समर्थन ने जमकर नारेबाजी भी की.

बापू का अपमान करने वाला कालीचरण महाराज गिरफ्तार

कालीचरण महाराज के खिलाफ मामला दर्ज, महात्मा गांधी पर की थी शर्मनाक टिप्पणी

धर्म संसद में कालीचरण ने किया अधर्म

रविवार 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महाराष्ट्र से आए संत कालीचरण ने मंच से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Controversial Statement on Mahatma Gandhi) पर विवादित टिप्पणी करते हुए साल 1947 में हुए भारत के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया था. साथ ही उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन भी किया था.

खजुराहो से हुई थी गिरफ्तारी

मंच छोड़ चले गए कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक

कालीचरण के बयान के बाद धर्म संसद में हंगामा मच गया था. कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das Left dharm sansad) ने कालीचरण के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि वह अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे. धर्म संसद के मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई हैं. हम इसका विरोध करते हैं. इसके बाद वह मंच छोड़कर धर्म संसद से चले गए थे.

पूर्व मेयर ने कालीचरण पर दर्ज कराई FIR

छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोप में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने टिकरापारा थाने में आईपीसी की धारा 505(2), 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. 26 दिसंबर रविवार को रायपुर में 'धर्म संसद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर जताया एतराज

राज्य सरकार की यह कार्रवाई हरिद्वार के उस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें नफरत भरे भाषण दिए गए थे. रायपुर में कार्यक्रम रावनभाटा में आयोजित किया गया था, जिसमें संत कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सही ठहराने का आरोप है. राहुल गांधी ने भी हैशटैग गांधीफॉरएवर ट्वीट किया और गांधी को उद्धृत किया कि 'आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते'.

हरिद्वार में भी हुआ था ऐसा ही आयोजन

17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में इसी तरह की घटना होने की सूचना मिली थी. सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग प्रसारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि 'हिंदुओं को म्यांमार की तरह हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए, और 'सफाई अभियान' चलाना चाहिए' तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगा है. उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

Last Updated :Dec 31, 2021, 6:10 PM IST
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