भोपाल| उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन और भोपाल में हुई 8 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद जनता का आक्रोश भी लगातार बढ़ता जा रहा है. लोग इन घटनाओं से गुस्से में है और लोगों का गुस्सा न्याय प्रक्रिया से भी है. लोगों का मानना है कि इस तरह के आरोपियों को जनता के हवाले कर देना चाहिए. जनता ही इन्हें अब सही सजा देगी.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजधानी की महिलाओं ने प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर आक्रोश जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि जो घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई हैं वह बेहद शर्मनाक हैं. इस तरह की घटनाओं से आज समाज का सिर नीचे झुक गया है . जरूरत है कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाए.
महिलाओं ने कहा कि वह अपने बच्चों को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं. बच्चा अगर घर से बाहर है तो फिकर लगी रहती है कि वह सुरक्षित है या नहीं. महिलाओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुष्कर्मी आरोपी को फांसी की सजा नहीं बल्कि अब इन लोगों को जनता के हवाले कर देना चाहिए.
युवतियों का कहना है कि यदि जरूरत पड़ती है तो वह देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखेंगे और उनसे मांग करेंगे कि इस तरह के दुष्कर्मीयों को जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान किया जाए .
युवतियों का कहना है कि आज स्थिति यह हो गई है कि जब तक वह घर नहीं पहुंच जाती तब तक माता-पिता को चिंता लगी रहती है. आज लगातार माहौल खराब होता जा रहा है. हम पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का माहौल तो शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय भी नहीं था.
बता दें कि शनिवार रात करीब 8.00 बजे बच्ची लापता हुई थी और रविवार एक घर के पास नाले में उसका शव मिला था. बच्ची के चेहरे पर ब्लेड के निशान थे. मामले का आरोपी विष्णु खंडवा से गिरफ्तार हो चुका है.