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रेप के बाद हत्या की घटनाओं से महिलाएं आक्रोशित, कहा- 'अब जनता को करने दो फैसला'

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Published : Jun 11, 2019, 6:08 AM IST

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजधानी की महिलाओं ने प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर आक्रोश जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि जो घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई हैं वह बेहद शर्मनाक हैं.
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भोपाल| उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन और भोपाल में हुई 8 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद जनता का आक्रोश भी लगातार बढ़ता जा रहा है. लोग इन घटनाओं से गुस्से में है और लोगों का गुस्सा न्याय प्रक्रिया से भी है. लोगों का मानना है कि इस तरह के आरोपियों को जनता के हवाले कर देना चाहिए. जनता ही इन्हें अब सही सजा देगी.

रेप के बाद हत्या की घटनाओं से महिलाएं आक्रोशित

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजधानी की महिलाओं ने प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर आक्रोश जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि जो घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई हैं वह बेहद शर्मनाक हैं. इस तरह की घटनाओं से आज समाज का सिर नीचे झुक गया है . जरूरत है कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाए.

महिलाओं ने कहा कि वह अपने बच्चों को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं. बच्चा अगर घर से बाहर है तो फिकर लगी रहती है कि वह सुरक्षित है या नहीं. महिलाओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुष्कर्मी आरोपी को फांसी की सजा नहीं बल्कि अब इन लोगों को जनता के हवाले कर देना चाहिए.

युवतियों का कहना है कि यदि जरूरत पड़ती है तो वह देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखेंगे और उनसे मांग करेंगे कि इस तरह के दुष्कर्मीयों को जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान किया जाए .

युवतियों का कहना है कि आज स्थिति यह हो गई है कि जब तक वह घर नहीं पहुंच जाती तब तक माता-पिता को चिंता लगी रहती है. आज लगातार माहौल खराब होता जा रहा है. हम पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का माहौल तो शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय भी नहीं था.

बता दें कि शनिवार रात करीब 8.00 बजे बच्ची लापता हुई थी और रविवार एक घर के पास नाले में उसका शव मिला था. बच्ची के चेहरे पर ब्लेड के निशान थे. मामले का आरोपी विष्णु खंडवा से गिरफ्तार हो चुका है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

दुष्कर्मी को फांसी नहीं , करो जनता के हवाले , यही होगी सबसे बड़ी सजा


भोपाल | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और फिर मध्य प्रदेश के उज्जैन और अब राजधानी भोपाल में हुई नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद जनता का आक्रोश भी लगातार बढ़ता जा रहा है आज लोग इस तरह की घटनाओं से गुस्से में है लोगों का गुस्सा न्याय प्रक्रिया से भी है लोगों का मानना है कि अब इस तरह के दुष्कर्मी आरोपियों को फांसी की सजा नहीं बल्कि इन्हें जनता के हवाले कर देना चाहिए जनता ही इन्हें अब सही सजा देगी .


Body:ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए राजधानी की महिलाओं ने बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि जो घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई है वह बेहद शर्मनाक है . इस तरह की घटनाओं से आज समाज का सिर नीचे झुक गया है . जरूरत है कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाए . साथ ही दुष्कर्मी आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए .

उन्होंने कहा कि आज हम अपने बच्चों को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं . बच्चा अगर घर से बाहर है तो फिकर लगी रहती है कि वह सुरक्षित है या नहीं . जब तक वह घर लौट कर नहीं आ जाता है तब तक एक डर सा लगा रहता है . लेकिन आखिर हम इस तरह से डर डर के कब तक जीते रहेंगे .


Conclusion:महिलाओं ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुष्कर्मी आरोपी को फांसी की सजा नहीं बल्कि अब इन लोगों को जनता के हवाले कर देना चाहिए . जनता ही इन्हें सही ढंग से सजा दे सकती है .
उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि इन आरोपियों को जनता के हवाले किया जाए . जिस तरह से कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं इससे कुछ होने वाला नहीं है . एक-दो दिन सभी कैंडल मार्च निकालेंगे बाद में सभी लोग भूल जाएंगे . इससे क्या होगा . शायद कुछ भी नहीं . लेकिन हमें सख्त परिणाम चाहिए और उसके लिए हमारे कानून को सख्त बनाना बेहद जरूरी है .


युवतियों का कहना है कि यदि जरूरत पड़ती है तो वह देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखेंगे और उनसे मांग करेंगे कि इस तरह के दुष्कर्मीयों को जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा दिए जाने का प्रावधान किया जाए .


उन्होंने कहा कि फांसी देने से ही केवल इस तरह की घटनाओं को नहीं रोका जा सकता है. बल्कि अब इस तरह के आरोपियों को जनता के हवाले करना चाहिए और चौराहे पर लाकर इन आरोपियों के प्राइवेट पार्ट्स को काट देना चाहिए . यही इन लोगों के लिए सबसे बड़ी सजा होगी .

कॉलेज में पढ़ने वाली युवती तनीषा का कहना है कि आज स्थिति यह हो गई है कि जब तक मैं घर नहीं पहुंच जाती हूं माता-पिता को चिंता लगी रहती है . मां दिन में तीन से चार बार फोन लगाकर पूछती है कि ठीक तो हो . यह सब क्या है . आज लगातार माहौल खराब होता जा रहा है . हम पढ़ाई लिखाई करना चाहते हैं . इसके लिए हमें घर से निकलना ही होगा और यदि इस तरह की घटनाएं होंगी तो हमारे अंदर एक डर व्याप्त रहेगा . हम किस तरह से घर से बाहर निकल पाएंगे . इस तरह का माहौल तो शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय भी नहीं था . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस पर विचार करना होगा और सख्त कार्यवाही करके इस तरह के अपराधों पर लगाम लगानी होगी .
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