ETV Bharat / state

Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी पर बन रहा दुर्लभ संयोग, जान लें बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

author img

By

Published : Sep 10, 2021, 12:06 AM IST

गणेश उत्सव की शुरुआत 10 सितंबर से होने जा रही है. इस बार गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त दिन में 12 बजकर 17 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में शुरू होगा और रात 10 बजे तक पूजन का शुभ समय रहेगा. पूजा के समय 'ॐ गं गणपतये नमः:' मंत्र का जप करते हुए गणपति जी को जल, फूल, अक्षत, चंदन और धूप-दीप एवं फल नैवेद्य अर्पित करें.

Ganesh Chaturthi 2021
गणेश चतुर्दशी 2021

हैदराबाद। गणेश चतुर्थी का त्योहार 10 सितंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा. गणपति पूजन में बहुत से लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति बप्पा का आयोजन करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को धूमधाम के साथ विदाई देकर विसर्जन करते हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल चतुर्थी पर विशेष संयोग बन रहा है. 10 सितंबर को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिये अच्छा मुहूर्त है.

शाम 5 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा. इसके अलावा 9 सितंबर दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 10 सितंबर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला रवि योग रहेगा. इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा.

गणपति स्थापना पूजन का शुभ मुहूर्त

इस बार गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त दिन में 12 बजकर 17 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में शुरू होगा और रात 10 बजे तक पूजन का शुभ समय रहेगा. पूजा के समय 'ॐ गं गणपतये नमः:' मंत्र का जप करते हुए गणपतिजी को जल, फूल, अक्षत, चंदन और धूप-दीप एवं फल नैवेद्य अर्पित करें. प्रसाद के रूप में गणेशजी को उनके अति प्रिय मोदक का भोग जरूर लगाएं. इसके अलावा गणेश चतुर्थी के दिन 11 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 59 मिनट तक पाताल निवासिनी भद्रा रहेगी. शास्त्रों के अनुसार, पाताल निवासिनी भद्रा का योग शुभ माना जाता है.

सुबह का मुहूर्त: 7:39 से लेकर दोपहर 12:14 तक

दिन का मुहूर्त: दोपहर 1:46 से लेकर 3:18 तक

शाम का मुहूर्त: शाम 6:21 से लेकर 10:46 तक

भगवान गणेश की प्रतिम स्थापना की विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे लें. गणपति का स्मरण करते हुए पूजा की पूरी तैयारी कर लें. इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें. एक कोरे कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालें और उसे कोरे कपड़े से बांधना चाहिए. इसके बाद सही दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें. स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी में जयकारे लगाते हुए स्थापित करें. इसके साथ रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रख दें.

आज से ETV Bharat Madhya Pradesh पर देखिए गणेश उत्सव की स्पेशल कवरेज

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह स्नान-ध्यान करके गणपति के व्रत का संकल्प लें. इसके बाद दोपहर के समय गणपति की मूर्ति या फिर उनका चित्र लाल कपड़े के ऊपर रखें. फिर गंगाजल छिड़कने के बाद भगवान गणेश का आह्वान करें. भगवान गणेश को पुष्प, सिंदूर, जनेऊ और दूर्वा (घास) चढ़ाए. इसके बाद गणपति को मोदक लड्डू चढ़ाएं, मंत्रोच्चार से उनका पूजन करें. गणेश जी की कथा पढ़ें या सुनें, गणेश चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें.

गणपति बप्पा मोरया: जानें किन सितारों के घर विराजते हैं 'बप्पा', ये रखते हैं अटूट आस्था

गणेश पूजन के लिए जरूरी सामग्री

पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत, रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान आदि एकत्र कर लें.

गणपति बप्पा को लगाएं भोग

गणेश जी को पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. कहते हैं कि गणपति जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए. मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था, इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था.

10 सितंबर गणेश चतुर्थी का पंचांगः जानें गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त, दिन-रात का चौघड़िया

गणपति मंत्र का जाप (Ganesha Mantra)

गणपति स्थापित करने के बाद घर में पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा की जाती है, इस दौरान 'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥' या फिर 'ऊं गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप जरूर करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.