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MP में फिर उछला जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा, कांग्रेस बोली ये बीजेपी का शिगूफा

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Published : Apr 5, 2023, 7:26 PM IST

मध्यप्रदेश में एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का मुद्दा छिड़ गया है. कांग्रेस ने इसे बीजेपी का शिगूफा बताया है. वहीं अब इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार ने हाथ खड़े कर लिए हैं और केंद्र सरकार पर यह कानून बनाने का जिम्मा सौंप दिया है.

Shivraj and Kamal Nath
शिवराज और कमलनाथ

भोपाल। एक तरफ बीजेपी वोटों के ध्रवीकरण के लिए बढ़ती जनसंख्या के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार मानते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून का शिगूफा छेड़ती है, लेकिन जब बात उच्च स्तरीय फोरम पर होती है तो सरकार साफ कर देती है कि एमपी में फिलहाल जनसंख्या नियंत्रण का कोई प्रावधान सरकार के पास नहीं है. फिलहाल इस बारे में किसी भी तरह का कोई प्लान नहीं है. ये मामला मध्यप्रदेश विधानसभा में सत्ताधारी विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीतासरण शर्मा ने उठाया था. जिस पर विधानसभा में विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था, लेकिन अब इस मामले में नया ट्विस्ट आ गया है, आश्वासन के पालन के संबंध में विधि विभाग द्वारा विधानसभा को भेजी गई रिपोर्ट में ऐसा कानून बनाने से इंकार कर दिया है.

रिपोर्ट में विधि विभाग ने कहा है कि संविधान की सप्तम अनुसूची में विनिर्दिष्ट समवर्ती सूची-3 की प्रविष्टी 20 क जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार नियोजन विषय है. जनसंख्या नियंत्रण के विषय में कोई कानून बनाया जाना हो तो केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों इसे बनाने का अधिकार रखते हैं, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाये जाने की कार्रवाई राष्ट्र स्तर पर नीतिगत निर्णय लिये जाने के उपरान्त ही की जा सकती है. वहीं बीजेपी ने भी इस कानून को लेकर कहा कि इस तरह की कोई योजना सरकार की नहीं है, जब होगा तो सबको पता चल जाएगा.

राज्य सरकार का तर्क: जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से प्रदेश सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. साथ ही कहा है कि यह कानून केंद्र सरकार बनाये, क्योंकि देश में विधि की एकरुपता का सिद्धांत लागू है. इसलिये केंद्र सरकार ही कानून बनाये जो सम्पूर्ण देश में एक समान लागू हो. विधि विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि संसद में वर्ष 1983 से लेकर वर्ष 2021 तक सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण संबंधी 31 निजी बिल पेश किये थे. जिनमें से अधिकांश लैप्स हो गये हैं, एक वापस ले लिया गया है और कुछ बिल लोकसभा व राज्यसभा में लंबित हैं.

यह उठाया था मुद्दा: भाजपा विधायक डॉ. शर्मा ने कहा था कि प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या पर प्रभावी कानून के अभाव में बढ़ती बेरोजगारी, पर्याप्त आवासों की कमी, अतिक्रमण, सड़क व रेलगाड़ी से आवागमन के सार्वजनिक साधन की अनुपलब्धता, कृषि भूमि कम होना सहित अनेक समस्यों का निराकरण सरकार और प्रशासन नहीं कर पा रहे हैं. इसलिये जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक नियत तिथि के बाद दो से अधिक बच्चों वाले पालक को शासकीय ठेके पर रोक, विधायक/सांसद/नगरीय निकाय/पंचायत निकाय/सहकारिता / मण्डी सहित अन्य चुनाव लड़ने पर रोक, राष्ट्रीयकृत बैंकों से शिक्षा / कृषि ऋण सहित अन्य ऋणों पर रोक या बढ़ी दर पर दिए जायें एवं सभी प्रकार के आरक्षण एवं उससे जुड़ी सुविधाओं पर रोक, सभी प्रकार की सरकारी सहायता / सुविधाओं/ अनुदान यथा आवास योजना परिवार सहायता, आयुष्मान सहित अन्य योजना पर रोक, राजनीतिक दल में किसी भी पद / दायित्व से वंचित करने जैसे प्रावधान होने चाहिए. जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाये जाने को लेकर पल्ला झाड़ने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि बीजेपी सरकार लफ्फाजी करती रही है. बीजेपी हमेशा ध्रुवीकरण पर ध्यान देती है, सिर्फ वोट के लिए बीजेपी इस तरह के शिगूफा छेड़ती है.

कथावाचक मंच से जनसंख्या को लेकर दे चुके हैं बयान:

भोपाल में कथा कर रहे कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि जब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून ना बन जाए, तब तक हर हिंदू चार से पांच बच्चे पैदा करे.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री भी कह चुके हैं कि हिंदुओं को कम से कम 3 से 4 बच्चे पैदा करना चाहिए. हिंदुओं को दो बच्चे परिवार चलाने के लिए और दो बच्चे देश और राम की सेवा के लिए करने चाहिए.

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कई कानून बनाने के लिये मध्यप्रदेश में बना चुका है ड्राफ्ट

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