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एमपी में 1.5 लाख से अधिक युवा बेरोजगार, डेढ़ साल से बंद पड़ी रोजगार योजनाएं!

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Published : Oct 1, 2021, 7:30 PM IST

प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने वाली योजनाओं को शिवराज सरकार ठंडे बस्ते में डाल दी है, जिसके चलते डेढ़ लाख से अधिक बेरोजगार युवा इधर-उधर भटक रहे हैं.

MP government stop all employment schemes
निराश बैठे बेरोजगार युवा

भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं के हाथ में सरकार ने झुनझुना थमा दिया है, पिछले डेढ़ साल से रोजगार देने वाली सभी योजनाएं बंद पड़ी है. सुरेंद्र पैलेस में रहने वाले अंकित राजपूत ग्रेजुएशन के बाद स्वरोजगार के लिए परेशान हैं. उनका भाई लॉकडाउन के दौरान स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत आवेदन किया था, पंजीयन तो हुआ, पर अब तक रोजगार के नाम पर सिर्फ झुनझुना मिला है. अंकित ने अपने नाम से भी आवेदन किया था, पर उसे भी रोजगार नहीं मिला. इसकी शिकायत भी नगर निगम में की थी, पर स्थिति वही ढाक के तीन पात जैसी ही है.

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1.5 लाख से अधिक युवा हैं बेरोजगार

विवेक हिरेखन मैनेजमेंट में ग्रेजुएट हैं और भोपाल के बागसेवनिया में रहते हैं. स्वरोजगार योजना के तहत इन्होंने अपना पंजीयन कराया था. महीने में 15 से 20 दिन योजना के लाभ के लिए वह बैंक और अन्य जगहों पर भटकते रहे, पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ. ये कहानी सिर्फ अंकित और विवेक की ही नहीं है, बल्कि प्रदेश में उनकी तरह डेढ़ लाख से अधिक युवा हैं. राज्य सरकार ने दिसंबर 2020 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना बंद करने की औपचारिक घोषणा की थी, जबकि मार्च 2020 के बाद से ही बैंकों को कह दिया गया था कि इन योजनाओं में कोई कर्ज स्वीकृत करके सब्सिडी क्लेम न करें.

रोजगार देने वाली सभी योजनाएं बंद

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का लाभ न्यूनतम 10वीं पास 18 से 40 वर्ष की आयु वालों को मिलता था, इस योजना के तहत 10 लाख रुपए से दो करोड़ तक का लोन मिलता था, मार्जिन मनी के रूप में सरकार कुल लोन राशि का 15 प्रतिशत अधिकतम 12 लाख रुपए सब्सिडी देती थी. वहीं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग को व्यापार के लिए 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख तक लोन दिया जाता था. इस लोन राशि पर 10 लाख रुपए पर अधिकतम 3 लाख तक का अनुदान मिलता था, जबकि मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना किसानों के पुत्र-पुत्रियों के लिए थी. 10वीं पास 18 से 45 वर्ष के युवक इसके लिए पात्र थे, 50 हजार से लेकर 2 करोड़ तक का कर्ज दिया जाता था. इस योजना में अधिकतम 18 लाख तक का अनुदान मिलता था. पुरुषों को लोन राशि पर लगने वाले ब्याज पर 5% और महिला उद्यमी को 6 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलती थी.

सरकार के रोजगार का वादा अधूरा

युवा कांग्रेस के प्रवक्ता अमन दुबे का कहना है कि मप्र में शिवराज सरकार ने देश के पढ़े-लिखे युवाओं को बेरोजगार बनाने का काम किया है, उद्यमी योजना, स्वरोजगार योजना जैसी युवाओं को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं में शिवराज सरकार फेल रही है. युवा रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं और अन्य प्रदेशों में जा रहे हैं.

फिर शुरू होंगी रोजगार परक योजनाएं

कोरोना संक्रमण काल के साइड इफेक्ट के चलते सरकार की स्वरोजगार योजनाएं फिर से शुरू नहीं हो पाई हैं. बेरोजगार युवा काफी समय से नगरीय निकाय और जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके हाथ निराशा ही लगी है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार की ओर से इन योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा.

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