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कोरोना की दूसरी लहर में कितने बढ़े घरेलू हिंसा के मामले? जानें, पारिवारिक विवाद के कारण

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Published : May 26, 2021, 7:14 PM IST

भोपाल में कुटुंब न्यायालय के काउंसलर और वकीलों के पास घरेलू विवाद से जुड़े मामलों पर परामर्श के लिए कई लोग संपर्क साध रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, अब तक शहर में ऐसे 800 मामले सामने आए हैं जबकि पिछले नवंबर से मार्च 2021 तक 1080 मामले दर्ज हुए हैं. साथ ही कुटुंब न्यायालय में इसके लगभग 6347 मामले लंबित है. कोरोना कर्फ्यू में करीब 43% मामले मोबाइल से उत्पन्न विवाद, 39% आर्थिक तंगी, 15% घरेलू हिंसा और 2% विवाद शादी के बाद अन्य से संबंधों के चलते दर्ज हुए हैं.

Domestic violence cases
घरेलू हिंसा के मामले

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लगाए गए कोरोना कर्फ्यू के दौरान एमपी में पारिवारिक विवाद के मामले तेजी से बढ़े हैं. चाहे घरेलू महिला हिंसा हो या अन्य पारिवारिक विवाद, इन सब में कर्फ्यू के दौरान बढ़ोतरी हुई है. लॉकडाउन में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी इस तरह के मामले बढ़े हैं. भोपाल के फैमली कोर्ट में लगातार लोग घरेलू विवादों की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. कई मामलों में परिवारिक सलाहकारों से काउंसलिंग कराई जा रही है, ताकि मामलों को कोर्ट से बाहर निपटाया जा सके.

  • झगड़ों के पीछ मोबाइल फोन जिम्मेदार

कर्फ्यू के बीच बढ़े मामलों में पति-पत्नी के बीच होने वाले झगड़ों के केस सबसे ज्यादा हैं. इसके बाद महिला हिंसा के मामले दूसरे पायदान पर हैं. अधिकांश लोगों का मानना है कि इन झगड़ों के पीछ मोबाइल फोन जिम्मेदार है. साथ ही कामकाजी महिलाओं को इस दौरान दफ्तर के काम के साथ घर का जिम्मा भी उठा ना है क्योंकि कोरोना के कारण शहर में नौकरानियां अब दूसरे घरों में काम करने नहीं जाती और इन सभी वजहों से राजधानी में कई परिवार टूटने की कगार पर हैं.

घरेलू हिंसा के मामले

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  • नवंबर से मार्च 2021 तक 1080 मामले दर्ज

भोपाल में कुटुंब न्यायालय के काउंसलर और वकीलों के पास घरेलू विवाद से जुड़े मामलों पर परामर्श के लिए कई लोग संपर्क साध रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, अब तक शहर में ऐसे 800 मामले सामने आए हैं जबकि पिछले नवंबर से मार्च 2021 तक 1080 मामले दर्ज हुए हैं. साथ ही कुटुंब न्यायालय में इसके लगभग 6347 मामले लंबित है. कोरोना कर्फ्यू में करीब 43% मामले मोबाइल से उत्पन्न विवाद, 39% आर्थिक तंगी, 15% घरेलू हिंसा और 2% विवाद शादी के बाद अन्य से संबंधों के चलते दर्ज हुए हैं.

  • साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 23,722 शिकायतें

एमपी में आए इन मामलों से पहले भी पिछले साल देशभर के घरेलू हिंसा और इससे जुड़े हजारों केस सामने आए हैं. मार्च 2020 के बाद देश में लॉकडाउन लगा और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को साल 2020 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की 23,722 शिकायतें मिली थी जो कि पिछले 6 वर्षों में सबसे ज्यादा थी. महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कुल आंकड़ो में से एक चौथाई घरेलू हिंसा से जुड़ी थी.

  • जनवरी से 25 मार्च 2021 तक 1463 शिकायतें

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भी एक बार फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा हुई, लेकिन राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश में लगाई गई पाबंदियों को कोरोना कर्फ्यू नाम दिया और इस कर्फ्यू में महिलाओं के साथ हिंसा के सैंकड़ों मामले सामने आए. आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से 25 मार्च 2021 तक देशभर में घरेलू हिंसा के 1463 शिकायतें दर्ज हुई है और अप्रैल 2020 से अब तक महिला हिंसा के 25,886 अपराध दर्ज हुए हैं.

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