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एमपी में मानव तस्करी का जाल! लॉकडाउन में 3648 लड़कियों सहित 4169 बच्चे लापता

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Published : Jul 19, 2021, 2:37 PM IST

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डिजाइन फोटो

कोरोना महामारी के दौरान जब आवागमन के सभी साधन बंद थे, तब भी एमपी में बच्चों की गुमशुदगी का सिलसिला नहीं रुका, अप्रैल-मई-जून के महीने में साल 2020 और साल 2021 में कुल 4169 बच्चे गायब हो चुके हैं, जिनमें 3648 लड़कियां शामिल हैं, बाकी लड़के हैं. मुगमशुदा बच्चों में से 3286 को पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत खोज निकाला है. लॉकडाउन के अलावा सामान्य दिनों में गुमशुदगी की संख्या करीब 30 से 50 फीसदी बढ़ जाती है.

भोपाल। ऑपरेशन मुस्कान से अब तक 1249 बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है, ये आंकड़ा सिर्फ लॉकडाउन के दौरान का है. पुलिस की सख्ती और सार्वजनिक आवागमन के साधनों पर लगी रोक के बावजूद बच्चों के गायब होने का सिलसिला नहीं रुका. अप्रैल-मई माह में प्रदेश से कुल 1574 बच्चे गायब हुए, जिनमें से 1249 बच्चों को पुलिस ने खोज निकाला. वैसे सामान्य महीनों की अपेक्षा लॉकडाउन में बच्चों के गायब होने की घटनाओं में करीब 26 फीसदी की कमी आई है, जोकि अनलॉक होने के साथ ही फिर बढ़ गई है. जून में 1068 बच्चे गायब हुए हैं, जिनमें 912 बच्चियां शामिल हैं.

आखिर कब थमेगा मासूमों के गुम होने का सिलसिला? देखिए रीवा से ये खास रिपोर्ट

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अप्रैल से लॉकडाउन लगाया गया था. दो माह तक चले लॉकडाउन के बाद जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई. आवागमन शुरू होने के साथ ही बच्चों के गुम होने की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.

अप्रैल माह में लॉकडाउन के दौरान प्रदेश भर से 832 बच्चे गायब हुए, जिसमें 92 बालक और 740 बालिकाएं हैं. हालांकि पुलिस ने इनमें से 543 बच्चों को दस्तयाब कर लिया है.

मई माह में प्रदेश से 742 बच्चे गायब हुए हैं, जिनमें 663 बच्चियां शामिल हैं. गुमशुदा बच्चों में से 611 बच्चों को पुलिस खोजने में सफल रही है.

जून में अनलॉक होने के साथ ही बच्चों के गुम होने की संख्या में करीब 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, इस दौरान 1068 बच्चे गायब हुए, जिसमें 912 बच्चियां और 156 बच्चे शामिल हैं. हालांकि, इसमें से 952 बच्चों को दस्तयाब कर लिया गया है.

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पुलिस मुख्यालय

पिछले लॉकडाउन में घटा था प्रतिशत

साल 2020 में भी लॉकडाउन के दौरान बच्चों के गुम होने का सिलसिला पूरी तरह से नहीं थमा था, जबकि पुलिस प्रशासन की सख्ती कहीं ज्यादा थी. हालांकि, गुमशुदा बच्चों के ग्राफ में काफी कमी आई थी.

अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के दौरान 271 बच्चे गायब हुए थे, जिसमें 220 लड़कियां और 51 लड़के शामिल हैं. गुम हुए बच्चों में से 241 को पुलिस ने खोज निकाला है, जबकि मार्च 2020 में 825 बच्चे गुम हुए थे.

मई 2020 में 506 बच्चे गुम हुए थे, जिसमें 443 बालिकाएं और 63 बालक शामिल हैं, जिसमें से 468 को पुलिस ने खोज निकाला है.

जून माह में जब अनलॉक की प्रक्रिया चल रही थी, तब 750 बच्चे गायब हुए थे, जिसमें 670 बच्चियां और 80 बच्चे शामिल हैं. गायब बच्चों में से 471 को पुलिस ने खोज निकाला है.

फिर शुरू हुआ ऑपरेशन मुस्कान

गुमशुदा बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश भर में ऑपरेशन मुस्कान फिर शुरू किया गया है. इसके तहत बच्चों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है और उन्हें खोजने की कोशिश जारी है. इस बावत सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिए गए हैं. जनवरी 2021 में ऑपरेशन मुस्कान चलाकर पुलिस ने 2735 बच्चों को खोज निकाला था, जिसमें 2458 लड़कियां थी, एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भी पुलिस के इन प्रयासों की तारीफ की थी, जिसमें सीधी पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से 19 साल की बच्ची को बरामद किया था. जुलाई 2020 में ऑपरेशन मुस्कान के जरिए 1609 बच्चों को दस्तयाब किया गया था. एडीजी महिला सेल रुचि श्रीवास्तव के मुताबिक गुमशुदा बच्चों को खोजने के लिए फिर ऑपरेशन शुरू किया गया है. कोशिश है कि सभी गुमशुदा बच्चों को खोजकर वापस लाया जाये, इसकी लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

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