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E-Commerce Company की आड़ में की जा रही थी गांजे की तस्करी, कड़ी पत्ता के टैग से बेचा एक टन Marijuana

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Published : Nov 13, 2021, 10:13 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 10:58 PM IST

Hemp was being smuggled under guise of e commerce company
E-Commerce Company की आड़ में की जा रही थी गांजे की तस्करी

भिंड पुलिस ने अंतररराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी (International E-Commerce Company) की आड़ में गांजे (Marijuana) की तस्करी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि यह आरोपी कंपनी की विशाखापट्टनम स्थित फ्रेंचाइजी से कड़ी पत्ते के टैग लगे बॉक्स में गांजे की तस्करी करते थे. अभी तक यह लोग करीब एक टन गांजे की तस्करी कर चुके है.

भिंड। पुलिस को अंतररराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी (International E-Commerce Company) की आड़ ऑनलाइन मेरिजुआना यानी गांजा तस्करी (Online Marijuana Ganja Smuggling) के मामले में एक बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर 20 किलो गांजा जब्त किया है. आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अभी तक करीब एक टन मेरिजुआना की तस्करी की जा चुकी है. ये लोग कड़ी पत्ता का टैग लगाकर गांजे की तस्करी करते थे.

भिंड एसपी के मुताबिक, आरोपी ई-कॉमर्स कंपनी की विशाखापट्टनम स्थित फ्रेंचाइजी से कड़ी पत्ता के टैग लगे बाक्स में गांजा मंगवाते थे. इन्होंने चार महीने में लगभग एक टन गांजे की तस्करी की है. पुलिस ने कंपनी से इस संबंध में जवाब मांगा है. यदि कंपनी की संलिप्तता इस मामले में पाई जाती है, तो कंपनी को भी आरोपी बनाया जाएगा.

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह

पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

दरअसल पुलिस को ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म कंपनी द्वारा गांजे की डिलीवरी की सूचना मिली थी. जिसके आधार पर भिंड एसपी ने साइबर सेल की टीम को इसकी जिम्मेदारी दी. साइबर सेल ने इस मामले में ग्वालियर मुरार निवासी संदिग्ध आरोपी सूरज पवैया पर नजर रखना शुरू किया.

पूख्ता सबूत मिलने पर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने गोहद एसडीओपी समेत साइबर सेल और अन्य पुलिस अधिकारियों को उसे पकड़ने के लिए निर्देशित किया. गोहद थाना प्रभारी और साइबर सेल ने मिलकर आरोपी सूरज पवैया को ग्वालियर हाइवे रोड पर गोविंद ढ़ाबे के पास से गिरफ्तार कर लिया. साथ ही गोविंद ढ़ाबा संचालक बृजेंद्र तोमर को भी हिरासत में लिया है.

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हरिद्वार में भी एक आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी से पुछताछ के आधार पर इनके एक साथी को हरिद्वार में उत्तराखंड पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में लिया है. पुलिस उस आरोपी से भी पुछताछ करेगी.

गांजा सहित कंपनी की सामग्री जब्त

पुलिस ने आरोपियों से 20 किलो गांजा सहित अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी की पैकिंग के डिब्बे, रैपर, बारकोड, टैगिंग समेत अन्य सामग्री भी जब्त की. पुलिस ने बताया कि आरोपी गुजरात में रजिस्टर्ड बाबू टैक्स नाम की फर्म ई-कामर्स कंपनी का प्लेटफार्म का उपयोग वितरण के लिए कर रहे थे. वे विशाखापट्टनम में गांजे को मिक्स करते थे. फिर ई-कामर्स कंपनी के जरिए एमपी भेजते थे. पुलिस ने अभी कंपनी का नाम इंटरनेट पर सर्च किया है, जो बाबू नाम से टैक्स टाइल कंपनी है. जो हर्बल प्रोडेक्ट की कारोबार करती है.

जिसके माध्यम से ये लोग मेरिजुआना की तस्करी कर रहे थे. अभी तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक टन मेरिजुआना की तस्करी की गई. जिसकी पुष्टि अभी तक ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए लगभग एक करोड़ 10 लाख रुपए के लेनदेन से हुई है.

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कड़ी पत्ते के टैग में गांजे की तस्करी

आरोपी सूरज पवैया से मिली जानकारी के अनुसार, बाबू टैक्स टाइल्स कंपनी से मिले ऑर्डर पर विशाखापट्टनम स्थित फ्रेंचाइजी कड़ी पत्ते के टैग लगे बॉक्स में गांजे की डिलीवरी ग्वालियर, भोपाल, कोटा, आगरा समेत अन्य जिलों में करता था. मेरिजुआना की इस बिक्री का करीब 66.66 फीसदी हिस्सा विशाखापट्टनम स्थित ई-कॉमर्स की फ्रेंचाइजी को जाता है. पुलिस इस पूरे मामले में अभी आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है.

ई-कॉमर्स कंपनी को भी बनाया जाएगा आरोपी

पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ई-कॉमर्सके प्लेटाफार्म का उपयोग कर गांजा तस्करी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग विशाखापट्टनम स्थित ई-कॉमर्सकी फ्रेंचाइजी से गांजा मंगवाते थे. आरोपियों को मुताबिक, इन्होंने चार महीने में लगभग एक टन गांजा बेचा है. इस मामले में आरोपियों के एक साथी मुकेश जायसवाल को हरिद्वार में उत्तराखंड पुलिस ने अभिरक्षा में लिया है. आरोपियों ने बताया कि हर ऑर्डर पर ई-कॉमर्स कंपनी 66.66 प्रतिशत ई-कॉमर्स कंपनी रखती थी.

पुलिस ने ई-कॉमर्स कंपनी से संपर्क किया है. कंपनी से पुछा गया है कि आपके संबंध की कंपनी ऐसा कर रही थी आपने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. यदि इस मामले में ई-कॉमर्स कंपनी की संलिप्तता पाई जाती है, तो कंपनी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा.

Last Updated :Nov 13, 2021, 10:58 PM IST
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