ETV Bharat / state

बाबरी विध्वंस मामला: आरोपी रहे जयभान सिंह पवैया ने ETV भारत से की खास बातचीत

author img

By

Published : Oct 1, 2020, 8:34 PM IST

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इसी मामले में आरोपी रहे पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया लखनऊ से वापस भिंड लौटे. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और इस फैसले को को लेकर संतोष जाहिर किया.

Former Minister Jaibhan Singh Powaiya
पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया

भिंड। सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को बाबरी विध्वंस मामले में फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि, ढांचा विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं थी. ये आकस्मिक घटना थी. अदालत ने कहा कि, आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले, बल्कि इन्होंने उन्मादी भीड़ को रोकने के प्रयास किए थे. इस मामले में आरोपी रहे पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने ईटीवी भारत से बात की और कोर्ट के फैसले का स्वागत किया.

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया

'पहले भी आता यही फैसला'

जयभान सिंह पवैया कहते हैं कि, अगर 40 साल बाद भी न्यायालय का फैसला आता, तो यही होता. क्योंकि कुछ भी पहले से सुनियोजित नहीं था. जिसे कोर्ट ने भी माना है और सबसे बड़ी बात कि, आज तक इतने सालों में इस केस के दौरान सीबीआई एक सबूत एक फोटोग्राफ तक पेश नहीं कर पाई.

'कांग्रेस सरकार ने रचा था षड्यंत्र'

इसके अलावा उन्होंने कहा कि, 'ये तत्कालीन केंद्र की कांग्रेसी सरकार द्वारा रची गई साजिश थी. जो कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थी. जिसका उद्देश्य था कि, सारी दुनिया में हिंदू नेताओं, हिंदू संगठनों और हिंदू संतों की छवि खराब की जाए. उनको बदनाम किया जाए. डकैती और लूटपाट जैसी धाराएं तो मेरे ऊपर भी लगा दी गईं थीं. लेकिन सीबीआई किसी तरह का सबूत नहीं दे पाई. उस समय तो बीजेपी की सरकार भी नहीं थी. उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, मुझे इस बात की खुशी है कि, न्याय हुआ है. उन ताकतों का पर्दाफाश हुआ है, जो हिंदुओं की आस्था को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.

ओवैसी पर किया पलटवार

इस दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, वे चाहते हैं कि, हमें जेल भेज दिया जाए. लेकिन कोर्ट सबूतों के आधार पर फैसला सुनाती है, उन्होंने इस फैसले को उतना ही ऐतिहासिक बताया, जितना कि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला. साथ ही उन्होंने कहा कि, ढांचे को तोड़ना षड्यंत्र नहीं था. अगर यह सुनियोजित षड्यंत्र होता तो अशोक सिंघल लोगों से मिट्टी और बालू से कार सेवा करने की अपील नहीं कर रहे होते. लोगों को रोक नहीं रहे होते. लोगों को पता था कि, ढांचे के नीचे उन्हीं के भगवान बैठे हैं, तो वे छत पर चढ़कर ऐसा कभी नहीं करते. ये सुनियोजित नहीं था, उन्मादी भीड़ का गुस्सा था.

'प्रजातंत्र में विस्फोट के चलते ढहा ढांचा'

पूर्व मंत्री ने कहा कि, वे उस समय मंच पर मौजूद थे. जिसके लिए बाकायदा परमिशन भी ली गई थी और अयोध्या में रामधुन जैसे कार्यक्रम किए जाने थे. उनके साथ लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, विजयाराजे सिंधिया समेत कई संत और हस्तियां मौजूद थीं. इसका मतलब ये नहीं होता कि, सुनियोजित तरीके से ऐसा कुछ किया गया. उन्होंने कहा कि, जब 110 करोड़ हिंदुओं के जनमत को दबाने की कोशिश होती है, तो प्रजातंत्र में कभी-कभी विस्फोट होता है और जो उस दिन हुआ.

'हर फैसला था मंजूर'

जयभान सिंह पवैया से जब पूछा गया कि, वे फैसले से पहले लखनऊ रवाना हो रहे थे, तो क्या उम्मीद थी, किस तरह का फैसला आएगा, क्या मन में विचार चल रहे थे. इस बात पर जयभान से पवैया ने कहा कि, वे सर पर भगवा कफन ओढ़कर लोटा-लंगोटी और रामायण लेकर गए थे.

मथुरा और काशी विश्वनाथ के मुद्दे पर दिया ये जवाब

मथुरा और काशी विश्वनाथ मंदिर का मुद्दा उठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार होने देते हैं. थोड़ा प्रतीक्षा कीजिए 110 करोड़ हिंदुओं की शक्ति बहुत है. अगर मन में भी इच्छा आ गई, तो भविष्य में विधि संवत रास्ता निकला जाएगा. बहुसंख्यक समाज के अंदर इस देश में कोई कसक नहीं रह जाएगी.

लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट में था नाम

बाबरी विध्वंस मामले की जांच करने वाले जस्टिस लिब्राहन आयोग ने जिन 68 लोगों को मस्जिद गिराने का दोषी माना था, उनमें जयभान सिंह पवैया का नाम 22वें नंबर पर था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, बाल ठाकरे, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और प्रवीण तोगडिया को भी आयोग ने इसके लिए जिम्मेदार माना था. आयोग ने सोलह साल तक जांच करने के बाद 30 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.