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ये कैसा विकास!, सड़क के अभाव में नहीं मिली एंबुलेंस, कपड़े में बांधकर महिला को अस्पताल ले गए ग्रामीण, वक्त पर इलाज न मिलने से मौत

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 3:52 PM IST

Updated : Oct 4, 2023, 4:20 PM IST

Barwani Woman Death
महिला को कपड़े में बांधकर ले जाते ग्रामीण

Barwani Woman Death: बड़वानी जिले के सेंधवा में सड़क मार्ग न होने के चलते एक महिला में बांधकर ग्रामीण अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल में देरी से पहुंचने के चलते महिला ने दम तोड़ दिया. ग्रामीणों की माने तो कई बार सड़क मार्ग को लेकर शासन-प्रशासन ने मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

वक्त पर इलाज न मिलने से महिला की मौत

बड़वानी। एमपी से लगातार दूसरे दिन विकास और सिस्टम की हकीकत खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. बुधवार को बड़वानी जिले से सामने आई यह तस्वीर सरकार के विकास के दावों की पोल चीख-चीख कर बयां कर रही है. आजादी के 76 साल बाद भी बड़वानी जिले के इस गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिसके चलते यह गांव आज भी मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाया है. इसका खामियाजा एक महिला को जान देकर चुकाना पड़ा. सड़क मार्ग न होने के चलते ग्रामीण एक कपड़े में बांधकर महिला को अस्पताल लेकर गए, लेकिन समय पर अस्पताल न पहुंच पाने से महिला को इलाज न मिल सका और उसकी मौत हो गई.

17 किमी तक गांव में सड़क मार्ग नहीं: प्रदेश में एक और प्रदेश सरकार ने जन आशीर्वाद यात्राएं निकाल कर जनता को विकास कार्य गिनाए. जबकि दूसरी ओर हकीकत की तस्वीर कुछ और ही है. इसकी बानगी बड़वानी जिले में देखने को मिल रही है. सेंधवा विकासखण्ड के ग्रामीण सड़क की मांग लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. 26 सितंबर का वीडियो मीडिया को देकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है की सेंधवा विकासखण्ड के ग्राम पलासपानी से छत्रीपढ़ावा होते हुए केरमाला के मुख्य मार्ग तक 17 किलोमीटर मार्ग कच्चा है. करीब 8 से 10 गांवों की 5 हजार की आबादी मूलभूत सुविधाओं से महज इसलिए वंचित है कि उनके गांव तक पक्का सड़क मार्ग नहीं है.

Barwani Woman Death
महिला को कपड़े में बांधकर ले जाते ग्रामीण

विधायक, सांसद से लेकर सीएम को लिख चुके पत्र: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रोड बनाने की मांग को लेकर ग्रामीण पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच ने बताया की "स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायक, सांसद से लेकर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन पाई है. जबकि सीएम ने 7 दिन में सड़क निर्माण के निर्देश दिए थे. जो कि 8 माह बाद भी स्वीकृत नहीं हो पाई है. यहां बारिश के मौसम में चार महीने में मरीजों, गर्भवतियों और बुजुगों को आने-जाने ले जाने में काफी परेशानी होती है. कई बार बीमार व गर्भवती महिलाओं को झोली में डालकर पक्की सड़क तक ले जाना पड़ता है.

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रास्ता खराब होने से समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाई महिला की मौत: हाल ही में एक महिला को खराब सड़क होने की वजह से कपड़े की झोली बनाकर उसमें ले जाना पड़ा, लेकिन समय रहते अस्पताल नहीं ले जा पाए. जिसके कारण रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है. कई पीढ़ियों से सड़क नहीं होने से करीब 7 से 8 गांवों के लोग जानमाल के नुकसान के साथ-साथ विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पा रहे हैं. बरसात के दिनों में हालत बद से बदतर हो जाते हैं."

Last Updated :Oct 4, 2023, 4:20 PM IST
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