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Gwalior JU Negligence: गोपनीय टेबुलेशन चार्ट से बना दशहरे का रावण, जिम्मेदार कौन, यूनिवर्सिटी प्रबंधन मौन

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Published : Oct 4, 2022, 6:49 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 7:06 PM IST

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय का एक नया कारनामा सामने आया है. गोपनीय टेबुलेशन चार्ट से रावण सहित मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाए जा रहे हैं. बता दें कि टेबुलेशन चार्ट से ही मार्कशीट तैयार होती है और छात्रों का वेरिफिकेशन होता है और यह टेबुलेशन चार्ट साल 2020 का है. (Gwalior JU Negligence) (Gwalior Jiwaji University negligence)

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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी कार्यप्रणाली और नकल माफियाओं के लिए हमेशा से बदनाम रहा है. इस बीच जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा एक और कारनामा सामने आया है जिसमें हाल में ही टेबुलेशन चार्ट से रावण सहित मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाए जा रहे हैं. पहले से ही छात्रों के परीक्षा परिणाम की लेटलतीफी और नर्सिंग फर्जीवाड़े की खबरों के बाद अब टेबुलेशन चार्ट को नियम के विरुद्ध कबाड़ में बेचने से प्रबंधन कटघरे में खड़ा हो गया है. खास बात यह है कि यह टेबुलेशन चार्ट स्नातक परीक्षाओं के साल 2020 से जुड़े हुए हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत की तो अधिकारियों ने तत्काल पुतलों पर लगे टेबुलेशन चार्ट पर पेंट करा दिया. अब इस मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी सामने आने को तैयार नहीं है.

गोपनीय टेबुलेशन चार्ट से बना दशहरे का रावण

जीवाजी विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट से बने रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले : दरअसल, कल दशहरा है और दशहरे के मौके पर शहर में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला बनाया जा रहा है. खास बात यह है कि तीनों पुतले जीवाजी विश्वविद्यालय की टेबुलेशन चार्ट से बनाए जा रहे हैं. जब इसको लेकर पुतले बना रहे कारीगर से बातचीत की गई तो उसने बताया कि - "वह बाजार इन कागजों को लेकर आया है उसे नहीं पता यह कागज किसका है". ईटीवी भारत को जब करीगर ने बताया कि उसने कहां से इन कागजों को खरीदा है, तब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची. फिर पता लगा कि जिस स्क्रैप कारखाने से इन कागजों को खरीद कर लाया गया है उसका जीवाजी विश्वविद्यालय से स्क्रैप खरीदने का अनुबंध है.

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टेबुलेशन चार्ट गोपनीय दस्तावेज होता है: खास बात यह है जीवाजी विश्वविद्यालय इन टेबुलेशन चार्ट को न तो स्क्रैप के रूप में बेच सकता है और न ही इन्हें उजागर कर सकता है, क्योंकि यह गोपनीय मामला है. टेबुलेशन चार्ट से ही मार्कशीट तैयार होती है और छात्रों का वेरिफिकेशन होता है और यह टेबुलेशन चार्ट साल 2020 का है. मामले में जब स्क्रैप व्यापारी से बातचीत की गई तो उसका कहना है कि "यह रद्दी के रूप में टेबुलेशन चार्ट हमारे यहां से नहीं बेचे गए हैं." नियम है कि विश्वविद्यालय उत्तर पुस्तिका सहित अन्य स्टेशनरी को विशेष नियमावली के तहत ही पुराने होने पर बीच सकता है. विश्वविद्यालय परिसर में ही उत्तर पुस्तिकाओं और अन्य प्रिंटेड सामग्री को नष्ट करना होता है, लेकिन इस मामले से विश्वविद्यालय प्रबंधन और ठेकेदार की सांठ-गांठ एक बार फिर उजागर हो गई है.

जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति ने ये कहा: वहीं इस मामले को लेकर जब जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी से ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उन्होंने कहा- " यह गंभीर मामला है, पता नहीं यह टेबुलेशन चार्ट बाहर कैसे पहुंचे." इसके साथ ही उन्होंने कहा मंगलवार और बुधवार को अवकाश होने के कारण गुरुवार को इस मामले में आपसे बातचीत करूंगा. (Effigies of Ravan being made from tabulation chart )(Gwalior JU Negligence) (Gwalior Jiwaji University negligence)

Last Updated : Oct 4, 2022, 7:06 PM IST
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