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Chhindwara Water Crisis: पेंच टाइगर रिजर्व में पानी की कमी, वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा जान का संकट

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Published : Apr 29, 2022, 10:20 PM IST

गर्मी बढ़ते ही पेंच टाइगर रिजर्व में पानी की समस्या शुरू हो गई है. पानी के स्रोत सूख जाने के कारण अब वन्य प्राणी प्यास बुझाने के लिए जंगल से रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं. अधिकारियों का दावा है कि जंगल में पानी की व्यवस्था करा रहे हैं. वहीं पानी की तलाश में कोर एरिया के बाहर निकलने पर शिकार का खतरा भी बना रहता है. (pench tiger reserve lack of water) (chhindwara water crisis)

water scarcity in chhindwara
पेंच पार्क में पानी की किल्लत

छिंदवाड़ा। भीषण गर्मी से हर कोई परेशान है,हालात यह हो गए हैं कि लगातार गिरते जलस्तर की वजह से छिंदवाड़ा को जल अभावग्रस्त जिला घोषित कर दिया गया है. ऐसे में इंसान ही नहीं जंगली जानवरों का भी बुरा हाल है. जंगल में पानी के स्रोत सूख जाने के कारण अब वन्यप्राणी प्यास बुझाने के लिए जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं. सिवनी के पेंच नेशनल पार्क से जुड़े हिस्सों में भी प्यास बुझाने के लिए पार्क लांघकर वन्य प्राणियों के बाहर आने के मामले बढ़े हैं. (chhindwara water crisis)

pench tiger reserve lack of water
पेंच टाइगर रिजर्व में पानी की कमी

पानी की तलाश में भटक रहे जानवर: पेंच नेशनल पार्क और जंगलों में जल स्रोत भीषण गर्मी की वजह से सूख रहे हैं. अधिकारी भले ही व्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं, जो कुछ हद तक काम भी आ रही है, लेकिन फिर भी बहुत बड़े हिस्से में अब भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि प्यास बुझाने के लिए वन्य प्राणी रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं. जहां वे शिकारियों के हत्थे चढ़ जाते हैं, या फिर कई बार नदी नालों में गिर कर मर जाते हैं. जानवरों के सामने जंगल के अंदर पानी की कमी से मौत का डर है, तो वहीं जंगल के बाहर शिकारियों से डर है.

water scarcity in chhindwara
छिंदवाड़ा जल संकट
Chhindwara Water Crisis
छिंदवाड़ा में पानी की किल्लत

बफर जोन में अब तक हुई ये घटनाएं: पेंच पार्क के चौरई क्षेत्र में पिछले एक पखवाड़े में कई मामले सामने आए हैं. जहां वन्य प्राणी पानी की तलाश में शहर की ओर आए हैं. चौरई से लगे खुटिया में नीलगाय की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी. बरेलीपार के पास एक काला हिरण कुएं में गिर गया था. नवेगांव में चीतल कुएं में गिर गया था. 10 दिन पहले पिपरिया मानसिंग में काला हिरण कुएं में गिरा हुआ मिला था. वहीं चांद के पास गोहरगांव में जंगली सूअर पानी की तलाश में कुएं में गिर गया था.

पेंच नेशनल पार्क में पानी की ऐसी है व्यवस्था: पेंच नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि पार्क के अंदर तीन से 4 किलोमीटर के बाद एक तालाब बना हुआ है. माचागोरा बांध होने की वजह से पेंच नदी में पर्याप्त पानी की व्यवस्था है. बफर एरिया में 4 टैंकरों के जरिए पानी की पूर्ति होती है. कोर एरिया में पानी की व्यवस्था की जा रही है. पेंच नेशनल पार्क सिवनी के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि वन्य प्राणियों के लिए पानी के लिए पूरी व्यवस्था की गई है. पेंच नदी में पानी होने के साथ प्राकृतिक स्रोतों में भी पानी है. साथ ही कृत्रिम स्थलों में अन्य माध्यमों से पानी पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा वन विभाग का अमला भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है.

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कई माध्यमों से पानी जानवरों तक पहुंचाया जा रहा: पेंच पार्क के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि पेंच नेशनल पार्क में 168 प्राकृतिक जल स्रोत हैं. जिसमें 84 झिरिया, 8 डोह, 71 नाला, 4 सीपेज. एक पेंच नदी तो वहीं 214 कृत्रिम जल संसाधन बनाए गए हैं. जिनमें 123 तालाब, सोलर पंप 5 , बांध 10, बंधन 29, डाबरी 10, ससार 18, हैंडपंप 13, मिनी बांध 1. 382 जलस्त्रोत अंदर है तो वहीं जमतरा पर जो पेंच पार्क आता है यहां 87 जल स्रोत हैं. यहां पर टैंकर के जरिए पानी पहुंचाया जाता है. इन माध्यमों से वन्य प्राणियों को पानी दिया जा रहा है.(pench tiger reserve lack of water)

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