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Face To Face Imarti Devi: सिंधिया मेरे भगवान, मुझे जमीन से उठाकर सिंहासन पर बैठाया, उनके लिए कुछ भी करूंगी

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Published : Dec 30, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 6:23 AM IST

सिंधिया मेरे भगवान हैं. उन्होंने मुझे जमीन से उठाकर सिंहासन पर बैठाया है. शिवराज मेरे नेता, जो आदेश देंगे, जान लगाकर करूंगी. ये कहना है इमरती देवी का. उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है. वे लघु उद्योग नगम की चेयरमैन हैं.

Face To Face Imarti Devi
सिंधिया मेरे भगवान, मुझे जमीन से उठाकर सिंहासन पर बैठाया

भोपाल। सिंधिया गुट की कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त इमरती देवी ने लघु उद्योग निगम का चेयरमैन का पदभार ग्रहण कर लिया है. इमरती देवी के मुताबिक कमलनाथ सरकार में बतौर महिला एवं बाल विकास मंत्री रहते उन्होंने विभाग में कई नवाचार किए थे. यही वजह है कि केन्द्र से उनके विभाग को तीन बार पुरस्कार मिला है. अब ऐसे ही नए प्रयास लघु उद्योग निगम में भी करने हैं. इमरती देवी के मुताबिक उनके लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया पिता और भगवान है, जिन्होंने उन्हें जमीन से उठाकर सिंहासन पर बैठा दिया है. सिंधिया और शिवराज जी के मार्गदर्शन में लघु उद्योग निगम में बेहतर काम करूंगी. नई जिम्मेवारी मिलने पर कैबिनेट मंत्री इमरती देवी से मध्य प्रदेश के ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी की चर्चा.

सिंधिया मेरे भगवान, मुझे जमीन से उठाकर सिंहासन पर बैठाया, उनके लिए कुछ भी करूंगी
सवाल- सरकार ने एक नई जिम्मेदारी सौंपी है, इसमें आपका क्या फोकस रहेगा?जवाब - नई जिम्मेवारी के लिए मैं शिवराज को सिंधियाजी का अभार व्यक्त करती हूं, जो उन्होंने मुझे यह नई जिम्मेदारी सौंपी. कमलनाथ सरकार में महिला बाल विकास विभाग के मंत्री के तौर पर मैंने बहुत अच्छे से काम किया था. इस दौरान विभाग केन्द्र से तीन अवार्ड लेकर आया था. लघु उद्योग निगम की जिम्मेदारी मिलने के बाद निगम के अधिकारियों ने संक्षिप्त चर्चा हुई है. अधिकारियों ने कहा कि निगम लगभग बंद जैसी स्थिति में पड़ा है, लेकिन मैंने अधिकारियों से कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री का आशीर्वाद मिला है. सीएम ने कहा कि इसमें उन्हें अच्छा काम करना है और इसे आगे बढ़ाना है. निगम को सीएम की अच्छा के अनुरूप आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. जल्द ही अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और जनता के हित में जो बेहतर होगा वह कदम उठाए जाएंगे. मैं विश्वास दिलाती हूं कि पूरी जिम्मेदारी के साथ कदम उठाऊंगी.सवाल- केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य संधिया और सीएम शिवराज दोनों की एक ही मंशा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाया जाए. इस निगम की भी यही परिकल्पना थी कि यहीं का माल यहीं खरीदा जाए. यहां के लोगों को प्रोत्साहित किया जाए. कैसे आगे काम करेंगी? जवाब- सीएम शिवराज, सिंधियाजी और मोदीजी सभी का यही विजन है कि जिस जिले में रोजगार लगे, वहीं के लोगों को प्राथमिकता से रोजगार भी मिले. मध्यप्रदेश में बाहर की कंपनियां आती हैं. इसका प्रदेश के लोगों को लाभ मिले इसी दिशा में काम करूंगी. सवाल- यह तो बात रोजगार की हुई, लेकिन जो उद्योग लगेंगे और उससे जो उत्पाद तैयार होगा, उसे बाजार कैसे उपलब्ध करा पाएंगी, क्या रणनीति है? जवाब - मैं उद्योग से जुड़े विभाग में पहले नहीं रही. लघु उद्योग निगम का कोई अनुभव नही है. इसके बार में कुछ सुना भी नहीं है. लेकिन अधिकारियों के साथ बैठक में तय किया जाएगा कि कैसे इसे आगे बढ़ाना है. हमारी कोशिश रहेगी कि समूह के जरिए और समूह से जुड़ी महिलाओं को काम देकर इसे आगे बढ़ाया जाए. जल्द ही अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी.

सवाल- आप कमलनाथ सरकार में महिला बाल विकास विभाग की मंत्री थी और अब शिवराज सिंह की सरकार में यह नई भूमिका मिली है. दोनों में क्या फर्क महसूस करती हैं? क्योंकि दोनों सरकारों का काम करने का अलग तरीका है, दोनों की विचारधाराएं भी अलग हैं?
जवाब - 2018 में अच्छे वोटों से जीतकर आई थीं. तब ज्योतिरादित्य सिंधिया के आशीर्वाद से मंत्री बनी, लेकिन मुझे कमलनाथ जी ने महत्व नहीं दिया. उन्होंने विभाग को एक भी पैसा नहीं दिया. हमने अपने प्रयासों से विभाग में काम किए. कई मामलों में जनभागीदारी से पैसा जुटा कर काम किया. इसके जरिए कई आंगनबाड़ियों को बेहतर किया. बाल शिक्षा केन्द्र बनाए गए. हर विधानसभा की एक से दो आंगनबाड़ियों को आदर्श बनाया. जबकि राज्य सरकार से पैसा नहीं मिला. इसके बाद भी केन्द्र सरकार से तीन-तीन अवार्ड लिए. लघु उद्योग निगम में भी बेहतर से बेहतर काम करने की दिशा में कदम उठाया जाएगा.

सवाल- कौन सी कसक जो आपको लगती हो कि यह काम नहीं कर सकी, जो किया जा सकता था?
जवाब- मैंने महिला बाल विकास मंत्री के तौर पर कई अच्छे काम किए थे. उस दौरान मैंने विभाग की कार्ययोजना तैयार की थी, लेकिन बाद में सरकार बदल गई और पूरी कार्ययोजना धरी की धरी रह गई.

सवाल- सरकार बदल गई और आपने कहा कि सिंधिया जी जो कहेंगे वह करूंगी. क्या यह संकल्प अभी भी जारी रहेगा?
जवाब- किसी को इस बात पर ऐतराज नहीं होना चाहिए. निष्ठावान जो होता है वह पूरी निष्ठा के साथ काम करता है. सिंधियाजी मेरे नेता है और सिंधिया जी के लिए मैं तन-मन-धन से समर्पित हूं. सिंधिया जी को मैं अपने भगवान और पिता के रूप में देखती हूं। उन्होंने जमीन से उठाकर मुझे सिंहासन दिया है. मेरे पूरे खानदान में कोई राजनीति में नहीं था. कभी किसी ने सरपंच तक का चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन सिंधिया जी का इतना आशीर्वाद मिला कि उन्होंने मुझे 2008, 2013 और 2018 में विधायक बनवाया. इसके लिए मैं उनकी सदा आभारी रहूंगी. शिवराज जी मेरे बड़े भाई और नेता हैं. उनके दिशा निर्देशन में पूरे तन-मन-धन से काम करूंगी. उनके आदेश को पूरा करने में में कोई आनाकानी नहीं करूंगी.

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सवाल- कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टियों में विचारधारा का अंतर बड़ा रहा है. कांग्रेस से आप बीजेपी में आई, लेकिन पिछला चुनाव हार गई. अब नई विचारधारा में अपने आप को कहा पाती हैं?
जवाब- मैंने डबरा से चार बार जीत दर्ज की है. डबरा की जनता ने मुझे भरपूर प्यार दिया. कांग्रेस से बीजेपी में आने के बाद हो सकता है जनता के विचार में कुछ आया हो. लेकिन क्षेत्र की जनता मेरे साथ है. वैसे भी समय है, यह कब बदल जाए और कब वापस आ जाए. समय ही था कि मैं चुनाव हार गई, लेकिन अब फिर नई जिम्मेदारी मिली है.

Last Updated :Dec 31, 2021, 6:23 AM IST
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