इंदौर। हनी ट्रैप मामले में लगातार नए मोड़ सामने आ रहे हैं. लगातार सामने आ रही पुलिस की संदिग्ध भूमिका के चलेत इंदौर में मामले की आरोपी चारों महिलाओं की जमानत रोकने के लिए हाइकोर्ट में जमानित याचिका दायर की जा रही है.
इंदौर के वरिष्ठ वकील मनोहर दलाल का आरोप है कि हनीट्रैप जैसे संवेदनशील मामले में पुलिस साक्ष्यों को नष्ट किए जाने जैसे फैसले कर रही है. वहीं आरोपी को ही फरियादी बना रही है. ऐसे में यदि आरोपी महिलाओं को जमानत मिल गई तो वह इस मामले में लिप्त बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप करेंगी. दरअसल, हनी ट्रैप मामले में करीब 1हजार वीडियो और 90 सीडी मिलने की सूचना के बावजूद पुलिस द्वारा तमाम साक्ष्यों को बिना पंचनामा बनाएं, एफएसएल टीम के पास जांच के लिए भेजने के चलते इंदौर पुलिस पर उंगलिया उठना शुरू हो गई है.
ऐसे में आशंका है की इन सीडी और साक्ष्यों में गड़बड़ी ना कर दी जाए. वकील मनोहर दलाल का कहना है कि पुलिस ने जिस लड़की की उम्र 18 साल बताई है, अगर वह 2 साल से हनी ट्रैप के धंधे में लिप्त है. तो नाबालिग का शोषण करने के मामले में पास्को एक्ट के तहत हरभजन सिंह जैसे अधिकारी को भी अपराधी बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हरभजन सिंह जैसे फरियादी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी अपराधी इसलिए बनाया जाना चाहिए. क्योंकि उसने लाखों रुपए इन महिलाओं को दिए, जो ब्लैक मनी थी.
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में राजनेताओं से लेकर आईएएस और सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ राज्य प्रशासनिक अधिकारी भी लिप्त हैं. इसलिए हरभजन सिंह को फरियादी बनाकर दर्ज किया गया है. ऐसे में आशंका है कि इंदौर पुलिस साथियों के साथ गड़बड़ कर सकती है. अब इस मामले की जांच राज्य सरकार से लेकर सीबीआई को सौंपी जाने की याचिका सोमवार को इंदौर हाईकोर्ट में लगाई जाएगी. इसके अलावा आरोपी महिलाओं की जमानत ना हो इसलिए भी आपत्ती कोर्ट के सामने दर्ज कराई जाएगी.