VIDEO: आईआईटी आईएसएस के छात्रों का आविष्कार, बिस्तर पर पड़े मरीज दिमाग से कंट्रोल कर सकेंगे मेडिकल बेड
अस्पताल में गंभीर अवस्था में बेड पर पड़े मरीज काफी लाचार होते हैं. उनके साथ हमेशा एक नर्स या तीमारदार होता है मरीज की मदद के लिए. लेकिन अब बेड पर पड़ा मरीज अपने दिमाग से मेडिकल बेड को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकेगा. धनबाद के आईआईटी-आईएसएम के छात्रों ने इस मशीन की ईजाद की है. जो मरीज के दिमाग से निकलने वाली ईईजी संकेतों से यह डिवाइस काम करती है. प्रोफेसर जफर आलम ने बताया कि मस्तिष्क के द्वारा शरीर में धाराओं और स्पाइक्स के छोटे आवेगों के रूप में सिग्नल पूरी बॉडी में भेजा जाता है, इन तरंगों को न्यूरॉन्स और तंत्रिका के नेटवर्क से इलेक्ट्रोएन्सेफ्लोग्राफी सिग्नल के रूप में भी जाना जाता है. इन संकेतों का अध्ययन किसी भी इंसान के विचारों को समझने के लिए किया गया है. मरीज के इन संकेतों की एक मशीन की सहायता से प्रशिक्षित मॉडल के द्वारा पहचान कराई गई कि बिस्तर पर पड़ा मरीज अपने बेड को ऊपर उठाना या नीचे करना चाहता है कि नहीं. गंभीर रोगी, जो रोगी के मस्तिष्क द्वारा संचालित एक वायु सिलेंडर द्वारा संचालित चिकित्सा बिस्तर की गति को नियंत्रित करने में सक्षम है. वायु चलित सिलेंडर से चलने वाला मेडिकल बेड का इस्तेमाल ना केवल किफायती है. बल्कि हवा का दबाव और इसकी गति के दौरान आरामदायक प्रभाव देने का अतिरिक्त लाभ पहुंचाता है. अस्पताल में इलाज को नियंत्रित करने के लिए इस मशीन को बनाया गया है। ये मशीन अस्पताल में कर्मचारियों की आवश्यकता और खर्च को कम करने में काफी मददगार साबित होगा. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 9 महीने लगे हैं. इसे पेटेंट के लिए आवेदन भी किया गया है. छात्रों के द्वार बनाया गया यह मेडिकल बेड अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के लिए नर्सिंग होम के खर्चे को कम करने में मददगार साबित होगा. इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में सहायक होगा. मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जफर आलम के नेतृत्व में बीटेक फाइनल ईयर के छात्र मनमोहन लाभ, यल्ला मार्क, विशाल और इनामपुडी साई अमित के अलावे अन्य रिसर्च स्कॉलर आशीष विद्यार्थी ने मिलकर इसे बनाया है.