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सरायकेला: दो नक्सलियों ने किया सरेंडर, महिला नक्सली भी शामिल

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Published : Jun 4, 2020, 2:51 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 5:46 PM IST

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नक्सली का सरेंडर

14:44 June 04

दो लाख के इनामी नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

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सरायकेला: कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक दस्ते के एरिया कमांडर और दो लाख के इनामी नक्सली राकेश मुंडा समेत महिला नक्सली चांदनी ने सरायकेला जिला पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है. सरकार के नक्सली आत्मसमर्पण नीति के तहत दोनों ने सरेंडर किया है. 

महाराज प्रमाणिक दस्ते में थे दोनों

सरेंडर के बाद एसपी ने दोनों नक्सलियों को एक-एक लाख के इनाम की राशि का चेक सौंपा. बता दें कि महाराज प्रमाणिक दस्ते में रहने के दौरान दोनों के बीच प्रेम संबंध होने के बाद दोनों ने दस्ता छोड़ने का निर्णय लिया था. 

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कई नक्सली कांडों में शामिल रहे हैं

इधर, पुलिस ने दावा किया है कि दोनों युगल समर्पित नक्सलियों और इनके परिवार को पूरी सुरक्षा दी जाएगी. दोनों युगल नक्सली जिले में कई नक्सली कांडों में शामिल रहे हैं.

आर्थिक तंगी के कारण संगठन से जुड़े थे

कुचाई निवासी राकेश मुंडा ने आर्थिक तंगी के कारण महाराज प्रमाणिक दस्ते का दामन थाम लिया था. शुरू में इसे वेतन मिलता था, बाद में हथियार का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर लिया और जनवरी 2019 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में इसे एरिया कमांडर बना दिया गया. वहीं चांदनी के माता-पिता का निधन हो चुका है. इस बीच अप्रैल 2018 में चांदनी महाराज प्रमाणिक दस्ते के संपर्क में आई और फिर हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेकर दस्ते में शामिल हुई.

खुशहाल परिवार बसाने का निर्णय

इस बीच राकेश और चांदनी एक दूसरे के संपर्क में आ गए और इनके बीच प्रेम हो गया. बाद में आर्थिक स्थिति खराब होने पर नक्सली महाराज प्रमाणिक की ओर से पैसे नहीं दिए जाने और तंगी का सामना करने के बाद दोनों ने निर्णय लिया कि ये मुख्यधारा में लौटेंगे और अपना खुशहाल परिवार को बसाएंगे, नतीजतन दोनों ने आत्मसमर्पण किया.

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न्यायिक प्रक्रिया में भी सहायता दी जाएगी

पूरे मामले में जानकारी देते हुए सरायकेला एसपी मोहम्मद अर्शी ने बताया कि दोनों प्रेमी युगल नक्सलियों ने नक्सली दस्ते में रहने के दौरान इन्हें आभास हो गया था कि यहां भविष्य नहीं है. नतीजतन दोनों ने अप्रैल महीने में दस्ता छोड़कर बिना हथियार वहां से भाग खड़े हुए और घर आने के बाद झारखंड सरकार आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति की नई दिशा से प्रभावित होकर पुलिस के समक्ष बिना किसी दबाव के सरेंडर करने का फैसला लिया. एसपी ने बताया कि अब भी कई वांछित नक्सली बचे हुए हैं, जिनके लिए यह मौका है कि वह आत्मसमर्पण करें और आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं. आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नक्सलियों के विरुद्ध जिले में दर्ज नक्सली मामले के संबंध में पुलिस की ओर से कई कांड अंकित किए गए हैं. जिसमें इन्हें न्यायिक प्रक्रिया में भी सहायता दी जाएगी.

Last Updated :Jun 4, 2020, 5:46 PM IST
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