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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में PIL, जानिए क्या है आरोप

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Published : Feb 11, 2022, 10:44 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 10:54 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग कर रांची के अनगड़ा में पत्थर माइनिंग लीज का मामला अब कोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है. इस मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांचीः झारखंड हाइकोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गयी है. प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया है.

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प्रार्थी की ओर से इस जनहित याचिका में कहा गया है कि हेमंत सोरेन खनन मुख्यमंत्री और वन पर्यावरण के विभागीय मंत्री भी हैं और उन्होंने स्वयं पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया था और खनन पट्टा हासिल किया है. ऐसा करना पद का दुरुपयोग है और जनप्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है. इसलिए इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच की जाए. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है. प्रार्थी ने हाई कोर्ट से मांग की है कि अदालत राज्यपाल को यह निर्देश दे कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्राथमिकी के लिए अभियोजन स्वीकृति प्रदान करें.

जानकारी देते याचिकाकर्ता

मुद्दे को लेकर बीजेपी मुखरः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया है. रघुवर दास ने कहा कि खनन पट्टा की स्वीकृति के लिए हेमंत सोरेन 2008 से ही प्रयासरत थे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रांक 615 M दिनांक 16/06/2021 द्वारा पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति हेतु सैद्धांतिक सहमति के आशय का पत्र विभाग ने जारी कर दिया. जिला खनन कार्यालय द्वारा पत्रांक 106 दिनांक 10/07/ 2021 को खनन योजना की स्वीकृति दी गयी. उसके बाद हेमंत सोरेन ने दिनांक 09/09/ 2021 को स्टेट लेवल इंवायरमेंटट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को आवेदन भेजा जो 14 से 18 सितंबर 2021 को हुई बैठक में पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की गयी. मुख्यमंत्री द्वारा किया गया यह कार्य गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मंत्रियों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन है.

Last Updated :Feb 11, 2022, 10:54 PM IST
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