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हेमंत पर रघुवर का वार: जानिए, रघुवर दास ने हेमंत सोरेन की सदस्यता समाप्त करने की क्यों की मांग?

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Published : Feb 10, 2022, 3:14 PM IST

Updated : Feb 10, 2022, 6:53 PM IST

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन पर हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग कर रांची के अनगड़ा में पत्थर माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाया है. पत्थर का अवैध कारोबार का आरोप लगाते हुए सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है.

रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)D के तहत आपराधिक कृत्य करने का आरोप लगाया है. साथ ही उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की है.

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भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया है. रघुवर दास ने कहा कि खनन पट्टा की स्वीकृति के लिए हेमंत सोरेन 2008 से ही प्रयासरत थे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रांक 615 M दिनांक 16/06/2021 द्वारा पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति हेतु सैद्धांतिक सहमति के आशय का पत्र विभाग ने जारी कर दिया. जिला खनन कार्यालय द्वारा पत्रांक 106 दिनांक 10/07/ 2021 को खनन योजना की स्वीकृति दी गयी. उसके बाद हेमंत सोरेन ने दिनांक 09/09/ 2021 को स्टेट लेवल इंवायरमेंटट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को आवेदन भेजा जो 14 से 18 सितंबर 2021 को हुई बैठक में पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की गयी. मुख्यमंत्री द्वारा किया गया यह कार्य गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मंत्रियों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन है.

जानकारी देते बीजेपी नेता रघुवर दास


सदस्यता समाप्त कराने के लिए भाजपा राज्यपाल से मांग करेगीः बीजेपी नेता रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)D के तहत आपराधिक कृत्य करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कोड ऑफ कंडक्ट केंद्रीय मंत्रियों एवं राज्य सरकार के मंत्रियों पर लागू होता है क्योंकि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद को पिछले 2 साल से ज्यादा समय से संभाल रहे हैं और सरकारी सेवक के रूप में आते हैं, इसलिए यह असंवैधानिक कार्य है. यह आश्चर्य की बात है कि एक मुख्यमंत्री जिसके अंदर खनन विभाग है वहीं विभाग उन्हें पत्थर खनन की स्वीकृति के लिए सैद्धांतिक सहमति का पत्र जारी करता है और जिला कार्यालय उनकी खनन योजना को स्वीकृत करता है.

आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के अंदर का एक विभाग पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा भी देता है यह भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है और धारा 7(ए) भ्रष्टाचार निरोधक कानून अंतर्गत दंडनीय अपराध भी है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आईपीसी की धारा 169 का भी स्पष्ट उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जिस जमीन की माइनिंग लीज दी है वह सरकारी संपत्ति है और मुख्यमंत्री एक सरकारी सेवक हैं इस नाते उनके द्वारा लीज लेना गैरकानूनी है. उन्होंने इस मामले में राजभवन का दरबाजा खटखटाने की बात कहते हुए कहा कि राज्यपाल से मिलकर भारतीय जनता पार्टी हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का आग्रह करेगा.


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बसंत सोरेन पर भी लगाया गंभीर आरोपः बीजेपी नेता रघुवर दास ने पाकुड़िया में ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बसंत सोरेन की भागीदारी का आरोप लगाते हुए कहा कि इस संदर्भ में परिवार की भक्ति में लीन झामुमो नेता ने लोगों को गुमराह कर सच पर पर्दा डालने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि ग्रैंड माइनिंग कंपनी के कौन डायरेक्टर हैं यह संथाल का बच्चा-बच्चा जानता है. इस मामले में बसंत सोरेन की सहभागिता को देखते हुए अविलंब या तो वह खुद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें या उन्हें सदस्यता समाप्त की जाए.

Last Updated :Feb 10, 2022, 6:53 PM IST
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