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फतेहपुर का इतिहास: बाहरी प्रत्याशी नहीं ले पाया जीत का स्वाद, बीजेपी 13 साल से यही गलती कर झेल रही वनवास का दंश

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Published : Oct 29, 2022, 7:21 AM IST

कांगड़ा जिले के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भी क्षेत्र के उम्मीदवारों को दरकिनार कर भाजपा हाईकमान द्वारा राकेश पठानिया को टिकट दिया है. फतेहपुर में कांग्रेस पिछले तेरह वर्ष से जीत हासिल करती आ रही है. बता दें कि पिछले हर चुनाव में भाजपा के असंतुष्ट नेताओं ने भाजपा की नैया डुबोने में व कांग्रेस को जिताने में अहम भूमिका निभाई है. (Himachal assembly election 2022) (Fatehpur Assembly Constituency)

Himachal assembly election 2022
हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022

कांगड़ा/फतेहपुर: हिमाचल की सत्ता का रास्ता जिला कांगड़ा से होकर गुजरता है. इस जिले को जीतने के लिए सभी राजनीतिक दल ऐड़ी चोटी का जोर लगाते हैं. इसी जिले में एक ऐसी भी सीट है, जहां की जनता बाहरी प्रत्याशी को नकारती आई है. यह सीट जिला कांगड़ा की फतेहपुर विधानसभा सीट है. इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी कभी जीत का स्वाद नहीं चख पाया है. बीजेपी पिछले 13 सालों से बाहरी व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाकर फतेहपुर में भेजती आई और हार का मुंह देखती रही है. (Himachal assembly election 2022) (Fatehpur Assembly Constituency)

भाजपा ने फिर बाहरी को टिकट दिया: इतिहास गवाह है की बीजेपी की यही गलती पिछले 13 सालों से उसके वनवास का कारण भी बनी हुई है. इस बार भी बीजेपी ने पिछली हारों को दरकिनार करते हुए फिर से बाहरी प्रत्याशी को यहां से टिकट दिया है. बीजेपी ने इस बार नूरपुर के विधायक और वन मंत्री राकेश पठानिया को फतेहपुर से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है. अब देखना यह है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है, या फिर राकेश पठानिया एक नया इतिहास इस क्षेत्र से लिखते हैं. (BJP Candidate from Fatehpur) (Rakesh Pathania BJP Candidate from Fatehpur)

बलदेव ठाकुर को नहीं मिली जीत: अगर हम इतिहास पर जाए तो वर्ष 2012 में चुनाव के परिणामों की घोषणा 20 दिसंबर 2012 को की गई. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 सीटों के लिए मतदान हुआ था. कांग्रेस ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की, बीजेपी को 26 सीटों पर जीत मिली जबकि निर्दलीय 5 सीटों पर और कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही मगर तब बीजेपी ने फतेहपुर से बलदेव ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था. जिस पर बाहरी दूत होने का आरोप था. बलदेव ठाकुर ज्वाली विधानसभा के भोल पंचायत से संबंध रखते हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया से हुआ था और बलदेव ठाकुर को हार का मुंह देखना पड़ा था.

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कृपाल परमार भी नहीं जीत पाए: उसके बाद वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कृपाल परमार को मैदान में उतारा, लेकिन कृपाल परमार को टिकट मिलते ही उन पर भी बाहरी दूत होने के नाम पर विरोध होने लगा. इन चुनावों में बीजेपी के बलदेव आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतर गए हैं. नतीजा यह निकला कि इस चुनाव में भी स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया की जीत हुई, हालांकि चुनाव के समय सुजान सिंह पठानिया बीमार थे और वह घर से बाहर भी नहीं निकले, बावजूद इसके उन्होंने 1,274 मतों से चुनाव जीत लिया. यही हाल इसी वर्ष 2021 के उपचुनाव में हुआ. बीजेपी ने यहां से बलदेव ठाकुर को मैदान में उतारा और बाहरी दूत का विरोध जताते हुए लोगों ने उन्हें फिर नकार दिया. (Himachal assembly election 2022) (Fatehpur Assembly Constituency)

फतेहपुर से चार दिग्गज मैदान में: इसी गलती को अब बीजेपी ने एक बार फिर से दोहराया है. अब देखना यह है कि चुनावी रण में उतरे राकेश पठानिया यहां नया इतिहास लिख पाएंगे या फिर इतिहास अपने आप को दोहराएगा. बता दें कि हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 में फतेहपुर से चार धुरंधर अपना भाग्य आजमा रहे हैं. बीजेपी ने राकेश पठानिया को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने भवानी पठानिया पर दाव खेला है. वहीं, कृपाल परमार और राजन सुशांत भी चुनावी रण में आजाद प्रत्याशी के रूप में कूद चुके हैं. अब देखना यह है कि इन चारों धुरंधरों में किसके सिर फतेहपुर की सीट का सेहरा सजेगा. (BJP Candidate from Fatehpur) (Rakesh Pathania BJP Candidate from Fatehpur)

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