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7 महीने बाद लोकल बसों ने पकड़ी धीमी रफ्तार! बस ऑपरेटर्स के साथ शहरवासियों को राहत

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Published : Oct 20, 2020, 8:27 PM IST

अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही कारोबारियों ने सरकार द्वारा जारी एसओपी का पालन करते हुए मुनाफा या घाटे का आंकलन किये बगैर काम पर लौटना शुरू किया और अब धीरे-धीरे हर कारोबार पटरी पर लौट रहा है. बात शहरवासियों को राहत देने वाली सिटी बस सर्विस की करें, तो इस बस सर्विस के बहाल होने से स्थानीय लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है.

city buses begun attracting normal level
डिजाइन फोटो.

हमीरपुर: कोरोना रोकथाम के लिए करीब सात महीने पहले देश और प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा से शहरों की चहल-पहल पर मानो ताला गया था. हालांकि अनलॉक प्रक्रिया शुरू होने के साथ धीमी रफ्तार से जिंदगी दोबारा पटरी पर लौट रही है. अनलॉक एक में जहां लोग घरों से निकलने से घबरा रहे थे, वहीं अनलॉक पांच आते-आते करीब सात महीने से घरों में बैठे लोगों ने काम पर लौटना शुरू कर दिया.

कोरोना संकट काल के बीच अब धीरे-धीरे लोगों ने लोकल बसों में सफर करना शुरू कर दिया है. हमीरपुर शहर में चलने वाली एचआरटीसी की इलेक्ट्रिकल टैक्सी कुछ दिन पहले ही शुरू की गई, जिससे स्थानीय लोगों को सफर करने में काफी सहूलियत मिली है.

वीडियो.

लोकल बस रूट पर चलने वाली निजी बसों में भी अब लोग सफर करने लगे हैं. सिटी बस सर्विस ऑपरेटरों को पहले की अपेक्षा अब अधिक सवारियां मिल रही हैं. अनलॉक के बाद बस सर्विस बहाल होने के शुरुआती दौर में बस ऑपरेटरों को जहां तेल का खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया था, वहीं अब उनकी औसतन कमाई होने लगी है. एचआरटीसी परिचालक राजेश कुमार का कहना है कि अब 75 फीसदी लोग सिटी बस सर्विस में सफर करना शुरू कर चुके हैं.

हमीरपुर शहर में एचआरटीसी ने दो राइड विद प्राईड इलेक्ट्रिकल टैक्सी चलाई हैं. शहर में सुबह 9:00 बजे से शाम 5:30 तक लोगों को सिटी बस सुविधा मुहैया करवाई जा रही है. फेस्टिवल और शादियों सीजन के चलते खरीदारी के लिए लोग बाजारों का रूख कर रहे हैं. ऐसे में शहरों में चहल-पहल बढ़ गई है और लोग बसों में सफर भी कर रहे हैं. इन दिनों शहर में लोगों की अधिक आवाजाही देखने को मिल रही है. निजी बस ऑपरेटर यूनियन हमीरपुर के मीडिया प्रभारी विजय का कहना है कि अभी तक निजी बस ऑपरेटर इस स्थिति में नहीं है कि वो टैक्स अदा कर सकें और ऐसे में सरकार को निजी बस ऑपरेटरों को राहत देनी चाहिए.

त्योहारी सीजन में बस ऑपरेटर्स तेल का खर्च निकालने के साथ-साथ थोड़ी-बहुत कमाई कर पा रहे हैं. पहले की अपेक्षा अब लोग बसों में सफर करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. लोकल बस रूटों पर अधिक सवारियां देखने को मिल रही हैं. इसके अलावा एचआरटीसी की राइड विद प्राइड इलेक्ट्रिकल टैक्सी ने शहरवासियों को राहत दी है. अब इलेक्ट्रिकल टैक्सी की रोजाना करीब एक हजार तक की सेल हो रही है. धीरे-धीरे बढ़ रही कमाई से बस ऑपरेटरों को काफी हद तक राहत मिली है.

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