SHIMLA: एचआरटीसी पेंशनर्स का प्रदर्शन, समय पर पेंशन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल
Updated on: May 12, 2022, 1:40 PM IST

SHIMLA: एचआरटीसी पेंशनर्स का प्रदर्शन, समय पर पेंशन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल
Updated on: May 12, 2022, 1:40 PM IST
प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनर्स ने अपनी पेंशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल (HRTC pensioners protest in Shimla)दिया है. गुरुवार को प्रदेश भर से आए सैकड़ों पेंशनर्स ने पुराने बस अड्डे पर प्रदर्शन किया. इस दौरान एचआरटीसी से सेवा निवृत्त कर्मचारियों ने धरने पर बैठ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
शिमला: प्रदेश के एचआरटीसी पेंशनर्स ने अपनी पेंशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल (HRTC pensioners protest in Shimla)दिया है. गुरुवार को प्रदेश भर से आए सैकड़ों पेंशनर्स ने पुराने बस अड्डे पर प्रदर्शन किया. इस दौरान एचआरटीसी से सेवा निवृत्त कर्मचारियों ने धरने पर बैठ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन (एचआरटीसी) पेंशनर्स कल्याण संगठन के प्रधान सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि हम करीब 7 हजार पेंशनर हैं. सेवानिवृत्त कर्मचारियों का कहना है कि समय पर पेंशन न मिलने के कारण घर का खर्च चलाना मुश्किल हाे गया. हमें अपने हक के लिए सरकार से भीख मांगनी पड़ रही है. एचआरटीसी की सेवा में हमने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. उन्हाेंने कहा अगर समय पर पेंशन और अन्य भत्ते हमें नहीं मिले ताे सड़काें पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. सरकार के पास पेंशनर्स के साढ़े तीन करोड़ रुपए बकाया ,लेकिन सरकार नहीं दे रही है.
1100 करोड़ के घाटे में एचआरटीसी: एचआरटीसी अभी करीब 1100 करोड़ के घाटे में है, इसलिए महीने का खर्च चलाना निगम प्रबंधन के लिए मुश्किल हो रहा है. निगम की बसों से होने वाली आय का एक भाग जहां बसाें की मरम्मत पर चला जाता. वहीं, वर्तमान में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की सेलरी भी देना होती है. एचआरटीसी के पास बजट ही नहीं है. ऐसे में एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें पेंशन के लिए हर बार लंबा इंतजार करना पड़ता है, जबकि सभी पेंशन धारकों ने अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट सेवाएं निगम प्रबंधन को दी है. इसके बावजूद भी उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.
अतिरिक्त पेंशन का लाभ नहीं: एचआरटीसी पेंशनर्स संगठन का कहना है कि उन्हें 5, 10 और 15 प्रतिशत की अतिरिक्त पेंशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा. अधिकतर पेंशनर ऐसे हैं, जिनकी पेंशन के माध्यम से ही घर चलता है, लेकिन उन्हें पेंशन मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वर्ष 2015 से उन्हें ग्रेच्युटी अन्य तरह के भत्तों का भुगतान नहीं हुआ हैय वहीं, प्रबंधन के अधिकारी सिर्फ इस पर पल्ला झाड़ रहे हैं.
