शिमला के वेले बंदे सरबजीत बॉबी के मुरीद हुए अरविंद केजरीवाल, लंगर में आने की जताई इच्छा

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Published : Oct 3, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Oct 3, 2022, 6:40 PM IST

शिमला के वेले बंदे सरबजीत बॉबी

शिमला के आईजीएमसी में 8 साल से निशुल्क लंगर सेवा चला रहे सरबजीत सिंह बॉबी उर्फ वेले बॉबी (Shimla ka vella Banda Bobby) की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind kejriwal) ने सराहना की है. उन्होंने ट्विट कर बॉबी के लंगर में आने की इच्छा भी जताई (Arvind kejriwal tweet on Sarabjeet singh bobby) है. वहीं, सरबजीत सिंह बॉबी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही शिमला आएंगे और यहां हमारा लंगर देखेंगे. पढे़ं पूरी खबर..

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में बीते 8 साल से निशुल्क लंगर सेवा चला रहे सरबजीत सिंह बॉबी उर्फ वेले बॉबी (Shimla ka Vella Banda Bobby) की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind kejriwal) ने सराहना की है. उन्होंने ट्विट कर बॉबी के लंगर में आने की इच्छा भी जताई (Arvind kejriwal tweet on Sarabjeet singh bobby) है. वहीं, सरबजीत सिंह बॉबी का कहना है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शिमला आने का कार्यक्रम बनाया है. वह हमारे लंगर को देखने के लिए आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल आना चाहते हैं. इस बारे में उनसे मेरी बात हुई है और वह जल्द ही शिमला आएंगे.

आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में लंगर लगाने वाले समाजसेवी सरबजीत सिंह बॉबी (Sarabjeet singh bobby shimla) ने प्रशासन पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 1 साल से उनका बिजली और पानी बंद किया हुआ है और अब उन्हें लंगर भी नहीं लगाने दिया जा रहा है. ऑलमाइटी ब्लैसिंग्स संस्था के अध्यक्ष सरबजीत सिंह बॉबी का कहना है कि वह 25 साल से समाजसेवा के क्षेत्र में हैं और पिछले 6 साल से आईजीएमसी में मुफ्त लंगर चला रहे हैं.

  • शिमला के रहने वाले सरबजीत सिंह जी अस्पतालों में फ़्री लंगर चलाते हैं, ज़रुरतमंदों को निःशुल्क शव वाहन उपलब्ध कराते हैं। सरबजीत जी अपना पूरा जीवन देश और मानवता की सेवा में लगा रहे हैं।

    ऐसे ही जब 130 करोड़ लोग एक दूसरे की मदद कर देश को आगे बढ़ाएंगे तो भारत नम्बर-1 ज़रुर बनेगा। 🇮🇳 pic.twitter.com/MDNinH6so7

    — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उनका एक रोटी बैंक भी है, जिनमें बच्चों को भी जोड़ा गया है. मुफ्त लंगर के लिए बच्चे उन्हें 25 हजार रोटियां देते हैं. रोटियां दूर-दराज के इलाकों से भी उनके पास आती हैं. उनका कहना है कि पूर्व सरकार की मदद से 2017 में उन्होंने कैंसर मरीजों के लिए एक रैन बसेरा बनाने का कार्य शुरू किया था, जो काफी प्रयासों और मेहनत के बाद 2019 में बनकर तैयार हुआ था. लोक निर्माण विभाग ने इसका टेंडर करवाया था.

वहीं, वर्तमान सरकार के कुछ लोगों को ये कामयाबी पसंद नहीं आई और एक चक्रव्यूह रचकर ये रैन बसेरा किसी और दे दिया गया. सरबजीत सिंह बॉबी ने आरोप लगाया कि गुपचुप तरीके से इसके लिए टेंडर करवाया गया था. वहीं, लंगर लगाने के लिए भी उन्हें तंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी पार्टी से कोई मतलब नहीं है. लेकिन फिर भी उनके साथ राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने अपने मतलब के लिए अस्पताल को राजनीति का अड्डा बनाकर रख दिया है.

शिमला के वेले बंदे सरबजीत बॉबी.

बता दें कि कि बीते साल जब सरबजीत सिंह अस्पताल में ईलाज करवा रहे थे, तो आइजीएमसी प्रशासन ने उनके लंगर को बंद करवा दिया (Langar in IGMC Shimla) था. प्रशासन ने उनका सामान उठा कर बाहर फेंक दिया था और बिजली पानी का कनेक्शन भी काट दिया था. तब कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह भी उनके समर्थन में उतरे थे और सरकार से लंगर को चलने कि मांग की थी. तब से आज तक लंगर बिना बिजली पानी के चल रहा है. इस लंगर में प्रतिदिन 3000 लोग निशुल्क खाना खाते हैं.

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Last Updated :Oct 3, 2022, 6:40 PM IST
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