कांगड़ा में लंपी वायरस के मामले घटे, 17 हजार से ज्यादा पशु हुए ठीक

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Published : Sep 29, 2022, 4:41 PM IST

Lumpy virus cases decreased in Kangra.

हिमाचल में लंपी वायरस का प्रकोप अब थोड़ा कम हुआ (Lampy virus in himachal) है. जिला सोलन की तरह जिला कांगड़ा में भी लंपी वायरस के मामले घटे (Lampy virus in Kangra) हैं. जिले में जहां पहले करीब 15 सौ मामले प्रतिदिन सामने आ रहे थे वहीं, अब यह आंकड़ा घटकर 300 से 350 तक पहुंच चुका है. जिससे पशुपालन विभाग कांगड़ा (Animal Husbandry Department Kangra) ने राहत की सांस ली है.

कांगड़ा: जिला कांगड़ा में लंपी वायरस के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. जिससे पशुपालन विभाग कांगड़ा ने राहत की सांस ली (Lampy virus in Kangra) है. जिले में जहां पहले करीब 15 सौ मामले प्रतिदिन सामने आ रहे थे वहीं, अब यह आंकड़ा घटकर 300 से 350 तक पहुंच चुका है. बदलते मौसम के साथ लंपी वायरस के मामलों में थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही (Lumpy virus cases decreased in Kangra) है.

पशुपालन विभाग कांगड़ा (Animal Husbandry Department Kangra) के डिप्टी डायरेक्टर संजीव धीमान ने कहा कि लंपी वायरस अब नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक कुल 32,353 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें अभी तक लंपी वायरस से 1861 पशुओं की मृत्यु हुई है. संजीव धीमान ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन का कार्य लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 17 हजार से अधिक पशु लंपी वायरस से ठीक हो चुके हैं और रिकवरी डेट भी बेहतर हो रहा है.

संजीव धीमान ने कहा कि पशु मृत्यु पर विभाग द्वारा किसानों को डेथ सर्टिफिकेट और मुआवजा मुहैया कराया जा रहा है. कहा कि अभी तक जिला कांगड़ा में 30 हजार से अधिक पशुओं की वैक्सीनेशन की जा चुकी है और अन्य पशु चिकित्सा संस्थानों को वैक्सीनेशन उपलब्ध करवाने के लिए मंगवाई जा रही (Lampy virus vaccination in Kangra) है. उन्होंने कहा कि कुछ नए क्षेत्रों में लंपी वायरस के मामले देखने को मिल रहे हैं. जिस पर विभाग पूरी तरह से अपनी नजर बनाए हुए है.

संजीव धीमान ने कहा कि लंपी वायरस टेंपरेचर से भी प्रभावित होता है ओर ठंडे मौसम में इसका प्रभाव कम है. उन्होंने अनुरोध किया कि जहां भी आवारा पशु वायरस संक्रमित दिखे तुरंत प्रभाव से नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान को सूचित किया जाए. जिससे आवारा पशु की वजह से पालतू पशुओं में संक्रमित न हो सके. उन्होंने कहा कि इस वायरस का इंसानों पर कोई प्रभाव नहीं है. वहीं, संक्रमित पशु के दूध को भी पीने में कोई परेशानी नहीं है. उबाल कर दूध का उपयोग कर सकते (Lampy virus in himachal) हैं.
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