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KULLU: अब Hamta Pass से होकर जाने वाले ट्रैकरों को देना होगा 50 रुपये शुल्क

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Published : Jul 19, 2022, 8:47 AM IST

हामटा पास (Hamta Pass of Manali) से होकर जाने वाले ट्रैकरों को अब 50 रुपये शुल्क देना होगा. वन एवं पर्यटन विभाग ने जोबड़ी नाला में पहली चेक पोस्ट स्थापित की है. यहां पर ट्रैकरों से शुल्क वसूलन के साथ-साथ उनका पंजीकरण भी किया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कितने ट्रैकर यहां से लेह लद्दाख की ओर रवाना हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Hamta Pass
Hamta Pass

कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के हामटा पास (Hamta Pass of Manali) से गुजरने वाले ट्रैकरों को अब यहां पर शुल्क देना होगा. इसके साथ ही यहां से गुजरने वाले ट्रैकरों का वन एवं पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकरण भी किया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कितने ट्रैकर यहां से लेह लद्दाख की ओर रवाना हुए हैं. पंजीकरण के लिए सोमवार से वन एवं विभाग के द्वारा यहां पर चेक पोस्ट भी स्थापित कर दिया गया है. इस चेक पोस्ट पर ट्रैकरों को अब प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क (Trekking fees on Hamta pass) देना होगा.

वन एवं पर्यटन विभाग ने मनाली के जोबड़ी नाला में पहला चेक पोस्ट स्थापित किया है. चेक पोस्ट पर सभी को पंजीकरण करवाना होगा. इससे ट्रैकरों का रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा. ऐसे में लापता होने पर ढूंढने या हादसा होने पर तुरंत कार्रवाई करने में भी आसानी होगी. सोमवार को मनाली के जोबड़ी नाला में चेक पोस्ट के शुभारंभ पर डीएफओ एंजल चौहान और जिला पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे.

बता दें कि मनाली से हामटा, हामटा से छतड़ू, चंद्रताल, बारालाचा, लद्दाख और हामटा से किब्बर, पारंगला पास, सुमेरी लेक और लेह ट्रैकिंग रूट पर पर्यटक ट्रैकिंग करते हैं. ट्रैकर इन रूटों पर दो महीने तक का समय लगाते हैं. बाहरी राज्यों के पर्यटक एवं ट्रैवल एजेंट बिना पंजीकरण ही इन रूटों पर ट्रैकिंग पर निकलते हैं. हादसा होने पर कई लोगों की जान भी जा चुकी है. बिना पंजीकरण ट्रैकिंग करने वालों पर नजर रखने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग ने संयुक्त रूप से यह चेक पोस्ट स्थापित किया है.

वनमंडल अधिकारी कुल्लू एंजल चौहान ने कहा कि पिछले कुछ सालों से भारी संख्या में पर्वतारोही पहाड़ों (Trekking in Kullu Manali) का रुख कर रहे हैं. ये लोग होटलों के बजाय पहाड़ों में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं. ट्रैकिंग कारोबार को व्यवस्थित करने की जरूरत थी. भारी संख्या में ट्रैकरों के आने से पहाड़ों में कूड़ा-कचरा भी फैल रहा है और वे मनमाने ढंग से ट्रैकिंग कर रहे हैं. पर्वतारोहियों को वन तथा पर्यटन विभाग के नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि हामटा की तर्ज पर अब सभी ट्रैकिंग रूटों में इसी तरह बैरियर लगाए जाएंगे.

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