ETV Bharat / state

लापरवाह अधिकारी, जिम्मेदार कौन, खुले में भीग रहा लाखों बोरी गेहूं

author img

By

Published : May 18, 2019, 11:22 PM IST

डिजाइन फोटो

यही भीगा हुआ अनाज कुछ ही दिनों में आम जनता तक पंहुचेगा. आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि खराब अनाज के खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

रेवाड़ी: बावल रोड स्थित नई सब्जी मंडी में हैफेड और मार्केट कमेटी द्वारा किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद की गई लाखों बोरियां खुले आसमान के नीचे धूल मिट्टी और आंधी के बीच बारिश में भीग चुकी हैं.

लापरवाह अधिकारी, जिम्मेदार कौन, खुले में भीग रहा लाखों बोरी गेहूं

सेहत के साथ खिलवाड़

यही भीगा हुआ अनाज कुछ दिनों में आम जनता तक पंहुचेगा. आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि खराब अनाज के खाने से लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

खुले आसमान में रखी लाखों बोरी

अनाज लिफ्टिंग करने वाले मजदूरों और ट्रक चालकों ने बताया कि हैफेड के पास अनाज स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण किसानों से खरीदा गया लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे भीग रहा है.

लापरवाह अधिकारी, जिम्मेदार कौन, खुले में भीग रहा लाखों बोरी गेहूं

मजदूरों के लिए नहीं पानी की व्यवस्था

मजदूरों ने बताया कि न तो हैफेड की ओर से और न ही मार्केट कमेटी की तरफ से पीने के पानी तक की व्यवस्था की गई है, जिसके चलते यहां काम करने वाले मजदूरों और लोडिंग अनलोडिंग कर रहे ट्रक चालकों को पीने का पानी भी खरीदकर पीना पड़ता है.

हैफेड इंचार्ज ने झाड़ा पल्ला

वहीं हैफेड इंचार्ज ने कहा कि इस बार उम्मीद से अधिक गेंहू खरीद के कारण अनाज को स्टोर करने के लिए पर्याप्त गोदाम नहीं मिले, जिस कारण अनाज को खुले में रखना पड़ा. इस अनाज को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हुए. कई बार उन्होंने अधिकारियों को कहा, लेकिन किसी ने नहीं सुनी जिस कारण अनाज भीगने से खराब हो रहा है.

इस मद्दे पर हैफेड के आला अधिकारी से फोन पर सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. वहीं मार्केट कमेटी द्वारा यहां बनाए गए कार्यालय पर भी ताला लटका मिला.

Download link 

लापरवाह अधिकारी, जिम्मेदार कौन..?
खुले में भीग रहा लाखो का गेहूं...
रेवाडी, 18 मई।
एंकर: कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती और ये तस्वीरें हैं रेवाडी के बावल रोड स्थित नई सब्जी मंडी की, जहाँ हैफेड और मार्किट कमेटी द्वारा किसानों से गेंहूँ की सरकारी खरीद की गई लाखों बोरियां खुले आसमान के नीचे धूल मिट्टी और आंधी के बीच बारिश में भीग चुकी हैं। यही भीगा हुआ अनाज कुछ ही दिनों में आम जनता तक पंहुचेगा। आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि इस खराब अनाज के खाने से कितना बुरा प्रभाव पड़ सकता है लोगों के स्वास्थ्य पर। इसकी अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। इतना ही नहीं, यहां काम करने वाले मजदूरों और ट्रक चालकों के लिए पीने के पानी और शौचालय तक की व्यवस्था भी नहीं है। आखिर जिम्मेदार कौन?

वीओ 1:
इसे लेकर जब हमने यहाँ अनाज लिफ्टिंग करने वाले मजदूरों और ट्रक चालकों से बात की तो सभी का यही कहना था कि हैफेड के पास अनाज स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण किसानों से खरीदा गया लाखों टन अनाज खुले आसमान के नीचे भीग रहा है, जो खराब होने के बाद जनता तक पंहुचेगा। यह सब अधिकारियों की लापरवाही के कारण है। इन्होंने बताया कि न तो हैफेड की ओर से और न ही मार्किट कमेटी की तरफ से पीने के पानी तक की व्यवस्था की गई है, जिसके चलते यहाँ काम करने वाले मजदूरों और लोडिंग अनलोडिंग कर रहे ट्रक चालकों को पीने का पानी भी खरीदकर पीना पड़ता है।
बाइट 1 से 4: सभी मजदूर व ट्रक चालक

वीओ 2:
वहीं जब हैफेड इंचार्ज से बात की तो उन्होंने सफाई में कहा कि इस बार उम्मीद से अधिक गेंहू खरीद के कारण अनाज को स्टोर करने के लिए पर्याप्त गोदाम नही मिले, जिस कारण अनाज को खुले में रखना पड़ा। इस अनाज को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हुए। कई बार इन्होंने अधिकारियों को कहा, लेकिन किसी ने नही सुनी जिस कारण अनाज भीगने से खराब हो रहा है। इन्होंने इन अव्यवस्थाओं का जिम्मेदार मार्किट कमेटी व हैफेड अधिकारियों को ठहराया।
बाइट: मनोज कुमार इंचार्ज अनाज स्टोरेज हैफेड

वीओ फाइनल:
जब हमने हैफेड के आला अधिकारी से फोन पर सम्पर्क करना चाहा तो उनके पास समय ही नहीं था मीडिया का फोन पिक करने के लिये।
मार्किट कमेटी द्वारा यहाँ बनाये गए कार्यालय पर भी ताला लटका मिला।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.