पलवल: थन्थरी गांव में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को डिपो में कीड़े वाला गेहूं वितरित करने का मामला सामने आया है. ग्रामीणों का आरोप है कि डिपो होल्डर राशन कार्ड धारकों को नया गेहूं रोककर, पुराना गेहूं दे रहा है. वहीं डिपो होल्डर का कहना है कि सरकारी राशन में अगर कहीं कोई कमी होती है और राशन कार्ड धारक उनसे शिकायत करते हैं, तो वो उस राशन को बदल देते हैं, लेकिन उसे बदलने में दो से तीन महीने लग जाते हैं.
थन्थरी गांव के लोगों का कहना है कि डिपो होल्डर उन्हें कीड़ों वाला गेहूं वितरित कर रहा है. जब वो इस बारे में डिपो होल्डर से शिकायत करते हैं, तो डिपो होल्डर उल्टा उनपर ही कार्रवाई करने की धमकी देता है. ग्रामीणों ने डिपो होल्डर पर ये भी आरोप लगाया है कि वो नया गेहूं रोककर उन्हें पुराना गेहूं दे रहा है. वो नए गेहूं को बाजार में बेच देता है. उन्होंने कहा कि डिपो होल्डर उन्हें समय पर राशन नहीं देता.
एक तरफ ग्रामीण डिपो होल्डर पर आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी तरफ डिपो होल्डर डिपो होल्डर मुकेश खुद को बेकसूर बता रहा है. अब बड़ा सवाल ये है कि अगर सरकार की तरफ से खराब गेहूं आया भी है, तो तुरंत उसकी शिकायत की जानी चाहिए थी, ना कि ग्रामीणों को बांटा जाना चाहिए था. इस मामले में उच्च अधिकारी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ग्रामीणों के बढ़ते रोष को देखते हुए फिलहाल गेहं के विरतण पर रोक लगा दी गई है.
ये भी पढ़ें- रेवाड़ी सीएम फ्लाइंग की टीम ने जन स्वास्थ्य विभाग का किया औचक निरीक्षण, 14 कर्मचारी मिले नदारद
ये भी पढ़ें- रिश्तेदार के घर मातम मनाने जा रहे परिवार का एक्सीडेंट, एक महिला की मौत, 8 लोग घायल