करनाल: पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग काफी परेशान हैं तो सरकार की भी टेंशन बढ़ चुकी है. करनाल पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन शासन और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हैं. बता दें कि करनाल के वार्ड नंबर 8 और 18 में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जनसंवाद कार्यक्रम है. जिसके चलते शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री करनाल पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें: हथिनी कुंड बैराज से बजी खतरे की घंटी, ढाई लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंचा पानी, सायरन बजाकर किया गया फ्लड घोषित
अपने गृह जिले करनाल पहुंचे मनोहर लाल ने किसानों के लिए एक राहत भरी घोषणा की. उन्होंने कहा कि अगर बाढ़ा का पानी उतर जाता है, तो 31 जुलाई तक दोबारा फसलों की बिजाई हो जाएगी. यदि 31 जुलाई तक बाढ़ का पानी नहीं निकला और खेतों में बिजाई नहीं हो पाई, तो उन इलाकों के लिए अलग से मुआवजा देने पर विचार किया जाएगा.
सीएम ने कहा कि अगर पानी का लेवल बढ़ता है तो वह अब गांव के भीतर नहीं आएगा. अधिकारियों से बातचीत में सामने आया है कि जो बांध बनाए गए हैं. उन्हीं के अंदर पानी रहेगा और बाहर नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि जिसका नुकसान हुआ है, सरकार की तरफ से उनको मुआवजा जरूर दिया जाएगा. सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बाढ़ का प्रकोप 11 तारीख से जारी है. जिससे काफी नुकसान हुआ है. छह जिले यमुना और छह जिले घग्गर नदी के साथ-साथ वाले प्रभावित हुए है. सिरसा और फतेहाबाद जिले में अभी राहत नहीं है, बाकी अन्य जिलों में बाढ़ का पानी कम हुआ है.
सीएम ने कहा कि पहले एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था, लेकिन अबकी बार दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. उम्मीद है यह पानी भी यमुना से निकल जाएगा. पहाड़ों में होने वाली बारिश का असर यमुना जैसी नदियों पर होता है. बाढ़ प्रभावित जिलों का निरीक्षण किया गया है. जहां पर किसी की जान को खतरा नहीं है, लेकिन खेतों में पानी भरा हुआ है.
ये भी पढ़ें: फतेहाबाद के 121 गांव बाढ़ से प्रभावित: बाईपास को बनाया जा रहा 'बांध', पानी निकासी के लिए की जा रही ड्रेन की खुदाई