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गुरुग्राम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट टूटने से बाढ़ जैसे हालात, अधिकारी एक दूसरे पर डाल रहे ठीक करने की जिम्मेदारी

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Published : Sep 26, 2022, 9:35 PM IST

water logging in Gurugram
गुरुग्राम में टूटी एसटीपी चैनल

प्रदेश में हो रही बरसात किसानों और आम लोगों के लिये आफत बनी हुई है. गुरुग्राम में बरसात के साथ साथ अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट टूटने (STP channel Broken in Gurugram) से लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं. इस दौरान अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है.

गुरुग्रामः हरियाणा में पिछले कई दिनों से हो रही बरसात से जहां (Rain in haryana) जलभराव हो रहा है वहीं फसलें भी बर्बाद हो रही हैं. तीन दिन से हो रही बारिश रुकने के बाद भी गुरुग्राम के गांव खेड़की माजरा में बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चैनल चार जगह से टूट (STP channel Broken in Gurugram) गई. जिसके कारण आसपास के गांव व खेतों में पानी भर गया है.

एसटीपी चैनल टूटने की सूचना जब गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (Gurugram Metropolitan Development Authority) और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई तो वो इसे तुरंत ठीक करने की बजाए एक दूसरे विभाग जिम्मेदारी डालते नजर आये. विभाग के अधिरकारियों की लापरवाही से लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पानी को न रोका गया तो न केवल फसल तबाह हो जाएगी बल्कि पानी घरों में भी भर जाएगा.

गुरुग्राम में टूटी एसटीपी चैनल

वीरवार से शुरु हुई बारिश के बाद पूरा गुरुग्राम शहर जलमग्न (water logging in Gurugram) हो गया था. शहर का पानी निकाल कर बादशाहपुर ड्रेन के जरिए नजफगढ़ ड्रेन से होते हुए यमुना में भेजा जा रहा है. इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चैनल बनाया हुआ है. इस एसटीपी चैनल की देख-रेख का जिम्मा सिंचाई विभाग व जीएमडीए के पास है. जीएमडीए के चीफ इंजीनियर राजेश बंसल का कहना है कि एसटीपी चैनल के जरिए शहर के पानी को नजफगढ़ ड्रेन के साथ-साथ झज्जर में सिंचाई के लिए भेजा जा रहा है.

इसकी देखरेख का जिम्मा सिंचाई विभाग के पास है. सिंचाई विभाग इस एसटीपी चैनल को चौड़ा करने का कार्य रहा है. संभव है कि बारिश के दौरान यह चैनल टूट गया हो. स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार को दो बार यह चैनल टूटी थी जिसकी मरम्मत की गई थी. लेकिन रविवार को यह चार जगह से टूट गई जिसके कारण पूरे खेत व आसपास का क्षेत्र जलमग्न हो गया. खेतों में पानी भरने से फसलों में नुकसान हो रहा है. जिसके बाद वह जीएमडीए व सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सूचना दे रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

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