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ओपी चौटाला रिहा: ढोल नगाड़े, फूलों की बारिश और डांस के साथ कार्यकर्ताओं ने ऐसे किया स्वागत

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Published : Jul 2, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 4:47 PM IST

Op Chautala Released
Op Chautala Released

ओपी चौटाला रिहा (Op Chautala Released) होने के बाद सबसे पहले गुरुग्राम पहुंचे. गुरुग्राम पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जोरदार स्वागत किया गया.

गुरुग्राम: चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला औपचारिक तौर पर तिहाड़ जेल से रिहा (Op Chautala Released) हो चुके हैं. ओपी चौटाला जेल से रिहा होने के बाद सीधा गुरुग्राम पहुंचे. दिल्ली की तिहाड़ जेल से ओपी चौटाला अपने पोते करण चौटाला के साथ कार में गुरुग्राम पहुंचे. यहां पहुंचने पर इंडियन नेशनल लोकदल के कार्यकर्ताओं ने ओपी चौटाला का ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया. ओपी चौटाला के स्वागत को लेकर कार्यकर्ताओं में अलग ही उत्साह देखने को मिला. बार-बार हरियाणा का शेर आया के नारे लगाए गए. ओपी चौटाला के रिहा होने की खुशी में कार्यकर्ता फूले नहीं समा रहे थे.

ओम प्रकाश चौटाला (Op Chautala news) के रिहा होने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही इनेलो में एक बार फिर से नई ऊर्जा का संचार हुआ है. राजनीतिक जानकारों का माना है कि उनके राजनीति में सक्रिय होने के बाद प्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर हो सकता है. ओपी चौटाला का दमदार स्वागत इस बात को पुख्ता करता नजर आ रहा है. ओपी चौटाला के स्वागत के बहाने एक तरह से इनेलो ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया है. इनेलो ने हजारों की तदाद में समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बूते बदलाव का एक संदेश देने की कोशिश की है.

ढोल नगाड़े, फूलों की बारिश और डांस के साथ कार्यकर्ताओं ने ऐसे किया स्वागत

राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि ओपी चौटाला के खुलकर राजनीतिक मैदान में उतरने से हरियाणा की राजनीति उफान लेगी. जेल में रहते हुए भी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखा. जिससे कि आज भी पुराने कार्यकर्ता उनसे जुड़े हुए हैं. वैसे भी उनके छोटे बेटे अभय चौटाला साफ कर चुके हैं कि अगर चुनाव आयोग उन्हें मंजूरी देता है तो ऐलनाबाद का उपचुनाव लड़ेंगे. इसका मतलब साफ है कि इनेलो एक बार फिर से हरियाणा में पैर जमाकर सरकार बनाने की और काम करेगी.

चर्चाएं हैं कि ओपी चौटाला के पूर्ण रूप से बाहर आने पर हरियाणा की राजनीति (Haryana political equations) में गर्मी जरा बढ़ जाएगी. क्योंकि साल 1970 में जनता दल के सदस्य के रूप में पहली बार विधानसभा पहुंचे ओपी चौटाला का कनेक्शन कार्यकर्ताओं के साथ है वो उनके बेटों का नहीं है. क्योंकि अब इनेलो दो फाड़ हो चुकी है और अजय चौटाला अपना रास्ता अलग कर चुके हैं तो अभय चौटाला के लिए ओपी चौटाला की रिहाई एक संजीवनी साबित हो सकता है.

Op Chautala Released
पोते करण चौटाला के साथ तिहाड़ जेल से कार में गुरुग्राम पहुंचे ओपी चौटाला

जेजेपी-इनेलो के बीच बढ़ेगा टकराव?

हरियाणा की राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले ओपी चौटाला की सजा पूरी होने के बाद उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला के बीच सियासी टकराव का नया रूप देखने को मिल सकता है. अब देवीलाल की विरासत को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच तल्खी भी बढ़ती नजर आ रही है. इसकी बानगी सिरसा में देखने को मिली. ताऊ देवीलाल की मूर्ति के शुद्धिकरण वाले वाक्ये ने एक नया सवाल खड़ा कर दिया. पहले ओम प्रकाश चौटाला और उनके भाई रणजीत चौटाला में खींचतान और अब अभय चौटाला और अजय चौटाला के बीच दूरी. फिर उनके बेटों तक ये खाई बढ़ती जा रही है.

क्या था मामला?

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. चार्जशीट के मुताबिक 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT Recruitment Scam) को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था. मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया.

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ओपी चौटाला का राजनीतिक सफर

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी, 1935 को हरियाणा के सिरसा गांव में हुआ. ओपी चौटाला पूर्व उप मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र हैं. ओमप्रकाश चौटाला पांच बार (1970, 1990, 1993, 1996 और 2000) हरियाणा विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं. साल 1989 में ओम प्रकाश चौटाला पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके बाद वो 1990, 1991 और 1999 में भी मुख्यमंत्री बनें.

Last Updated :Jul 2, 2021, 4:47 PM IST
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