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महीने भर से इस मोहल्ले में नहीं हुई पेयजल की सप्लाई, सीवरेज का पानी पीने से बीमार पड़े लोग

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Published : Feb 22, 2019, 7:57 AM IST

नल से निकलता सीवरेज का पानी.

नीम चौक मोहल्ले में सीवरेज का गन्दा पानी वाटर स्पलाई के जरिए उनके घरों में भी पहुंचा रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे है.

भिवानी : वैसे तो सरकार स्वच्छ पेयजल, स्वच्छ्ता अभियान का ढोल पीटते नहीं थकती लेकिन जो भिवानी के नीम चौक मोहल्ला में हो रहा है उसके लिए कौन जिम्मेदार है. इस मोहल्ले में सीवरेज का गन्दा पानी वाटर स्पलाई के जरिए उनके घरों में भी पहुंचा रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे है.

इस बारे में नगर पार्षद से सवाल करने पर सीधे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए. ना कोई अधिकारी और ना ही नेता जवाब देने को तैयार है.

स्थानीय लोगो का कहना है कि इस बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचना भी दी जा चुकी है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. परेशान स्थानीय निवासियों का कहना है कि सीवरेज का गन्दा पानी चारों तरफ खड़ा होना शुरू हो गया है और अगर समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो ये समस्या और अधिक गहरी बन सकती है.

इस मामले में स्थानीय पार्षद नरेंद्र सर्राफ ने का कहना है कि उन्होंने मौका मुआयना किया है, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस समस्या की सूचना संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है और जल्द ही इसका हल भी निकाल लिया जाएगा.

दुधारू पशु रहस्यमय बीमारी के चलते आ रहे है मौत की चपेट में
घर-घर जाकर चिकित्सकों की टीम कर रही पशुओं की जांच 
भिवानी, 21 फरवरी : गांव बलियाली में पिछले एक सप्ताह से दुधारू पशु रहस्यमय बीमारी से मौत की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि पशुपालन विभाग इस बारे में सचेत हो गया है और घर-घर जाकर पशु चिकित्सकों की टीम दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य की जांच कर रही है। ग्रामीणों के मुताबिक अब तक गांव में इस बीमारी से दर्जनों भैंसों व कटड़े-कटडिय़ों की मौत हो चुकी है। वही पशुपालन विभाग की प्राथमिकी जांच में अधिकत्तर भैंसों को नमूनिया व मुंहखोर की बीमारी सामने आई हैं। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने सभी तैयारियां आरंभ कर दी हैं। 
    गांव बलियाली निवासी अमर सिंह ने बताया कि एक सप्ताह के दौरान बीमारी की चपेट में आने से उनकी दौ भैंसों की मौत हो चुकी हैं। इसी प्रकार जगबीर ने बताया कि दो दिन पहले उसकी कटड़ी व राजकुमार, धर्मचंद ने बताया कि उनकी कटड़ी की भी बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। इसके अलावा दयाकिशन व नरसी की कटड़ी, भीमू कुमार की भैंस, रामनिवास की कटड़ी, सुरेश कुमार का कटड़ा, नरेश कुमार व ललित की बछड़ी व कुलदीप की गाय की मौत हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस बीमारी के आने से पहले पशु चारा खाना छोड़ देते हैं और उनके शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। 
    ग्रामीण विकास युवा मंडल के अध्यक्ष सचिन सरदाना, नरेश फौजी, सुनील कुमार, संजय चौहान, गौरव कुमार आदि ने बताया कि अधिकत्तर ग्रामीण पशुओं का दूध बेचकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। गांव के पशुओं में यह बीमारी फैलने से कई पशुपालकों को हजारों रूपयों का नुकसान हुआ है। इसके चलते ऐसे परिवारों की सरकार द्वारा आर्थिक सहायता की जानी चाहिए, ताकि उन्हे कुछ राहत मिल सकें।     गांव बलियाली स्थित पशु अस्पताल के वेटरनी सर्जन डा. विजय कुमार सनसनवाल ने बताया कि कुछ पशुओं में वायरल फैलने से यह बीमारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी पशुपालक का पशु अचानक चारा खाना छोड़ दे या उसके शरीर के तापमान में बढ़ोत्तरी दिखाई दे तो वे तुरंत वे चिकित्सकों को इस बारे में सूचित करें। समय रहते स्थिति को काबू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं में नमूनिया व मुंहखोर आदि की बीमारी मौसम बदलाव के कारण से होती है। उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी है कि वे दूषित तालाब में अपने पशुओं को न नहलाएं व ठंडा पानी भी न पिलाएं। ठंडे और दूषित पानी के कारण ही पशुओं में वायरल फैल जाता है। अगर किसी पशुपालक को इन बीमारियों के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हे घर में ताजा पानी पिलाना चाहिए। साथ-साथ गुनगुने पानी के साथ नहलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि धूप निकलने के बाद वायरल अपने आप खत्म हो जाता है। जहां पर पशु को बांधा जाए, वह जगह साफ-सुथरी व सूखी रहनी चाहिए। 
फोटो कैप्शन : 21बीडब्ल्यूएन, 4 : बीमारी की चपेट से मौत का ग्रास बने पशुओं को उठाते पशुपालक।

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